गोरखनाथ मंदिर हमला: मुर्तजा का आतंकी कनेक्शन!

गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाला शख्स आतंकी हैं या नहीं इसकी जांच एटीएस कर रही है लेकिन यहां सवाल यह खड़ा होता है कि उस व्यक्ति ने तभी हमला किया जब उसके दिमाग मंदिर के प्रति विरोध की भावना थी। हमलावर आईआईटी से पढ़ा हुआ है जो यह बताता है कि वह कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है। हमला उसने पूरी समझबूझ के साथ किया और हमले के इरादे से ही उसने अपने पास एक हथियार (बांका) भी रखा था जिससे समय आने पर वह खुद को बचा सके और किसी की जान भी ले सके। मंदिर के गेट पर जब उसे रोका गया तो उसने सुरक्षाबलों को घायल कर दिया और अपने इरादे को सफल करने की उसने पूरी कोशिश भी की हालांकि सुरक्षाबलों और मंदिर कर्मचारियों की मेहनत से उसे पकड़ लिया गया। यह हमला मंदिर पर था या मंदिर के मुख्य पुजारी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर था? योगी ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जो एक खास समुदाय के कुछ लोगों को रास नहीं आया। 

हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी ने मुंबई से आईआईटी में केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन ऐसी उच्च शिक्षा के बाद उसे बड़ी कंपनियों की तरफ जाना था लेकिन उसने खुद के लिए क्यों जेल का रास्ता चुन लिया। यह बात जांच एजेंसियों के गले से उतर नहीं रही है और उन्हें संदेह है कि मुर्तजा किसी आतंकी संगठन की चपेट में आ गया है इसलिए उसके फोन और लैपटॉप की भी जांच जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या वह आतंकी संगठन के संपर्क में हैं?  दरअसल आतंकी संगठन ऐसे युवाओं पर नजर रखता है जो उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे होते हैं और बाद में उन्हें अपने संगठन में शामिल कर लेता है। आतंकी संगठन में जिनते शिक्षित लोग होंगे वह उतनी ही एडवांस टेक्नॉलॉजी के साथ अपने काम को अंजाम दे सकेंगा। 

रविवार को अहमद मुर्तजा अब्बासी मंदिर में प्रवेश कर रहा था तभी उसे सुरक्षाबलों ने रोक लिया और पूछताछ करना चाहा लेकिन मुर्तजा ने अपने हथियार से उन पर हमला कर दिया जिसमें दोनों जवान गोपाल गौड़ और अनिल पासवान घायल हो गये। इस घटना को देख आसपास के जवानों ने मुर्तजा को पकड़ना चाहा लेकिन वह इतना आसान नहीं था। मुर्तजा अपने बांके से लगातार हमला कर रहा था इससे कोई भी जवान उसके पास आने से बचता रहा और अंत में ईंट पत्थर भी चलने लगे करीब 20 मिनट की जद्दोजहद के बाद मुर्तजा को पकड़ा गया। इस पूरे हमले के दौरान हमलावर अल्लाहू अकबर के नारे लगा रहा था। शुरुआती पूछताछ में हमलावर ने अपना नाम अहमद मुर्तजा अब्बासी बताया, ऐसा माना जा रहा था कि हमलावर मंदिर में प्रवेश कर भक्तों पर हमला करना चाहता था अगर वह मंदिर में घुसने में सफल होता तो अधिक भक्त घायल हो सकते थे। मुर्तजा गोरखपुर के ही मशहूर डॉक्टर अब्बासी के परिवार का है जो शहर में ही अपना एक हॉस्पिटल चलाते हैं।  पुलिस अब्बासी के परिवार से भी पूछताछ कर रही है। 

पुलिस की तरफ से यह साफ कर दिया गया कि अभी तक मुर्तजा के लैपटॉप से हो जानकारी मिली है उसके अनुसार इसे आतंकी घटना कहा जा सकता है हालांकि आगे की जांच अभी जारी है। पुलिस ने अभी तक मीडिया के सामने कुछ साफ नहीं किया है लेकिन इस पूरे मामले पर नजर डालें तो यह आतंकी घटना नजर आती है जहां आतंकी संगठन ने मुर्तजा को अपना मोहरा बना कर मंदिर में प्रवेश कराना चाहा और भक्तों पर हमले की साजिश रची लेकिन पीएससी के जवानों ने इस हमले को रोक दिया और खुद का लहू बलिदान कर बाकी भक्तों की रक्षा करने में सफल हो गये।

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