हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
‘पूरब नीति’ की कूटनीतिक सफलता

‘पूरब नीति’ की कूटनीतिक सफलता

by सरोज त्रिपाठी
in सामाजिक, सितंबर- २०१६
0

अपने पिछले दो सालों के कार्यकाल में मोदी सरकार ने विदेश     नीति को एक नई धार दी है| पूरब हो या पश्‍चिम पूरी दुनिया की हर चीज पर भारत की नज़र है और उसका असर भी दिख रहा है| प्रधान मंत्री मोदी ने सबसे पहले नरसिंह राव सरकार की ‘पूरब की और देखो’ नीति को दोबारा जिंदा किया और उसे अमली जामा पहनाने का सफल प्रयास किया| दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया, मध्य एशिया और पश्‍चिम एशिया के लगभग सभी देशों का प्रधान मंत्री ने खुद दौरा किया और वहां की सरकारों से कई मैत्रीपूर्ण करार किए| आने वाले वर्षों में भारत की विदेश नीति पर इन सब का दूरगामी असर पड़ेगा|

प्रधान मंत्री मोदी ने विदेश नीति के मोर्चे पर अपनी पारी की शुरूआत जापान की सरकारी यात्रा से की| भारत की कई नागरिक योजनाओं में लगभग साढ़े पांच अरब डॉलर के पूंजी निवेश के जापान के वादों को उनकी जापान यात्रा की महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा सकता है| उल्लेखनीय है कि जापान भारत में पूंजी निवेश करने वाला तीसरा सब से बड़ा देश है और वह इस देश में पूंजी निवेश की स्थिति में बेहतरी में यथावत रुचि रखता है| भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधान मंत्री शिंजो एबे ने यह निर्णय किया कि भारत में सक्रिय जापानी कम्पनियों की संख्या दोगुनी कर दी जाए| जापान के प्रधान मंत्री ने अहमदाबाद और मुंबई में बुलेट ट्रेन की परियोजना में आर्थिक व तकनीकी सहायता हेतु अपने देश की तैयारी की घोषणा की| दोनों देशों ने रणनीतिक सहयोग नए स्तर तक ले जाने पर सहमति जताई| मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिनमें रक्षा आदान- प्रदान, स्वच्छ ऊर्जा में सहयोग, सड़क एवं राजमार्ग, स्वास्थ्य एवं महिला विषयक समझौते शामिल हैं| इसके अलावा दोनों प्रधान मंत्रियों ने आपसी सम्बंधों को नए स्तर पर ले जाने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की|

एशिया में शक्ति संतुलन और शांति के मद्देनजर मोदी ने भारत-चीन दोस्ती के लिए पेइचिंग को भी भरोसे में लेने का प्रयास किया| मोदी की चीन यात्रा के दौरान भारत और चीन के बीच ६३ हजार करोड़ रुपये निवेश के २४ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए| जानकारों ने अर्थव्यवस्था और व्यापारिक नज़रिए से इस दौरे को कामयाब भी बताया| लेकिन चीन और भारत के बीच दशकों से जिन विवादों की वजह से तल्खी रही है, उन पर दोनों देश कतई आगे बढ़ते नज़र नहीं आए| अरुणाचल और जम्मू-कश्मीर के लोगों को चीन द्वारा स्पेशल वीजा देने के मुद्दे और सीमा विवाद पर कोई ठोस निर्णय होता नज़र नहीं आया| दोनों देश सिर्फ यह कहते दिखे कि आपसी बातचीत से सीमाई इलाके के तनाव को दूर करके शांति और सद्भाव स्थापित करने की कोशिश की जाएगी|

