◼वामपंथी नक्सली व ईसाई मिशनरियों पर घूम रही शक की सुई
महाराष्ट्र के पालघर जिला में साधुओं की मॉब लॉन्चिंग मामले में पूरे देश भर में आक्रोश की लहर फैलती जा रही है और सोशल मीडिया पर इस पर तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। सभी अपनी मनोभावना साझा करते हुए दोषियों को तत्काल फांसी की सजा देने की मांग कर रहे है।
जिस राज्य में साधु – संतों की हत्या हो, उस राज्य के राजा का पतन निश्चित
साधु – संतों की यह पावन महाराष्ट्र भूमि पर एक दिन संतों की ही निर्मम हत्या होगी यह किसी ने सोचा तक नहीं था। लेकिन कांग्रेस – राष्ट्रवादी एवं शिवसेना आघाडी सरकार पर यह सबसे बड़ा कलंक लग गया है जो सदियों तक नही मिटेगा। कहा जाता है कि जिस राज्य में साधु – संतों की हत्या हो, उस राज्य के राजा जा पतन होना निश्चित हो जाता है।
साधु – संतों की यह पावन महाराष्ट्र भूमि पर एक दिन संतों की ही निर्मम हत्या होगी यह किसी ने सोचा तक नहीं था। लेकिन कांग्रेस – राष्ट्रवादी एवं शिवसेना आघाडी सरकार पर यह सबसे बड़ा कलंक लग गया है जो सदियों तक नही मिटेगा। कहा जाता है कि जिस राज्य में साधु – संतों की हत्या हो, उस राज्य के राजा जा पतन होना निश्चित हो जाता है।
साधु अवग्या कर फलू ऐसा, जरई नगर अनाथ कर जैसा
साधु अवज्ञा करने मात्र से सर्वनाश हो जाता है लेकिन यहां तो उनकी पिट पिट कर बर्बर हत्या की गई है, उनकी करुण पुकार, चीत्कार, आहे, आंसू सभी चीख – चीख कर कह रही है इंसाफ होगा और परमात्मा व प्रकृति न्याय करेंगे।
साधु अवज्ञा करने मात्र से सर्वनाश हो जाता है लेकिन यहां तो उनकी पिट पिट कर बर्बर हत्या की गई है, उनकी करुण पुकार, चीत्कार, आहे, आंसू सभी चीख – चीख कर कह रही है इंसाफ होगा और परमात्मा व प्रकृति न्याय करेंगे।
पालघर पुलिस कटघरे में?
भगवा वस्त्र पहने बुजुर्ग साधु संत वायरल वीडियों में पुलिस के साथ दिखाई दे रहे है। वीडियों में साफ तौर से देखा जा सकता है कि पुलिस वाले चौकी से संतो को बाहर लाती है और भीड़ के हवाले कर देती है। भीड़ में से कुछ हैवान, शैतान, नर पिशाच साधुओं को लाठी – डंडों से पीटने लगते है। साधु अपनी जान बचाने के लिए एक छोटे बच्चे की भांति पुलिस का हाथ पकड़ कर बच निकलने का प्रयास करता है लेकिन पुलिसकर्मी अपना हाथ छुड़ा लेते है। जिसके बाद भीड़ सरेआम लाठी, डंडे, कुल्हाड़ी, पत्थर आदि से राक्षसी कृत्य करते हुए निर्ममता से दो साधुओं सहित एक व्यक्ति की हत्या कर देते है। इस दौरान पुलिस वाले उनको बचाने का प्रयास तक नही करते और नाही हवाई फायरिंग करते है। पुलिस की संदिग्ध भूमिका किसी षड्यंत्र की ओर इशारा कर रही है। सवाल उठाया जा रहा है कि लोक डाउन की स्थिति में किसके दबाव में पुलिस ने नरम रुख अपनाया ? सज्जनों की रक्षा करने और दुष्टों का नाश करने का घोष वाक्य धारण करने वाली महाराष्ट्र पुलिस नपुंशक की भांति मूकदर्शक की भूमिका क्यों अदा कर रही थी ? क्या भ्रष्ट, बिकाऊ, विवेकहीन, संवेदनहीन पुलिस हमारे समाज की रक्षा के लिए उपयुक्त है ?
