
1 मार्च 2020 रविवार के दिन गोकुल शाखा के स्वयंसेवकों ने अपने शाखा के डेढ़ साल पूरे होने के अवसर पर वार्षिक उत्सव बड़े ही हर्षोउल्हास से अपने परिजनों तथा सामान्य नागरिको के साथ मनाया। इस शुभ अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर कोंकण प्रान्त के बौद्धिक विभाग के प्रभारी श्रीमान श्री प्रकाश मिश्र जी उपस्थित थे। वार्षिक उत्सव के दौरान सभी स्वंयसेवक गणवेश में पूरे जोश के साथ मौजूद थे।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि और कार्यवाहक राजकुमार सैनी के परिचय से शुरु हुई। यह कार्यक्रम मूल 2 घण्टे के लिए नियोजित किया गया था तो इतने कम समय में सब कुछ प्रदर्शित करना असंभव था। इसलिए स्वंयसेवकों ने समय के अनुसार वहां मौजूद लोगों को संघ के परिचय कराने की कोशिश की। इस कार्यक्रम में बच्चो के संग कुछ संघ के सरल खेलो का अभ्यास हुआ, जिसमें बच्चो ने बहुत आनंद लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ये था कि अपने समाज को संघ के सामान्य शाखा में होने वाली दिनचर्या और उसके लाभ प्रदर्शित करें। इसी को ध्यान में रखकर कार्यक्रम के शुरुआत में ही मुख्य शिक्षक कमल जी के निगरानी में योग तथा समता का प्रदर्शन हुआ। इसके लाभ के बारे में और शाखा द्वारा हुए कामों के बारे में श्रीमान शाखा कार्यवाह राजकुमार सैनी जी ने अपने विचार प्रकट किए।
वहीं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री प्रकाश मिश्र ने कुटुम्ब प्रबोधन पर अपने विचार रखे जो लोगों को काफी पसंद आये। उन्होंने कुटुम्ब प्रबोधन पर विस्तार में चर्चा की और सरल उदाहरणों में लोगों को परिवार का महत्व समझाया। इनका वक्तव्य इतना ऊर्जावान था कि मानो इनके शब्दों को प्रत्यक्ष रुप से देखा जा सकता था।
वही अगर शाखा के शुरुआती दिनों पर प्रकाश डाले तो हमने यह पाया कि वरिष्ठ शिक्षकों द्वारा बहुत प्रयोगों के बाद ऐसा सफल परिणाम मिला है। शाखा के वरिष्ठ लोगों द्वारा बताया गया कि शुरुआती दिनों में यह शाखा शाम के समय लगा करती थी क्योंकि
लोगों की संख्या काफी कम थी। लेकिन समय के साथ परिवर्तन हुआ और फिलहाल यह शाखा सप्ताह के दिनों में सुबह 5:45 से 6:45 बजे और रविवार को 7:00 से 8:00 बजे तक चलती है। डेढ़ साल पहले 4 स्वयंसेवक से शुरू हुई यह शाखा 100 से ऊपर पहुंच चुकी है।
शाखा के स्वंयसेवको ने समय-समय पर सामाजिक कार्यों में भी जमकर हिस्सा लिया है। मतदान के समय स्वयंसेवको ने घर-घर जाकर लोगों से मतदान करने की अपील की थी। जिससे मतदान के प्रतिशत में बढ़ोत्तरी देखने को मिली थी। इसके साथ ही बारिश के समय बहुत लोगों के घरों से पानी निकाले में भी मदद की थी। वर्तमान में इस शाखा का औपचारिक पट 111 का है, जोकि सामान्य तौर पर प्रशंसनीय है और यह सब सिर्फ शाखा के एक-एक निष्ठावान कार्यकर्ता के कारण संभव हुआ है।
स्वयंसेवक होना ज़िम्मेदारी का कार्य है, अपने देश और धर्म की रक्षा के लिए तत्पर रहने वाले यह वीरो की श्रृंखला को भारतीय संस्कृति नमन करती है।
संघ शक्ति युगे युगे


उत्तम
अति उत्तम कार्य
देश प्रगति की और बढ़ रहा है