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ये मोदी से ही  मुमकिन था

ये मोदी से ही मुमकिन था

by प्रवीण गुगनानी
in जुलाई २०१९, सामाजिक
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नरेंद्र मोदी एक चमत्कार ही है, जिन्होंने पिछले पांच वर्षों में देश की दिशा व दशा बदलना आरंभ किया। ऐसे अभूतपूर्व काम किए हैं, जो पहले कभी नहीं हुए। उन्हें हाल में मिला जबरदस्त जनसमर्थन इसीका द्योतक है। इसी कारण लोग कहते हैं- मोदी है तो मुमकिन है!

नरेंद्र मोदी ऐसे व्यक्ति हैं जिनके विषय में कहा जा सकता है कि, जब विपक्ष को लगता है कि नरेंद्र मोदी उससे युद्ध कर रहें हैं तब वे मात्र दुश्मन को जांच भर रहे होते हैं। और नरेंद्र मोदी ऐसे व्यक्ति भी हैं जो अपनी पसंद के युद्ध मैदान पर आपको युद्ध करने को मजबूर कर देते हैं वह भी केवल और केवल उनके अपने बनाए नियमों पर। वे राष्ट्रवाद, भारत माता की जय, पारदर्शिता, अहर्निश परिश्रम, धर्मयुक्त आचरण, व लक्ष्य के प्रति अटूट समर्पण जैसे कुछ शब्दों में अपने पूरे जीवन के कृतित्व को समेट लेने में सक्षम हैं। यही शब्द उनके जीवन का संविधान है, इन शब्दों के इतर उनके जीवन में कुछ बचता ही नहीं है।

बचपन में चाय बेचने से लेकर, देश भ्रमण, हिमालय में साधना, संघ के प्रचारक, भाजपा के पदाधिकारी, गुजरात के मुख्यमंत्री व उसके बाद का पिछला पांच वर्षीय प्रधानमंत्रित्व का कार्यकाल अपने प्रत्येक भाग में शुचिता, पवित्रता, श्रम शीलता, राष्ट्र साधना व भारत को विश्वगुरु बनाने के अनथक अभियान को समेटे हुए है।

इतिहास साक्षी है कि राजा व प्रजा जब मानसिक स्तर पर एक हो जातें हैं तब राष्ट्र की प्रगति को कोई रोक नहीं पाता है। पिछले पांच वर्षों में कई ऐसे अवसर आए हैं जब उन्होंने कई ऐसे निर्णय लिए जिनके साथ जनता पूर्ण समर्पण के साथ व पूर्ण मानस के साथ खड़ी रही।

मोदी के भाग एक के शासन में भारत के टिपिकल परम्परागत व्यवसाइयों ने सर्वाधिक ज्वलंत उदाहरण प्रस्तुत किया स्वयं को बदलने का व राष्ट्र के साथ कदम से कदम मिलकर चलने का। जीएसटी लागू होने के कुछ महीनों के भीतर ही जिस प्रकार तमाम कठिनाइयों, उलझनों व झंझावातों को झेलते हुए भारतीय व्यापारी आज नए सेट अप में पुनः सक्रियता से राष्ट्र निर्माण में लग गए हैं, वह परिवर्तन की एक अद्भुत कहानी है।

सबका साथ – सबका विकास के नारे के साथ चलने वाली सरकार अब सबका विश्वास जैसे शब्द को भी अपने नारे में जोड़ कर एक बड़े सामाजिक परिवर्तन की ओर अग्रसर हो रही है।

स्वच्छता के विषय में यदि हम मोदी सरकार द्वारा किए गए कार्यों व उसके संख्यात्मक आंकड़ों पर चर्चा करेंगे तो बड़े ही अविश्वसनीय परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इससे भी आगे बढ़कर सुखद आश्चर्य तब होता है जब पूरा का पूरा भारत स्वच्छता के विषय में अपने स्वभाव को बदलता हुआ दिखाई पड़ता है। एक सौ पच्चीस करोड़ जनसंख्या के देश की साफ़सफाई की आदतों को मात्र पांच वर्षों में लगभग पूरा का पूरा बदल डालना एक स्वर्गिक कथा की भांति आभास कराता है। नमो के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले ही स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से किए हुए इस स्वच्छता आग्रह पर बहुत से लोगों ने सार्वजनिक उपहास किया था व मुंह टेढ़ा भी किया था। डस्टबिन जैसी वस्तु जिसे अधिकांश भारतीयों के लिए एक अनजान या अजनबी वस्तु माना जाता था आज भारतीय घरों, सार्वजनिक स्थानों, व्यावसायिक परिसरों, सड़कों और यहां तक की सड़क किनारे के ढाबों तक का अनिवार्य भाग बन गया है। भारतीय आदतों के परिवर्तन की गाथा जब भी लिखी जाएगी तब स्वच्छता के प्रति भारत की जनता में आए इस परिवर्तन को स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।

