- केंद्र सरकार ने मजदूरों-छात्रों के लिए जारी की नई गाइडलाइन
- सड़क रास्ते से सभी को घरों तक पहुंचाया जायेगा
- सभी राज्यों में नियुक्त होंगे नोडल अधिकारी
- यात्रा करने वाले सभी लोगों को किया जायेगा क्वारंनटाइन
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार की तरफ से पूरे देश में लॉक डाउन लगा दिया गया है जिससे तमाम लोग अपने घर नहीं पहुंच पा रहे है जिसमें मजदूर और छात्रों की हालात सबसे चिंताजनक है। पिछले काफी समय से मजदूरों की तरफ से लगातार यह मांग उठ रही थी कि उन्हे कैसे भी उनके घर भेजा जाए क्योंकि उनके पास अब खाने की पारेशानी हो रही है जिसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से आज इस पर आखिरी निर्णय लिया और सशर्त मजदूरों और छात्रों सहित तमाम लोगों को घर जाने की अनुमति दे दी गयी।
#IndiaFightsCOVID19
MHA issues revised consolidated guidelines on the #Lockdown2 measures to be taken by Ministries/Departments of Govt of India, State/UT governments & State/UT authorities for the containment of #COVID19 in India. (1/2) pic.twitter.com/Q85DFtMAob— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) April 15, 2020
सरकार की तरफ से जारी नई गाइड लाइन के मुताबिक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा जो यह पूरा कामकाज संभालेगा। हर राज्य के नोडल अधिकारी एक दूसरे के संपर्क में रहेंगे और यह लोगों को भेजने और मंगाने के लिए पूरी जानकारी एक दूसरे के साथ में साझा करेंगे।
- सभी राज्यों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा
- एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए सड़क का इस्तेमाल किया जाएगा
- ज्यादातर बसों के द्वारा एक राज्य से दूसरे राज्य की दूरी तय की जायेगी
- बसों को पूरी तरह से सेनेटाइज किया जाएगा
- बैठने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखना होगा
- अपने गृह राज्य पहुंचने के बाद सभी का स्क्रीनिंग किया जायेगा
- यात्रा करने वाले सभी लोगों को होम क्वारंनटाइन में रहना होगा
कोरोना वायरस की वजह से देश में अचानक से लॉक डाउन लागू कर दिया गया जिससे बड़ी संख्या में मजदूर, छात्र और टूरिस्ट सहित तमाम लोग अपने घर तक नहीं पहुंच सके। पहले लॉक डाउन के दौरान सभी को यह उम्मीद थी कि 14 अप्रैल को लॉक डाउन खुलेगा और लोग अपने घरों तक जा सकेंगे लेकिन कोरोना के संक्रमण को बढ़ता देख सरकार ने फिर से 3 मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया है जिससे अब लोगों को खाने पीने की परेशानी होने लगी है। पूरे देश में मजदूर वर्ग द्वारा विरोध भी किया गया क्योंकि लॉक डाउन के बाद से उनका कामकाज पूरी तरह से ठप्प हो गया जिससे उन्हे परिवार पालना भी मुश्किल हो गया।
लॉक डाउन से परेशान मजदूरों के सामने बड़ी समस्या आ गयी थी ना तो काम था और ना ही खाने के लिए कोई आस फिर मरता क्या न करता की कहावत को चरितार्थ करते हुए मजदूरों ने पैदल ही हजारों किमी की यात्रा कर डाली और एक राज्य से दूसरे राज्य को पार करते हुए अपने घरों तक पहुचें इस दौरान कई लोगों की जान भी चली गयी हालांकि यह साफ नहीं हो पाया कि इनकी जान कोरोना के संक्रमण की वजह से गयी या फिर हजारों किमी की यात्रा के बाद इनके शरीर के अंगो ने काम करना बंद कर दिया।