ज्ञान से परिपूर्ण हो जाता है भगवान का शरणागत
निर्मानमोहा जितसङ्गदोषा अध्यात्मनित्या विनिवृत्तकामाः। द्वन्द्वैर्विमुक्ताः सुखदुःखसंज्ञै-र्गच्छन्त्यमूढाः पदमव्ययं तत् ।। भावार्थ : जो झूठी प्रतिष्ठा, मोह तथा कुसंगति से मुक्त हैं, ...
निर्मानमोहा जितसङ्गदोषा अध्यात्मनित्या विनिवृत्तकामाः। द्वन्द्वैर्विमुक्ताः सुखदुःखसंज्ञै-र्गच्छन्त्यमूढाः पदमव्ययं तत् ।। भावार्थ : जो झूठी प्रतिष्ठा, मोह तथा कुसंगति से मुक्त हैं, ...
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