महिला सशक्तिकरण और बाल-विकास में अगुवा राज्य कर्नाटक
21वीं सदी को महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक हैसियत में तेजी से वृद्धि की सदी के रूप में देखा जाता रहा है, सो वह पिछले एक दशक में मानव जीवन में आये बदलावों में साफ दिखायी दे रहा है। लेकिन इसके साथ ही बाल विकास के महत्व की अवहेलना भी नहीं की जा सकती है। भारतीय समाज में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों के प्रति हमेशा से उपेक्षा का भाव देखने को मिला है।