- केंद्रीय कर्मचाारियों के वेतन पर चली कोरोना की कैंची
- सरकार ने कोरोना की लड़ाई के लिए बचाया 37 हजार करोड़
- केंद्रीय कर्मचाारियों के महंगाई भत्ते पर जुलाई 2021 तक रोक
- जून तक बढ़ सकता है लॉक डाउन?
कोरोना वायरस का असर अब धीरे धीरे अर्थव्यवस्था के बाद लोगों की कमाई पर भी असर डालने लगा है। केंद्र सरकार लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि निजी संस्थानों में काम करने वालों को नौकरी से ना निकाला जाये या फिर उनका वेतन भी ना काटा जाये। लेकिन अब केंद्र सरकार के कर्मचारी खुद इसके शिकार हो रहे है क्योंकि सरकार की तरफ से बढ़ने वाले वेतन पर रोक लगा दी गयी है। केंद्र सरकार की तरफ से निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों का डीए यानी मंहगाई भत्ता जुलाई 2021 कर के लिए रोक दिया गया है। सरकार के मुताबिकि इस फैसले से करीब 37 हजार करोड़ से उपर की बचत होगी जिसे कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में इस्तेमाल किया जायेगा।
केंद्र की मोदी सरकार जहां एक तरफ कोरोना की लड़ाई पर नजर बनाए हुए है वहीं सरकार को इस बात का भी पूरा ध्यान है कि सरकार के पास फंड की कमी नहीं होनी चाहिए जिसके लिए वह अलग अलग उपाय कर रही है। केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड बना कर आम और खास सभी से योगदान लिया। पीएम केर्यस फंड में लोगों ने छोड़ी बड़ी राशियों को जमकर दान किया जिससे सरकार के पास एक बड़ी राशि उपलब्ध हो गयी। भारत सरकार की तरफ से ऐलान किया गया कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसद और मंत्री अपने वेतन का 30 फीसदी पीएम केयर्स फंड में दान देंगे इसके साथ ही सांसद निधी को भी 2 साल के लिए निरस्त कर दिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों से भी एक दिन का वेतन दान करने को कहा है।
कोरोना वायरस की वजह से देश में लॉक डाउन जारी है जो 3 मई तक के लिए लगा हुआ है इससे पहले सरकार ने 14 अप्रैल तक के लिए लॉक डाउन लगाया था लेकिन कोरोना से बिगड़ते हालात को देखते हुए इसे 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। वहीं सूत्रों की मानें तो अब लॉक डाउन को 3 जून तक के लिए बढ़ाया जा सकता है क्योंकि कोरोना पर पूरी तरह से अभी तक रोक नहीं लग पा रही है। 27 अप्रैल को प्रधानमंत्री और बाकी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक होने वाली है जहां लॉक डाउन और कोरोना के हालात पर चर्चा होगी।