- उद्धव ठाकरे की कुर्सी का खत्म हुआ संकट
- उद्धव ठाकरे ने ली पद और गोपनीयता की शपथ
- उद्धव ठाकरे निर्विरोध हुए विजयी
- बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने नेताओं ने भी ली शपथ
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरे का बादल आखिरकार टल गया और उद्धव ठाकरे निर्विरोध चुनाव जीत गये। उद्धव ठाकरे ने सोमवार को एमएलसी पद की शपथ ली इस दौरान उनकी पत्नी और दोनों बेटे भी मौजूद थे। इसके साथ ही और अन्य एमएलसी नेताओ ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली। इसमें बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के भी नेता शामिल थे।
विधान परिषद सदस्यत्वाची शपथ घेतल्यानंतर मुख्यमंत्री उद्धव बाळासाहेब ठाकरे यांनी सपत्नीक राज्यपाल @BSKoshyari जी यांची सदिच्छा भेट घेतली. यावेळी मंत्री @AUThackeray उपस्थित होते. pic.twitter.com/PdePQWsEMD
— Office of Uddhav Thackeray (@OfficeofUT) May 18, 2020
आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे ने बिना किसी चुनाव के ही मुख्यमंत्री का पदभार संभाल लिया था लेकिन संविधान के अनुसार बिना किसी पद पर निर्वाचित हुए अगर कोई मुख्यमंत्री का पद संभालता है तो उसे 6 महीने के अंदर विधानसभा के किसी भी सदन का सदस्य बनना अनिवार्य होता है। उद्धव ठाकरे का 28 मई को 6 महीना पूरा हो रहा था जिसे उन्हें हर हाल में 28 मई से पहले ही विधान परिषद का सदस्य बनना अनिवार्य था। उद्धव ठाकरे ने बिना चुनाव लड़े निर्विरोध चुनाव जीत लिया हालांकि उनकी जीत में कांग्रेस का बड़ा हाथ रहा क्योंकि कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे को बचाने के लिए उनके खिलाफ कोई भी नेता को खड़ा नहीं किया जबकि इससे पहले कांग्रेस की तरफ से यह कहा गया था कि उनके दो उम्मीदवार मैदान में उतर सकते हैं।
महाराष्ट्र महामारी के दौरान चुनाव कराना भी एक बड़ा मुद्दा था लेकिन महाराष्ट्र में विधान परिषद की कुल 9 सीटों पर अंत में 9 उम्मीदवार ही शेष बचे जिससे मतदान करवाने की नौबत ही नहीं आयी और सभी को निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया गया। विधान परिषद की कुल 9 सीटों पर भाजपा के 4, शिवसेना के 2, एनसीपी के 2 और कांग्रेस के 1 उम्मीदवार ने अपनी किस्मत आजमायी थी जहां सभी को बिना चुनाव ही विजय घोषित किया गया।
शिवसेना पक्षप्रमुख, मुख्यमंत्री उद्धव बाळासाहेब ठाकरे यांनी आज विधानभवन येथे विधान परिषद सदस्यत्वाची शपथ घेतली. pic.twitter.com/ccdY3M93ZD
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महाराष्ट्र में विजयी हुए विधान परिषद सदस्य
बीजेपी- रमेश कराड, गोपीचंद पडलकर, प्रवीण दटके, रणजीत सिंह मोहिते पाटील
एनसीपी – शशिकांत शिंदे, अमोल मिटकरी
शिवसेना – उद्धव ठाकरे, नीलम गोर्हे
कांग्रेस – राजेश राठौड़
महाराष्ट्र में शिवसेना की राजनीति पर नजर डालें तो अभी तक ठाकरे परिवार से किसी ने भी चुनाव नहीं लड़ा था। कहने के लिए तो बाला साहब ठाकरे पूरे महाराष्ट्र पर राज करते थे लेकिन उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में कभी एक भी चुनाव नहीं लड़ा लेकिन समय और हालात बदलते गए शिवसेना ने उस नीति पर विचार कर उसे बदल दिया और हालिया विधानसभा चुनाव में अपने सुपुत्र आदित्य ठाकरे को वर्ली विधानसभा से चुनाव लड़ाया जहां आदित्य ठाकरे को जनता का भरपूर सहयोग मिला और वर्तमान में वह मंत्रिमंडल में पर्यटन मंत्री हैं। वही बिना चुनाव लड़े उद्धव ठाकरे ने राज्य के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला है।