“जिस पापी को गुण नहीं गोत्र प्यारा है, समझो उसने ही हमें यहां मारा है” राष्ट्रकवि दिनकर
उठ मंदिर के दरवाजे से, जोर लगा खेतो में अपने। नेता नहीं, भुजा करती है, सत्य सदा जीवन के सपने।। ...
उठ मंदिर के दरवाजे से, जोर लगा खेतो में अपने। नेता नहीं, भुजा करती है, सत्य सदा जीवन के सपने।। ...
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