दीपावली
दिवाली दे सुषमा निराली विश्व को नव ज्ञान दे। शांति दे इस विश्व को गौरवमयी पहचान दे। चिर पुरातन हिंद से विद्वानता का मान दे। प्रीति, वैभव, चेतना,यश हर हृदय को दान दे॥ दिवाली पर मानव हृदय में प्रकृति के प्रति प्यार हो। कष्ट का होवे निवारण आरोग्यमय संसार हो। प्रात: स्वागत गान गाए सांझ गाए आरती- दीप की शुभ रश्मियों का विश्व को उपहार हो। आओ एक इतिहास रचाएं। इस दुनिया में तम ही तम है दीवाली पर दीप जलाएं। नेहन्नीति की सुंदर सरगम मिल कर हम तुम सारे गाएं॥ विश्व गुरु भारत का सपना, आओ! हम साकार बनाएं दी