साफ तौर पर देखें तो दोनों ही देश विवादों को अलग रखकर व्यापारिक रिश्तों को बेहतर करने की दिशा में आगे बढ़ने की बात कर रहे हैं| प्रधान मंत्री मोदी ने दरियादिली दिखाते हुए चीनी नागरिकों को ई-वीजा सुवीधा जारी रखने का ऐलान कर दिया| इसके बावजूद चीन ने अपनी पाक परस्त विदेश नीति में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है| भारत के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल किए जाने का उसने पुरजोर सफल विरोध किया| दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर चीन की हठधर्मिता से भी दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ी है| अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल के फैसले को न मानते हुए चीन इस बात पर अड़ा हुआ है कि दक्षिण चीन सागर पर सदियों से उसका अधिकार रहा है| फिलिपींस, बु्रनेई, ताइवान, वियतनाम और मलेशिया आदि देश चीन के इस दावे को मानने को तैयार नहीं हैं| इससे आगामी दिनों मे भारत-चीन रिश्तों में खटास बढ़ने की संभावना है|

प्रधान मंत्री मोदी ने अपनी मंगोलिया यात्रा के दौरान मंगोलिया को बुनियादी ढांचा विकास के लिए एक अरब डॉलर का भारत की ओर से ऋण मुहैया कराने की घोषणा की| दोनों देशों ने अपने सम्बंधों को रणनीतिक साझेदारी तक पहुंचाया और असैन्य परमाणु जैसे क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशने के लिए रक्षा सहयोग मजबूत करने पर राजी हुए| भारत ने मंगोलिया में ट्रेन चलाने, साइबर सिक्योरिटी सेंटर बनाने में मदद की भी घोषणा की| दोनों देशों ने सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने तथा भारतीय और मंगोलियाई विदेश मंत्रालय के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी करार किया| दक्षिण कोरिया की यात्रा के दौरान भारतीय प्रधान मंत्री मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पार्क गोयुन घई ने द्विपक्षीय सम्बंधों को एक गुणात्मक उच्च स्तर तक ले जाने के लिए नए मायने, गति एवं विषयवस्तु जोड़ने का संकल्प किया जिनमें रक्षा, व्यापार और निवेश तथा क्षेत्रीय सहयोग शामिल है| दक्षिण कोरिया ने भारत को स्मार्ट सिटी के बुनियादी ढांचे के विकास, रेलवे, ऊर्जा उत्पादन और अन्य विविध क्षेत्रों के लिए १० अरब डॉलर मुहैया कराने का फैसला किया| दोनों देश अपने द्विपक्षीय सम्बंधों को एक विशेष रणनीतिक साझेदारी तक पहुंचाने के लिए भी सहमत हुए|

दशिण पूर्व एशिया को तो भारत का निकट पड़ोसी ही कहना चाहिए| इस इलाके के देशों से भारत के सदियों पुराने सांस्कृतिक रिश्तें हैं| इन देशों की संस्कृति और जन-जीवन पर आज भी भारत की गहरी छाप देखी जा सकती है| मोदी ने २१ नवम्बर २०१५ को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में १३वें आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लिया| अपने चार दिवसीय प्रवास के दौरान मोदी २१ से २३ नवम्बर तक मलेशिया में और २३ से २४ नवम्बर तक सिंगापुर में रुके| मोदी और मलेशिया के प्रधान मंत्री मोहम्मद नजीब बिन अब्दुल रज़ाक ने संयुक्त रूप से राजधानी कुआलालंपुर में तोरण द्वार का उद्घाटन किया| इस तोरण द्वार का १० लाख येन की लागत से भारत ने निर्माण किया है| कुआलालंपुर स्थित भारतीय सांस्कृतिक केंद्र का नामकरण नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम पर किया गया | २०२२ तक हर भारतीय को घर मुहैया कराने में अपने अनुभव का लाभ मलेशिया की कम्पनियां भारत को दे सकती हैं| दोनों देशों ने द्विपक्षीय सम्बंधों को और मजबूत बनाने का संकल्प लिया|

मोदी ने २४ नवम्बर २०१५ को सिंगापुर में भारत-सिंगापुर आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया| दोनों देशों के बीच १० समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए| मोदी ने सिंगापुर में भारत को विदेशी निवेश का आकर्षक केंद्र बनाने हेतु और सुधारों का वादा किया| प्रधान मंत्री मोदी और सिंगापुर के प्रधान मंत्री ली सीन लुंग ने ५० साल से द्विपक्षीय सम्बंधों पर स्मृति चिह्न के रूप में राष्ट्रपति और सिंगापुर के इस्ताना सरकारी निवास के चित्रण का स्मारक डाक टिकट जारी किया|

