कंगना की आज़ादी पर कर्कश, कन्हैया और स्वरा पर क्यों नहीं ?
यह आज़ादी भी बड़ी कमाल की चीज है। कंगना रानौत ने पद्मश्री होते ही कहा आज़ादी हमें 2014 में मिली। किताबों में पढ़ा था कि 15 अगस्त 1947 को मिली। कंगना के बयान के बाद सब बोल रहे हैं कि 1947 में ही मिली थी। जबकि 2016 में कन्हैया कुमार…