- राजस्थान सरकार ने योगी सरकार को भेजा बस का बिल, 36.36 लाख
- योगी सरकार ने बिना सवाल–जवाब चुकाया पूरा बिल
- कोटा से बच्चों को यूपी के लाने के लिए हुआ था बसों का इस्तेमाल
- प्रियंका गांधी और योगी के बीच चल रही है बसों की राजनीति

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच पिछले एक सप्ताह से बस को लेकर राजनीति जोर शोर से हो रही है। कांग्रेस की तरफ से बार बार यूपी सरकार को मदद देने की अपील की जा रही है लेकिन यह अपील मदद की है या सियासत की यह समझना थोड़ा मुश्किल है। दरअसल कांग्रेस एक ही साथ में दो ऐसे काम कर रही है जिसे समझना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी तरफ योगी सरकार को 1000 बसें देने की बात कह रही है जिससे वह मजदूरों की मदद करना चाहती है हालांकि योगी सरकार ने जब मदद लेने से इंकार कर दिया तब कांग्रेस की तरफ से यहां तक कहा गया कि बसों पर बीजेपी और योगी के पोस्टर चाहो तो लगा लो लेकिन मजदूरों की मदद के लिए बसों का इस्तेमाल कर लो। वहीं दूसरी तरफ राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने यूपी सरकार को 36.36 लाख का बिल भेजा है यह बिल उन सरकारी बसों का किराया है जिससे राजस्थान के कोटा से बच्चों को यूपी के लिए भेजा गया था।
कांग्रेस की राजनीति बस से किराये तक
कांग्रेस की तरफ से बसों को लेकर दोहरी राजनीति की जा रही है। जहां बस की जरुरत नहीं है वहां कांग्रेस बस भेज कर यह दिखाना चाहती है कि वह सरकार की मदद करना चाहती है और यह बात जनता तक पहुंचाना चाहती है जबकि वास्तव में बस की जरुरत जहां थी वहां कांग्रेस सरकार बसों का किराया वसूल रही है। हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिना किसी सवाल-जवाब के कांग्रेस के बिल का भुगतान कर दिया। योगी की तरफ से किये गये बिल भुगतान के बाद यह तो साफ हो गया कि योगी किसी भी तरह की राजनीति को बढ़ावा नहीं देना चाहते। लेकिन देखने वाली बात यह है कि राजस्थान सरकार की तरफ से जो बिल भेजा गया उस पर 8 मई की तारीख है यानी बिल तैयार किया गया था लेकिन उसे भेजा नहीं गया लेकिन जैसे ही योगी सरकार ने प्रियंका गाधी की बस की राजनीति को यूपी में सफल नहीं होने दिया उसके तुरंत बाद कांग्रेस की तरफ से योगी सरकार को बिल भेज परेशान करने की कोशिश की गयी लेकिन यहां भी उन्हे सफलता नहीं मिली और यूपी सरकार ने पूरी बिल देकर मामला ही खत्म कर दिया।
1. राजस्थान की कांग्रेसी सरकार द्वारा कोटा से करीब 12000 युवा-युवतियों को वापस उनके घर भेजने पर हुए खर्च के रूप में यूपी सरकार से 36.36 लाख रुपए और देने की जो माँग की है वह उसकी कंगाली व अमानवीयता को प्रदर्शित करता है। दो पड़ोसी राज्यों के बीच ऐसी घिनौनी राजनीति अति-दुखःद। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) May 22, 2020
मायावती ने कांग्रेस को लगाई फटकार
कभी कांग्रेस की सहयोगी रही बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी कांग्रेस के इस फैसले का कड़ा विरोध किया और कहा कि बच्चे देश का भविष्य है ऐसे में कांग्रेस को बसों का किराय नहीं वसूलना चाहिए था। कोटा में हजारों की संख्या में बच्चे फंसे हुए थे जिसके लिए यूपी सरकार की तरफ से बसें भेजी गयी थी लेकिन बच्चों की संख्या ज्यादा होने की वजह से यूपी सरकार को राजस्थान सरकार से बसों के लिए मदद लेनी पड़ी।