BMC कमिश्नर प्रवीण परदेशी के तबादले से क्या सुधरेगी सरकार की छवि ?

  • कोरोना वायरस की राजनीति में फंसे प्रवीण परदेशी का तबादला
  • इकबाल चहल ने बीएमसी का संभाला कार्यभार
  • कोरोना से कैसे बचेगी मुंबई?
  • प्रशासनिक फेरबदल के बाद क्या सुधरेगा मुंबई?
 
कोरोना वायरस को लेकर पूरा देश परेशान है या फिर यूं कहें कि पूरा विश्व ही इस महामारी से जूझ रहा है। किसी भी देश सरकार या वैज्ञानिक के पास अभी तक कोई ऐसी दवा या इंजेक्शन  नहीं है जिससे वह सीधे तौर पर कोरोना वायरस को खत्म कर सके। अलग-अलग देश, अलग अलग सरकार और अलग अलग राज्य सभी अपने अपने तरीके से इस लड़ाई में लगे हुए हैं। कहीं पर लॉक डाउन लगाया गया है तो कहीं लोगों को घरों में रहने के लिए कहा जा रहा है। कहीं अच्छे डॉक्टरों की टीम तैयार हो रही है तो कहीं अधिकारियों का तबादला किया जा रहा है लेकिन परिणाम में कोई खास फर्क होता नजर नहीं आ रहा है।
भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई भी बुरी तरह से कोरोना वायरस की चपेट में आ चुकी है। सरकार की तरफ से लगातार इससे लड़ने की कोशिश जारी है लेकिन अगर पहले दिन से लेकर आज तक के परिणामों पर नजर डालें तो इसमें कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र में संक्रमण की बात करें तो यह 19000 के आंकड़े को पार कर रहा है जबकि सिर्फ मुंबई में 11000 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं अगर एक औसत देखें तो करीब हर दिन 400 से अधिक कोरोना संक्रमित हो रहे है।
महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर पिछले काफी समय से कोरोना वायरस की लड़ाई में विफलता का आरोप लग रहा था जिसके बाद सरकार कुछ प्रशासनिक फेरबदल कर कोरोना वायरस की लड़ाई का रुख बदलने की कोशिश की है और बीएमसी चीफ कमिश्नर प्रवीण परदेशी का तबादला कर दिया और उनकी जगह इकबाल चहल को नया कमिश्नर नियुक्त कर दिया। प्रवीण परदेशी को शहरी विकास विभाग अतिरिक्त मुख्य सचिव के तौर पर तैनात कर दिया गया है।
वही इकबाल चाहल जो अब तक शहरी विभाग में प्रधान सचिव के तौर पर काम कर रहे थे उन्हे अब बीएमसी कमिश्नर का कार्यभार दे दिया गया है। सूत्रों की माने मुंबई में लगातार बढ़ते संक्रमण से राज्य सरकार के कामकाज पर सवाल उठने लगा था जिससे सरकार ने अपनी छवि बचाने के लिए प्रवीण परदेशी का तबादला कर दिया। वहीं खबर इस बात की भी है कि प्रवीण परदेशी किसी फैसले को लेने में काफी देरी लगाते थे जिसकी वजह से स्वास्थ्य कार्यों में देरी होती थी। हालांकि बीएमसी के कमिश्नर का तबादला करने से क्या सच में कोरोना मामले में सुधार होगा या फिर सरकार ने अपनी छवि साफ करने के लिए प्रवीण परदेशी को अपना मोहरा बनाया है।

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