भगवा वस्त्र पहने बुजुर्ग साधु संत वायरल वीडियों में पुलिस के साथ दिखाई दे रहे है। वीडियों में साफ तौर से देखा जा सकता है कि पुलिस वाले चौकी से संतो को बाहर लाती है और भीड़ के हवाले कर देती है। भीड़ में से कुछ हैवान, शैतान, नर पिशाच साधुओं को लाठी – डंडों से पीटने लगते है। साधु अपनी जान बचाने के लिए एक छोटे बच्चे की भांति पुलिस का हाथ पकड़ कर बच निकलने का प्रयास करता है लेकिन पुलिसकर्मी अपना हाथ छुड़ा लेते है। जिसके बाद भीड़ सरेआम लाठी, डंडे, कुल्हाड़ी, पत्थर आदि से राक्षसी कृत्य करते हुए निर्ममता से दो साधुओं सहित एक व्यक्ति की हत्या कर देते है। इस दौरान पुलिस वाले उनको बचाने का प्रयास तक नही करते और नाही हवाई फायरिंग करते है। पुलिस की संदिग्ध भूमिका किसी षड्यंत्र की ओर इशारा कर रही है। सवाल उठाया जा रहा है कि लोक डाउन की स्थिति में किसके दबाव में पुलिस ने नरम रुख अपनाया ? सज्जनों की रक्षा करने और दुष्टों का नाश करने का घोष वाक्य धारण करने वाली महाराष्ट्र पुलिस नपुंशक की भांति मूकदर्शक की भूमिका क्यों अदा कर रही थी ? क्या भ्रष्ट, बिकाऊ, विवेकहीन, संवेदनहीन पुलिस हमारे समाज की रक्षा के लिए उपयुक्त है ?
आवाज फाउंडेशन के अध्य्क्ष आशीष भंडारी ने इस मामले में पुलिस को आईना दिखाते हुए कहा है कि महाराष्ट्र की पालघर पुलिस ने एक बार फिर साबित किया है कि वर्दी उन्होंने रिश्वतखोरी के लिए पहनी है, औकात तो वाचमैन की भी नही है। जो काफी हद तक महाराष्ट्र पुलिस की भ्रष्ट कार्यप्रणाली को देखते हुए सटीक बैठती है।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
साधुओं के निर्मम हत्या का वीडियों जंगल में लगी आग की तरह पूरे देश में फैल गया। जिसके बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आ गई। पटना से भास्कर झा जी ने लिखा कि उक्त वीडियो में तड़पता हुआ संत और कोई नही आप हो। आप का भविष्य है और ट्रक में अपमानित अवस्था में पड़ी हुई लाश आपके बच्चों की लाशें है, इतना समझ लीजिए। दूसरे यूजर ने लिखा कि हिन्दू समाज और हिन्दू संगठनों की भूमिका सांप के जाने के बाद उसकी लकीर पर लाठी पीटने जैसी है। मीरा रोड के आकाश सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा कि पालघर में संत समाज के साधुओं की नृशंस हत्या अक्षम्य अपराध है। ऐसे अमानवीय कार्य करने वालों जाहिलों को कड़ी सजा सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा एक अन्य यूजर ने कहा कि गोवंश की तस्करी करने वाले को जब भीड़ ने पीटा तो मीडिया ने इसे सनसनी न्यूज बनाकर दुनिया भर में दिखाया लेकिन कांग्रेस – राकांपा एवं शिवसेना शासित राज्य में संतो की मॉब लॉन्चिंग मामले में इतना सन्नाटा क्यों ? एक यूजर ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि वीडियो देखकर रोना आ रहा है। इतने बुजुर्ग संत पर हमला करनेवालों को शर्म नही आई। ऐसे लोगों को सरेआम बीच सड़क पर काट कर फेंक देना चाहिए। प्रवीण गुगनानी ने कहा कि पालघर में मॉब लॉन्चिंग नही हुई है, वहां तो बुद्धिजीवियों जा सम्मेलन हुआ है। अतः देश के सारे कथित बुद्धिजीवी, मोमबत्ती गैंग, वामपंथी और सहिष्णु लोग चुप है ? एक युवक ने कहा कि संत थे इसलिए लॉन्चिंग का कोई शोर नही, अखलाक, तबरेज या जॉन होता तो अब तक गिद्ध छाती पिट रहे होते। कुछ मत कहिए, मौन धारण कर लीजिए अन्यथा सेक्युरिज्म यानी धर्म निरपेक्षता बुरा मान जाएगा। आवार्ड वापसी समारोह आयोजित होने लगेंगे। दिल्ली से रूपेश गुप्ता ने सवालिया लहजे में लिखा कि ओड़िसा में हुए क्रिश्चियन मिशनरी के जघन्य हत्या पर अंतरराष्ट्रीय खबर बनाने वाले वामपंथी मीडिया के भेड़िये पालघर कांड पर चुप क्यों है ? अगर ये हत्या किसी मौलवी या मिशनरी की हुई होती तो ? इस तरह के अनेकानेक लाखों संदेश सोशल मीडिया पर वायरल किये जा रहे है।