प्रधान मंत्री मोदी ने ११ से १३ नवम्बर २०१५ तक भारत के पड़ोसी देश म्यांमार (बर्मा) की यात्रा की | भारत और म्यांमार के बीच सांस्कृतिक सम्बंधों के पुराने इतिहास पर दोनों देशों के नेताओं ने जोर डाला| मोदी और म्यांमार के राष्ट्रपति थियान सियान ने अपनी बातचीत में कनेक्टिविटी, सांस्कृतिक सम्बंधों और व्यापारिक सम्बंध बढ़ाने पर जोर दिया| दोनों देशों के नेताओं ने बर्मा से इंफाल और मणिपुर के बीच बस सेवा शुरू करने पर भी गंभीरता से विचार किया|

अपने दो वर्षों के शासन काल में मोदी ने दो बार अफगानिस्तान की यात्रा की| पिछले साल सात दिसंबर को काबुल यात्रा के दौरान भारत के प्रधान मंत्री ने नौ करोड़ डॉलर की कीमत से भारत द्वारा निर्मित संसद भवन परिसर का उद्घाटन किया था| महीने से भी कम समय में अफगानिस्तान की दूसरी यात्रा के दौरान मोदी ने ईरान के साथ लगते रणनीतक रूप से महत्वपूर्ण हेरात प्रांत में भारत द्वारा १७०० करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए गए सलमा बांध का उद्घाटन किया| चिश्त-ए- शरीफ नदी के ऊपर बने इस बांध से ७५ हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जा सकेगा|

१३-१४ मार्च २०१५ को प्रधान मंत्री मोदी की पड़ोसी मित्र देश श्रीलंका यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए| भारत ने श्रीलंका को १.६ अरब डॉलर की मदद देने का भरोसा दिया| दोनों देशों के बीच आर्थिक समझौता हुआ| सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) और भारत की एनटीपीसी लि. के बीच संयुक्त उद्यम परियोजना पर हस्ताक्षर के साथ-साथ दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता भी हुआ|

देश के ११हवें प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद मोदी ने अपने पहले विदेशी दौरे के रूप में १५-१६ जून २०१४ को भूटान की दो दिवसीय यात्रा की थी| उन्होंने भूटान के पूर्वी भाग में ६०० मेगावाट की ‘खोलोंगचु जलवियुत परियोजना’ की नींव रखी| यह परियोजना भारत व भूटान के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का एक संयुक्त उद्यम है| प्रधान मंत्री मोदी ने विकास सहयोग के तहत भारत द्वारा बनाए गए भूटान के उच्चतम न्यायालय के भवन का उद्घाटन किया| दोनों देशों ने व्यापार और निवेश बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की| भारत ने दूध पावडर, गेहूं, खाद्य तेल, राल और गैर बासमती चावल के निर्यात पर भूटान के लिए किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाने का निर्णय लिया|

प्रधान मंत्री मोदी १८हवें सार्क शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए २५ से २७ नवम्बर २०१४ को नेपाल में रहे| इसके पहले तीन से चार अगस्त २०१४ तक उन्होंने नेपाल की राजकीय यात्रा की थी| इस यात्रा के दौरान भारत नेपाल को एक अरब डॉलर का ऋण देणे पर राजी हुआ था| भारत ने माकाली नदी पर वाहनों के आवागमन हेतु एक पुल के निर्माण में सहायता देने का वचन दिया| भारत ने कहा कि वह भारत बौद्ध सर्किट के अंग के तौर पर जनकपुर-लुंबनी के विकास में सहायता देगा| प्रधान मंत्री ने पशुपतिनाथ मंदिर को २५०० किलोग्राम चंदन की लकड़ी भेंट करने की घोषणा की| नेपाल ने भारत को आश्‍वासन दिया कि नेपाली भूमि का किसी भी तरह भारतीय हितों के खिलाफ उपयोग नहीं  होने दिया जाएगा| परंतु ओली के इस्तीफे के बाद संभावना है कि नेपाल में एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) और नेपाली कांग्रेस अपने द्विपक्षीय समझौते के मुताबिक गठबंधन सरकार गठित करेंगे| दोनों पार्टियों के शीर्ष नेता शेर बहादुर देउबा और पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ बारी-बारी से प्रधान मंत्री बनेंगे| (इन पंक्तियों के लिखने के बाद प्रचंड ने नेपाल के प्रधान मंत्री के रूप में पदभार सम्हाल लिया है|) इनके सामने नए संविधान को लेकर पुरानी समस्याएं तो रहेंगी ही, लेकिन भारत के साथ रिश्तें सुधारना इनकी सबसे बड़ी चुनौती होगी|