बांग्लादेशी घुसपैठिए, रोहिंग्या घुसपैठियों पर सख्त निर्णय, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर, पाकिस्तान में पहले सर्जिकल फिर एयर स्ट्राइक, जीएसटी, नोटबंदी, भारत से छितरते पूर्वोत्तर से पुनः भारत के एकाकार होने का क्रम, कश्मीर में बड़े परिवर्तन, मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति, सार्वजनिक जीवन से लाल बत्ती संस्कृति की विदाई, आतंकवाद के विरूद्ध निर्णायक अभियान, आतंकियों और अलगाववादियों में व्याप्त भय, विदेशी मंचों पर भारत की सशक्त उपस्थिति, वैश्विक सम्मेलनों में भारत, भारत की बढ़ती नेतृत्व संभावनाएं और ऐसे कई सारे विषय जो भारत में सकारात्मक ऊर्जा को भरे दे रहे हैं। नरेंद्र मोदी के ये कदम उन्हें केवल प्रधानमंत्री के रूप में ही आगे नहीं बढ़ा रहे है बल्कि एक वैश्विक नेता के रूप में उन्हें सतत स्थापित कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उन्हें अनेकों देशों से सतत मिलते जा रहे सम्मानों व पुरस्कारों से भारत की वैश्विक स्थिति प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ी है। और यदि विकास को आंकड़ों के आईने में ही प्रत्यक्षतः देखना होगा तो भारतीय संसद के अंतिम सत्र में महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा अपने अभिभाषण में दिए इन पंचवर्षीय सफलतम आंकड़ों में देख लेना चाहिए जो कि सफलता की एक स्वमेव सिद्ध कहानी है –

