भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम ने की बैठक, जानिए कैसी उभरेगी अर्थव्यवस्था

  • अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम, गृहमंत्री और वित्त मंत्री ने की बैठक
  • भारत में निवेशकों का होगा जोरदार स्वागत 
  • मोदी ने निवेशकों को लेकर दिया मूल मंत्र
  • उद्योगों के लिए कम समय में पूरा होगा पेपरवर्क   
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयास से भारत को करीब कोरोना से बचा लिया गया या फिर यह भी कह सकते है कि भारत को चीन या फिर अमेरिका जैसी स्थिति में पहुंचने से रोक लिया गया जिसके लिए सरकार और जनता दोनों ही जिम्मेदार है दोनों की तरफ से पूरी कोशिश की गयी और अंत में हम सफलता की तरफ बढ़ रहे है। लेकिन कोरोना के बाद अब सरकार के सामने अर्थवस्यवस्था को सुधारने की चुनौती है अर्थव्यवस्था सुधारना की लड़ाई भी कोरोना से कम नही है। कोरोना की वजह से भारत ही नहीं पूरे विश्व की आर्थिक स्थिति खराब चल रही है जिससे बाजारों में इतने जल्दी तेजी आयेगी इसकी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। कोरोना की वजह से उद्योग, दुकाने, सिनेमा हाल, पर्यटन, यातायात और नौकरी सब कुछ बंद है जिससे बाजार में पैसा नहीं आ रहा है और अर्थव्यवस्था लगाातार गिरती जा रही है।
देश की अर्थव्यवस्था को लेकर हाल ही में पीएम मोदी ने कहा था कि सभी लोग लॉक डाउन और संक्रमण से बचने के लिए नियमों का पालन करें बाकी अर्थव्यवस्था की चिंता सरकार पर छोड़ दें। पीएम के इस बयान का आज उस समय उदाहरण देखने को मिला जब पीएम ने अर्थव्यवस्था और निवेश को लेकर बैठक की जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित तमाम अधिकारी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने इस बैठक के दौरान कहा कि देश जिस महामारी से गुजर रहा है उसने ना सिर्फ लोगों की जान ली है बल्कि अर्थव्यवस्था को भी अधमरा कर दिया है जिसे हमें फिर जिंदा करना है और रास्ते पर लाना है क्योंकि इसकी वजह से करोड़ों लोगों का पेट भरता है।
प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान निवेशकों को लुभाते हुए कहा कि भारत में किसी भी निवेशक का स्वागत है और उसके उद्योग को शुरु करने में सरकार उसकी हर कदम पर मदद करेगी और कम से कम समय में उसके उद्योग को शुरु किया जायेगा। मोदी ने सभी अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी निवेशक के काम में देरी नहीं होनी चाहिए और उन्हे किसी भी तरह की परेशानी भी नही मिलनी चाहिए अन्यथा वह अपना देश छोड़कर बाहर जा सकते है। पीएम मोदी ने सभी राज्यों से भी अपील की है कि वह निवेशकों के स्वागत के लिए तैयार रखे और उनकी जरुरतों के अनुसार उन्हे सुविधा मुहैया कराएं। बैठक में यह साफ किया गया कि निवेशकों को किसी भी स्तर पर लगने वाले पेपर वर्क का समय कम किया जाए साथ ही उन्हे इसके लिए कम से कम परेशान किया जाए। कोरोना की वजह से उपजी समस्या सिर्फ निवेशकों के आगमन से ही खत्म हो सकती है और भारत की अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर आ सकती है जिसके लिए सरकार ने कमर कस ली है।
एक रिपोर्ट की मानें तो कोरोना की महामारी के बाद से बहुत सारी विदेशी कंपनियां चीन से बाहर निकलना चाहती है और इसके लिए वह भारत की तरफ देख रही है क्योंकि भारत एक बड़ी जनसंख्या वाला देश है जहां आसानी से व्यापार को बढाया जा सकता है साथ ही यहां कम वेतन में लोग भी उपलब्ध हो जाते है। वहीं भारत की मौजूदा मोदी सरकार के कारनामें भी पूरी दुनिया में विख्यात हो रहे है मोदी सरकार निवेशकों का जोरदार स्वागत करने के लिए पहले से ही तैयार है जिससे भारत में निवेश के अवसर नजर आ रहे है। अब अगर भारत को ऐसा अवसर मिलता है यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

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