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा से दोनों देशों के बीच सम्बंधों में गर्मजोशी बढ़ी है| इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम करार हुए हैं| इसमें सबसे प्रमुख ‘लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट’ है| इस समझौते के तहत भारत के १११ गांव बांग्लादेश को मिले जबकि बांग्लादेश के ५१ गांव भारत में शामिल हुए| इससे बांग्लादेश के साथ भारत के रिश्तों में ४१ वर्षों से चुभ रहा कांटा निकल गया| दोनों देशों ने कुल २२ समझौते पर दस्तखत किए| इसमें आपसी कारोबार को बढ़ाने, व्यापार असंतुलन को घटाने, बांग्लादेश में निवेश और एक दूसरे के साथ सम्पर्क बढ़ाने पर जोर है| प्रधान मंत्री मोदी ने बांग्लादेश को २० करोड़ अमेरिकी डॉलर की मदद देने के साथ ही दो अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन शुरू करने का भी ऐलान किया| दोनों देशों के बीच कोलकाता, ढाका तथा अगरतला के साथ ही ढाका, शिंलाग और गुवाहाटी के बीच बस सेवा शुरू की गई| प्रधान मंत्री मोदी बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना और प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी  ने बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया|

प्रधान मंत्री मोदी ने जुलाई २०१५ में मध्य एशिया के पांच देशों उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिजीस्तान, कजाखस्तान और ताजिकिस्तान का दौरा किया| भारत के इन देशों से प्राचीन काल से रिश्तें रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दशकों में ये देश सोवियत रूस के अधीन रहे| इस कारण इनके साथ भारत के राजनीतिक रिश्तें नहीं बन सके| १९९१ में इन्होंने आज़ादी हासिल की| इसके बाद इन मध्य एशियाई देशों से भारत के रिश्तें कायम हुए| पर मध्य एशिया के साथ सीधा जमीनी सम्पर्क न होने और समुद्री रास्ता काफी दूर होने से भारत का इन देशों से व्यापारिक रिश्ता गहरा नहीं हो पाया| मध्य एशिया और भारत के बीच अफगानिस्तान और पाकिस्तान है| पाकिस्तान यदि अपने देश से होकर मध्य एशिया जाने का रास्ता दे तो भारत का इन देशों से सीधा सम्पर्क जुड़ सकता है, लेकिन पाकिस्तान ऐसा कतई नहीं चाहेगा| ईरान में चाहबार बंदरगाह के विकास के बाद मध्य एशिया के साथ भारत के कारोबारी रिश्तें प्रगाढ़ हो सकेंगे| कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में मध्य एशियाई देशों की अपनी यात्रा को प्राचीन सम्बंधों का नया अध्याय लिखे जाने के रूप में बताते हुए मोदी ने कहा, भारत और मध्य एशिया दोनों की इस्लामिक विरासत के शीर्ष आदर्शों का ज्ञान, करुणा, दया और कल्याण से परिभाषित है| यह विरासत प्रेम और समर्पण के सिद्धांतों पर आधारित है|