  1. ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान’ से देश के 50 करोड़ निर्धनों के लिए गंभीर बीमारी की स्थिति में, हर परिवार पर प्रति वर्ष 5 लाख रुपए तक के इलाज खर्च की व्यवस्था की गई है।
  2. ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ के तहत देश भर में अब तक 600 से ज्यादा जिलों में 4,900 जन औषधि केन्द्र।
  3. सिर्फ 1 रुपया महीना के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ और 90 पैसे प्रति दिन के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ के रूप में लगभग 21 करोड़ गरीब भाई-बहनों को बीमा सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है।
  4. तमिलनाडु के मदुरै से लेकर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा तक और गुजरात के राजकोट से लेकर असम के कामरूप तक, नए ‘एम्स’ बनाए जा रहे हैं।
  5. छोटे-छोटे ग्रामों में चिकित्सकों की कमी दूरकरने के लिए बीते चार वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई में 31 हजार नई सीटें दी गई हैं।
  6. ग्रामीण आवास योजनाओं के तहत 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा घरों का निर्माण किया। जबकि वर्ष 2014 के पहले, पांच साल में, सिर्फ 25 लाख घरों का ही निर्माण हुआ था।
  7. वर्ष 2014 में 18 हजार से अधिक गांव ऐसे थे, जहां गांवों तक भी बिजली नहीं पहुंची थी। आज देश के हर गांव तक बिजली पहुंच गई है। ‘प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना’ के तहत अब तक 2 करोड़ 47 लाख घरों में बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है।
  8. बीते साढ़े चार वर्षों में सरकार ने औसतन हर महीने 140 सहायता शिविरों का आयोजन किया है, जहां पहुंचकर दिव्यांग-जन खुद सहायता उपकरण प्राप्त कर रहे हैं। इस दौरान पूरी पारदर्शिता के साथ करीब 12 लाख दिव्यांग-जनों को 700 करोड़ रुपये के सहायता उपकरण दिए गए हैं।
  9. वर्ष 2014 में हमारे देश में मानव-रहित क्रॉसिंग्स की संख्या 8,300 थी। सरकार ने मानव-रहित रेलवे क्रॉसिंग्स समाप्त करने का अभियान चलाया और अब ऐसी क्रॉसिंग्स लगभग समाप्त हो गई हैं।
  10. मुस्लिम महिलाओं को डर, भय की ज़िंदगी से मुक्ति दिलाने हेतु तीन तलाक से जुड़े कानून को संसद से पारित करवाने का लगातार प्रयास कर रही है।
  11. नौजवानों के अपने व्यवसाय के लिए ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत, बिना किसी गारंटी के 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के ऋण दिए गए हैं।
  12. उच्च स्तरीय प्रोफेशनल शिक्षा के अवसरों में वृद्धि हेतु सरकार नए शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर रही है और 7 IIT, 7 IIM², 14 IIIT,1 NIT और 4 NID की स्थापना की जा रही है।
  13. ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ का सबसे अधिक लाभ महिलाओं को ही मिला है। अब तक देशभर में दिए गए 15 करोड़ मुद्रा लोन में से 73 प्रतिशत लोन महिला उद्यमियों ने प्राप्त किए हैं।
  14. कामकाजी महिलाओं को, अपने नवजात शिशुओं के अच्छी तरह लालन-पालन का पर्याप्त समय मिल सके, इसके लिए मैटरनिटी लीव को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया है।
  15. सरकार ने 22 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एम.एस.पी. को फसल की लागत का डेढ़ गुना से अधिक करने का निर्णय लिया है। किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
  16. वर्ष 2014 में देश में मात्र 59 ग्राम पंचायतों तक डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंच पाई थी। आज एक लाख 16 हजार ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फायबर से जोड़ दिया गया है तथा लगभग 40 हजार ग्राम पंचायतों में वाई-फाई के हॉटस्पॉट लगा दिए गए हैं।
  17. जनधन योजना से 34 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुले हैं और देश का लगभग हर परिवार बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ गया है। आज जनधन खातों में जमा 88 हजार करोड़ रुपए इस बात के गवाह हैं कि कैसे इन खातों ने बचत करने का तरीका बदल दिया है।
  18. वर्ष 2014 से पहले जहां 3.8 करोड़ लोगों ने अपना रिटर्न फाइल किया था, वहीं अब 6.8 करोड़ से ज्यादा लोग आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए आगे आए हैं। आज करदाता को यह विश्वास है कि उसका एक-एक पैसा राष्ट्र-निर्माण में ईमानदारी के साथ खर्च किया जा रहा है।
  19. ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ का विस्तार करने से 6 लाख 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि लाभार्थियों तक पहुंची है। इस वजह से अब लगभग 1लाख 10 हजार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बच रहे हैं।
  20. ‘इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड’ के नए कानून की वजह से अब तक बैंकों और देनदारों के 3 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष निपटारा हुआ है।
  21. सरकार ने कोयला खदानों की, पारदर्शी व्यवस्था विकसित करके नीलामी की है और राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा की है।
  22. अब भारत, मोबाइल फोन बनाने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। Make in India के तहत ही आंध्र प्रदेश में, एशिया के सबसे बड़े MedTech Zone की स्थापना की जा रही है।
  23. रक्षा उपकरणों के उद्यम स्थापित करके देश को सुरक्षित बनाने तथा युवाओं को नए अवसर देने के लिए तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है।
  24. देशवासियों को अब तक की सबसे तेज गति की ट्रेन ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।
  25. ‘नमामि गंगे मिशन’ के तहत अब तक 25 हजार 500 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को स्वीकृती दी जा चुकी है। गंगा में गिरने वाले दर्जनों बड़े नालों को बंद करके, औद्योगिक कचरे को रोककर, शहरों के किनारे अनेक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर सरकार, गंगा को स्वच्छ बनाने के अभियान में तत्परता के साथ जुटी हुई है।
  26. पिछले वर्ष देश का पहला कंटेनर जहाज कोलकाता से चलकर, राष्ट्रीय जलमार्ग के जरिए वाराणसी तक पहुंचा है।
  27. पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और संपूर्ण पूर्वी भारत में देश का नया ‘ग्रोथ इंजन’ बनाने की दिशा में पूर्वी भारत में रेलवे, हाईवे, वॉटरवे,एयरवे से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार निरंतर बल दे रही है।
  28. पूर्वी भारत में 19 एयरपोर्ट्स विकसित किए जा रहे हैं, इसमें से 5 एयरपोर्ट पूर्वोत्तर राज्यों में बनाए जा रहे हैं। सिक्किम में पाक्योंग एयरपोर्ट और ओडिशा के झारसुगुड़ा में वीर सुरेंद्र साय एयरपोर्ट का निर्माण भी पूरा किया जा चुका है।
  29. सरकार ने गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर एक विशेष सिक्का जारी किया है। सरकार ने करतारपुर कॉरीडोर बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
  30. भारत आज, विश्व-व्यापी सौर ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। पिछले वर्ष इंटरनेशनल सोलर एलायंस की पहली महासभा की बैठक सफलता पूर्वक दिल्ली में आयोजित की गई।
  31. जम्मू-कश्मीर के विकास हेतु 80 हजार करोड़ रुपए के पैकेज का प्रावधान किया। अब तक इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और शिक्षा परियोजनाओं के लिए अब तक 66 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की स्वीकृति दी जा चुकी है।
  32. सरकार ने चार दशकों से लंबित वन रैंक वन पेंशन की मांग को न सिर्फ पूरा किया बल्कि 20 लाख पूर्व-सैनिकों को 10,700 करोड़ रुपए से ज्यादा के एरियर का भुगतान भी किया है।
  33. बदलते हुए भारत ने सीमा पार आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके अपनी ‘नई नीति और नई रीति’ का परिचय दिया है। पिछले वर्ष भारत उन चुनिंदा देशों की पंक्ति में शामिल हुआ है जिनके पास परमाणु त्रिकोण की क्षमता है।
  34. राष्ट्रपति जी ने कहा कि जीएसटी से ईमानदारी और पारदर्शी व्यापार व्यवस्था ने जन्म लिया है। देशवासियों ने शुरुआती दिक्कतों के बावजूद कम समय में इस प्रणाली को अपनाया है।
  35. आज भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। औद्योगिक विकास के क्षेत्र में भी हमने कई लक्ष्यों को हासिल किया है।

प्रवीण गुगनानी

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