भारत में कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा है और हालात तीसरे स्टेज की तरफ बढ़ रहे हैं। भारत में संक्रमित लोगों की संख्या 5 हजार के पार पहुंच चुकी है जबकि 150 से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है। पिछले 1 सप्ताह में जिस तेजी से संक्रमित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है उससे आने वाले दिनों में खतरा ज्यादा नजर आ रहा है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कोरोना वायरस के एक मामले पर सुनवाई हुई इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि देश में कोरोना का टेस्ट फ्री में किया जाना चाहिए क्योंकि जिस तरीके से संक्रमण बढ़ रहा है वह जल्द ही एक बड़ा भयानक रूप ले सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार की तरफ से कोरोना टेस्ट के लिए जो फीस निर्धारित की गई है वह ज्यादा है इसलिए लोग टेस्ट कराने से बच रहे हैं।
आपको बता दें कि कोरोना का टेस्ट सरकारी और निजी दोनों लैब में हो रहा है। सरकार की तरफ से कुछ निजी लैब को भी इसकी अनुमति दी गई है और इस टेस्ट की फीस 4.5 हजार रुपये निर्धारित की गयी है। निजी लैबों के लिए निर्धारित की गयी फीस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह कहा कि सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्राइवेट लैब में कोरोना टेस्ट के लिए भी कोई फीस ना हो। सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले पर एक याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि निजी लैब को कोरोना टेस्ट के लिए पैसे नहीं लेने चाहिए
Supreme Court suggested & asked Solicitor General, don't let private labs charge high amount. You can create an effective mechanism for reimbursement from government for tests, SC asked and suggested him. SG replied that they'll look into it & try to devise what can be done best. https://t.co/CoeZ6uNeDm
— ANI (@ANI) April 8, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना टेस्ट के लिए निजी लैब में जो फीस निर्धारित की गई है वह आम जनता की पहुंच से ज्यादा है। कोई भी साधारण व्यक्ति इतनी बड़ी फीस देने से बचना चाहेगा जिसका गलत असर समाज पर पड़ेगा और देश में संक्रमण का खतरा बढ़ जायेगा। इसलिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि सरकार इस पर विचार करें, नहीं तो कोर्ट की तरफ से इस पर नया आदेश जारी किया जा सकता है।
सरकार की तरफ से पूरे देश में 21 दिनों का लॉक डाउन किया गया है जो 14 अप्रैल को खत्म हो रहा है। हालांकि पिछले 1 सप्ताह से देश के हालात लगातार खराब हो रहे हैं और संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में लॉक डाउन बढ़ाने पर भी विचार चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आए सुझाव को सरकार को मानना चाहिए क्योंकि अगर कोरोना का टेस्ट मुफ्त में होता है तो लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में निकलकर अपना टेस्ट करवाएंगे और संक्रमित लोगों की पहचान जल्द से जल्द हो सकेगी।