पश्‍चिम एशिया के पहले दौरे में प्रधान मंत्री मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को चुना| खाड़ी के देशों में सबसे अधिक २६ लाख प्रवासी भारतीय संयुक्त अरब अमीरात में रहते हैं| सयुक्त अरब अमीरात ही भारत का खाड़ी देशों में सबसे बड़ा तथा दुनिया में अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा आर्थिक साझीदार है| मोदी की यात्रा दोनों देशों के बीच लगभग साढ़े तीन दशकों तक बनी रही जड़ता को तोड़ने मे मददगार साबित हुई| मोदी ने यूएई के निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत में अभी तत्काल एक हजार अरब डॉलर के निवेश की संभावनाएं हैं और सरकार यूएई के कारोबारियों की चिंताओं को दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाएगी| यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करने में यूएई- भारत सुरक्षा सहयोग की बेहतर संभावनाएं हैं|

खाड़ी के देशों में कतर हमारा सबसे बड़ा तरल प्राकृतिक गैस निर्यातक देश है जिससे हम तकरीबन ६५ फीसदी तेल आयात करते हैं| कतर ४७ देशों के इस्लामिक मुल्कों के समूह का एक महत्वपूर्ण और अगुआ देश है| कतर के शेख तमीम के पिछले वर्ष भारत के दौरे के दौरान दिए गए निमंत्रण के परिप्रेक्ष्य में प्रधान मंत्री मोदी ने इस साल कतर का दौरा किया| वहां उन्होंने कतर के उद्योगपतियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की जिसमें उन्होंने निवेशकों को बदले माहौल में निवेश का आमंत्रण दिया| तकनीकी कौशल, स्वास्थ और पर्यटन सहित सात समझौतों पर दोनों देशों ने दस्तखत किए|

सऊदी अरब दुनिया भर के मुसलमानों के लिए मक्का और मदिना के कारण सब से पवित्र स्थल है| हर साल दुनिया भर के लोग हज यात्रा के लिए सऊदी अरब जाते हैं| करीब एक लाख ३४ हजार भारतीय हर साल हज के लिए वहां जाते हैं| मोदी की सऊदी अरब की यात्रा के दौरान सऊदी अरब ने उन्हें हाथों-हाथ लिया| उन्हें सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान अब्दुल अजीज सैश से नवाजा गया| मोदी को यह सम्मान सऊदी अरब के शहंशाह सलमान बिन अब्दुल अजीज ने दिया| यह पुरस्कार वर्तमान सऊदी राज्य के संस्थापक अब्दुल अजीज अल सऊद के नाम पर है| सऊदी अरब वर्षों से पाकिस्तान को बहुत बड़े पैमाने पर वित्तीय सहायता देता रहा है| यहां तक कि पाकिस्तान के विवादों में भी सऊदी अरब की भूमिका रही है| पाकिस्तान की मीडिया में भारतीय प्रधान मंत्री के सऊदी अरब के दौरे पर जो टिप्पणियां लिखी गईं उनका निष्कर्ष यह था कि उसके संरक्षक का झुकाव भारत की ओर हो रहा है जो कि उसके विदेश नीति के लिए चिंताजनक है| मोदी की यात्रा से पहले सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदील अल जुबैर ने जोर देकर कहा था कि भारत से सम्बंधों की कीमत पर पाकिस्तान से रिश्तें नहीं रखे जा सकते| मोदी की सऊदी यात्रा के फलीतार्थों को देखें तो उन्होंने पाकिस्तान को यह बता दिया है कि अंतरराष्ट्रीय सम्बंध राष्ट्रीय हितों पर आधारित होते हैं न कि मजहबी विचारधारा पर| विदेशी सम्बंधों में मजहबी  विचारधारा का महत्व है, पर उसकी सीमाएं हैं|