बता दे कि इस बाबत पुलिस ने मामला दर्ज कर 101 लोगों को गिरफ्तार कर हिरासत में लिया है। उसमें से 9 लोग नाबालिग बताए जा रहे है। इस मामले में सहायक पुलिस निरीक्षक आनंद राव काले और पुलिस उपनिरीक्षक सुधीर काटारे को निलंबित कर दिया गया है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी कार्रवाई का आदेश दिया है। बावजूद इसके सीबीआई जांच की मांग देश में उठ रही है। लोगों का कहना है कि यदि राज्य स्तर पर इस मामले की जांच की गई तो असली गुनहगार बच जाएंगे। बताया जाता है कि गुजरात एवं दादरा व नगर हवेली बॉर्डर के समीप स्थित दुर्गम व पहाड़ी क्षेत्र में गड़चिंचले गांव फारेस्ट क्षेत्र में बसा हुआ है और वह वामपंथी नक्सली व ईसाई मिशनरियों का गढ़ है। ऐसी चर्चा है कि साधुओं की हत्या के असली सूत्रधार मिशनरी और वामपंथी नक्सली हो सकते है।
महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था खराब – देवेंद्र फडणवीस
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर कहा है कि पालघर में साधुओं की हत्या का मामला बेहद गंभीर है। जिस क्रूरता के साथ उनको मारा गया है, मानवता को भी शर्म आ जाये, ऐसी यह क्रूरता है। सबसे शर्मनाक बात यह है कि पुलिस के सामने भीड़ साधुओं को लाठी डंडों से पिटती है। इससे शर्मनाक बात और क्या हो सकती है। इससे यह साबित होता है कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था खराब है। कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने साधुओं की हत्या करने वाले सभी दोषियों को फांसी की सजा की मांग की है। वहीं दूसरी ओर विश्व हिंदू परिषद (कोंकण प्रान्त) के सहमंत्री श्रीराज नायर ने भी राज्य सरकार से तत्काल दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर कहा है कि पालघर में साधुओं की हत्या का मामला बेहद गंभीर है। जिस क्रूरता के साथ उनको मारा गया है, मानवता को भी शर्म आ जाये, ऐसी यह क्रूरता है। सबसे शर्मनाक बात यह है कि पुलिस के सामने भीड़ साधुओं को लाठी डंडों से पिटती है। इससे शर्मनाक बात और क्या हो सकती है। इससे यह साबित होता है कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था खराब है। कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने साधुओं की हत्या करने वाले सभी दोषियों को फांसी की सजा की मांग की है। वहीं दूसरी ओर विश्व हिंदू परिषद (कोंकण प्रान्त) के सहमंत्री श्रीराज नायर ने भी राज्य सरकार से तत्काल दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
जागे अब योगी मोदी, जागे सकल समाज
बहुत दुखी हूं आज मैं और बहुत हताश।
संतो के हत्यारों का हो सर्व सत्यानाश।।
जागे अब योगी मोदी, जागे सकल समाज।
हत्यारों पर भी मौत का गिराओ अब गाज।।
अब मौन रहना कायरता की निशानी है।
नर पिशाचों की बलि ही इंसाफ की कहानी है।।
Agar sarkar insaf sahi kari to thik hai nhi to jawab bahut jaldi hi sarkar ko mil jayega,jo palghar ke liye thik nhi hoga
सरकार में बैठे भगवा ओढ़े भगवा के गद्दारों को दो लाइन कहूंगा
भगवा धारक भगवा धारी सबको बेवकूफ बना कर इस कुर्सी तक आए हैं
कैसे छोड़ दे भगवा के गद्दार इस कुर्सी को जिसके लिए भगवा बेच के आए हैं