10 करोड़ लोगों की जा सकती है नौकरी: रघुराम राजन

  • पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अर्थव्यवस्था पर दिया बयान
  • लॉक डाउन को बताया अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक
  • महामारी के बाद 10 करोड़ लोग हो सकते है बेरोजगार
  • भारत में प्रतिदिन 20 लाख टेस्टिंग की जरुरत 
देश में कोरोना वायरस की वजह से लॉक डाउन जारी है जो फिलहाल 3 मई तक के लिए लगाया गया है लेकिन अभी हालात को देखते हुए कुछ राज्यों में इसे बढ़ाने की जरुरत और है। महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब जैसे राज्यों में लॉक डाउन को फिर से बढ़ाने पर विचार चल रहा है। वहीं लॉक डाउन की वजह से अर्थव्यवस्था लगातार गिरती जा रही है आकड़ों की मानें तो प्रतिदिन करोड़ों का नुकसान हो रहा है। देश में बेरोजगारी के भी बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही है जिससे देश का आमजन परेशान है। देश के बिगड़ते हालात को लेकर विपक्ष ने भी सरकार से सवाल किया है कि आखिर लॉक डाउन से हमें कब निजात मिलेगी और आम जनजीवन कब पटरी पर आयेगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से बात की और लॉक डाउन से देश को होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी ली। हालांकि इस दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाया। पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि लॉक डाउन की वजह से लोवर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास ज्यादा परेशान हो रहा है क्योकि इनके पास बहुत ज्यादा बैंक बैलेंस नहीं होता जिससे यह बिना आमदनी के ज्यादा दिन नहीं गुजार सकते। रघुराम राजन ने कहाकि भारत में एक बड़ी जनसंख्या निवास करती है लेकिन ज्यादातर लोग सरकारी नौकरी के चक्कर में अपना समय बर्बाद करते है जबकि सरकार को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जिससे निजी व्यवसाय को बढ़ावा मिले और लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैंदा हो। निजी व्यवसाय से देश के और समाज का विकास होगा साथ ही लोगों  को भी उनके नजदीक में रोजगार के अवसर प्रदान होंगे जिससे लोगों को दूसरे राज्यों की तरफ नहीं देखना होगा।

देश में बढ़ते कोरोना को लेकर राहुल ने सवाल किया और पूछा कि इस रोक कैसे लेगेगी और लॉक डाउन कब तक खुलेगा जिस पर पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारत की जितनी आबादी है उससे हिसाब से टेस्टिंग काफी कम मात्रा में की जा रही है अगर लॉक डाउन को खत्म करना है तो ज्यादा से ज्यादा संख्या में टेस्टिंग करनी होगी। पूर्व गवर्नर ने अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पर करीब एक दिन में डेढ़ लाख तक टेस्टिंग हो रही है जिसे बढ़ा कर पांच या फिर दस लाख करने पर विचार किया जा रहा है। किसी भी देश को पहले टेस्टिंग के द्वारा यह निश्चित करना होगा कि उसके पास कुल कितने लोग इस वायरस से संक्रमित है जिससे बाद ही वह उन्हे अलग करके लॉक डाउन को हटा सकता है। अगर हमें जल्द से जल्द लॉक डाउन हटाना है तो हमें प्रतिदिन करीब 20 लाख लोगों का टेस्ट करना होगा जबकि अगर सरकार के वर्तमान टेस्टिंग आकड़े पर नजर डालें तो यह सिर्फ 30 हजार है जो अमेरिका के मुकाबले बहुत कम है।
कोरोना वायरस और लॉक डाउन की वजह से नौकरी पर कितना असर होगा इस पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि इस महामारी के खत्म होने के बाद करीब 10 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते है हालांकि यह आकड़ा और भी बढ़ सकता है क्योंकि अर्थव्यवस्था को देखा जाये तो हालात चिंताजनक है। वहीं यह महामारी का खात्मा कब तक होगा यह भी कहना थोड़ा मुश्किल है।  पूर्व गवर्नर ने कहा कि आकड़े कम या ज्यादा हो सकेत है लेकिन नौकरियों का जाना तय है इसलिए सरकार को जैसे भी हो सके लॉक डाउन को खत्म कर उद्योगो को शुरु करना चाहिए जिससे कुछ लोगों की नौकरियों को बचाया जा सके।

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