सऊदी अरब में तकरीबन ३० लाख भारतीय रहते हैं| यह देश भारत का चौथा सब से बड़ा व्यापारिक साझेदार है| सऊदी अरब में भारत का निर्यात ११ अरब डॉलर से ज्यादा है| भारत में आयात होने वाले तेल का २० प्रतिशत हिस्सा सऊदी अरब से आता है| सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है| तेल की गिरती कीमतों के कारण सऊदी अरब अन्य क्षेत्रों में अपना पांव फैलाना चाहता है और इसमें भारत उसके लिए निवेश का बेहतर स्थान हो सकता है| सऊदी अरब ने हाल ही में आतंकवाद, खासकर आईएसआई के खिलाफ लड़ाई के लिए ३४ मुस्लिम देशों का एक बड़ा गठबंधन बनाया है| मोदी के इस दौरे के बाद दोनों देशों में आतंकवाद रोकने पर सहयोग और साझेदारी की सहमति हुई| आतंकवाद के मामले में उसका सहयोग सबसे महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि मुसलमानों का वह सबसे प्रतिष्ठित मजहबी स्थान है| वैश्‍विक आतंकवाद से मुकाबला करने और पाकिस्तान की सेना व खुफिया सेवाओं से निपटने के लिए सऊदी अरब की दोस्ती का खास महत्व है|

अमेरिका के तिरछे तेवर के बावजूद इस साल मई में प्रधान मंत्री मोदी ने ईरान की यात्रा की| इस यात्रा के दौरान भारत और ईरान के बीच हुए १२ समझौते हमारी कूटनीति में एक नया अध्याय जोड़ने वाले हैं| चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए ईरान के साथ द्विपक्षीय करार और अफगानिस्तान व ईरान के साथ त्रिपक्षीय ट्रेड ट्रांजिट समझौता प्रधान मंत्री मोदी के दो साल की विदेश नीति की सब से बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है| चाबहार बंदरगाह के जरिए हमने ग्वादर बंदरगाह के ईद- गिर्द जारी चीन व पाकिस्तान के नए कूटनीतिक खेल का करारा जबाब दे दिया है| दरअसल चीन की तरफ से पाकिस्तान में ग्वादर बदंरगाह को उसके दूरगामी हितों को ध्यान में रखकर विकासित किया जा रहा है| इस बंदरगाह के पीछे चीन का मकसद हिंद महासागर में सीधी निकासी के अलावा खाड़ी क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाना भी है| लेकिन अब ग्वादर के ठीक बगल में चाबहार बंदरगाह खड़ा होगा| इस बंदरगाह के तैयार हो जाने के बाद न सिर्फ भारत और ईरान के आपसी व्यापार में आसानी होगी, बल्कि अफगानिस्तान और मध्य एशिया के देशों तक हमारे सामानों की पहुंच बढ़ेगी| अफगानिस्तान के पुननिर्माण में भारत की भूमिका और बढ़ेगी | अभी तक पाकिस्तान इसमें अडंगे लगा रहा था| चीन भी नहीं चाहता था कि भारत इस क्षेत्र में मजबूत हो| लेकिन चाबहार से चीन समेत कई महाशक्तियों के कूटनीतिक समीकरण पलट सकते हैं| चाबहार समझौते के अलावा मोदी की ईरान यात्रा में पर्यटन, हिंदी की पढ़ाई और रेलवे को लेकर भी समझौते हुए हैं| भारत की बड़ी कम्पनियां ईरान में आईटी और अन्य क्षेत्रों में काम करना चाहती हैं| उनके लिए कुछ रास्ते खुले हैं| फारस की खाड़ी में ओएनजीसी के गैस खोज क्षेत्र फरंजाद बी के विकास का अधिकार भी भारत लंबे समय से हासिल करना चाहता था| यह काम इस बार सम्पन्न हो गया है| भारतीय तेल -गैस कंपनियों को इस योजना से काफी फायदा होगा|

इस तरह भारतीय विदेश नीति की सक्रियता से एशिया महाद्वीप में देश की छवि एक जिम्मेदार और मजबूत राष्ट्र के रूप में निखरी है| इससे विश्‍व में देश की प्रतिष्ठा निश्‍चित तौर से बढ़ी है|

सरोज त्रिपाठी

Next Post
नरेंद्र मोदी की विदेश नीति

नरेंद्र मोदी की विदेश नीति

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0