आत्मबलिदानी सती रामरखी देवी

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दिल्ली में मुगल शासक औरंगजेब के बन्दीगृह में जब गुरु तेगबहादुर जी ने देश और हिन्दू धर्म की रक्षार्थ अपना शीश कटाया, तो उससे पूर्व उनके तीन अनुयायियों ने भी प्रसन्नतापूर्वक यह हौतात्मय व्रत स्वीकार किया था। वे थे भाई मतिदास, भाई सतीदास और भाई दयाला। इस कारण इतिहास में…

बंगभूमि के सपूत क्रांतिकारी रासबिहारी बोस

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बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध में प्रत्येक देशवासी के मन में भारत माता की दासता की बेडियां काटने की उत्कट अभिलाषा जोर मार रही थी। कुछ लोग शान्ति के मार्ग से इन्हें तोड़ना चाहते थे, तो कुछ जैसे को तैसा वाले मार्ग को अपना कर बम-गोली से अंग्रेजों को सदा के…

कालपी: स्वाधीनता संग्राम के संचालन का मुख्य केंद्र

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1857 का स्वाधीनता संग्राम देश के अधिकांश भागों में लड़ा गया था; पर दुर्भाग्यवश यह सफल नहीं हो सका। इसके संचालन का मुख्य केन्द्र उत्तर प्रदेश में कालपी नगर था। वहाँ यमुना नदी की ऊँची कगार पर बने दुर्ग में इस क्रान्ति का नियन्त्रण कक्ष था। दुर्ग के एक भूमिगत…

मानस के अंग्रेजी अनुवादक एफ.एस.ग्राउस

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गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री रामचरितमानस केवल भारत ही नहीं, तो विश्व भर के विद्वानों के लिए सदा प्रेरणास्रोत रही है। दुनिया की प्रायः सभी भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ है। अंग्रेजी में सर्वप्रथम इसका अनुवाद भारत में नियुक्त अंग्रेज प्रशासनिक अधिकारी श्री एफ.एस.ग्राउस ने किया।  श्री ग्राउस का जन्म 1836 ई.…

दिल्ली के राजा वसंतराव ओक

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संघ की प्रारम्भिक प्रचारकों में एक श्री वसंतराव कृष्णराव ओक का जन्म 13 मई, 1914 को नाचणगांव (वर्धा, महाराष्ट्र) में हुआ था। जब वे पढ़ने के लिए अपने बड़े भाई मनोहरराव के साथ नागपुर आये, तो बाबासाहब आप्टे द्वारा संचालित टाइपिंग केन्द्र के माध्यम से दोनों का सम्पर्क संघ से…

विश्वकवि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर

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बंगला और अंग्रेजी साहित्य के माध्यम से भारत को विश्व रंगमंच पर अमिट स्थान दिलाने वाले रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कोलकाता में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री देवेन्द्रनाथ तथा माता का नाम शारदादेवी था। बचपन से ही काव्य में रुचि रखने वाले इस प्रतिभाशाली…

वाचन शिरोमणि पंडित नारायण प्रसाद पोखरेल

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भगवान की कथा हिन्दुत्व एवं धर्म के जागरण का एक प्रभावी माध्यम है। भारत में शायद ही कोई गांव या नगर हो, जहां प्रतिवर्ष भागवत और श्रीराम की कथा न होती हो। हजारों लोग इससे पुण्य प्राप्त कर अपना परिवार भी चला रहे हैं। प्रायः सभी कथावाचक अपने क्षेत्र में…

धार्मिक साहित्य के प्रचार में अग्रणी गीता प्रेस

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धार्मिक विचारों के प्रसार में साहित्य का बहुत बड़ी भूमिका है। इस नाते हिन्दू साहित्य के प्रचार व प्रसार में गीता प्रेस, गोरखपुर का योगदान विश्व इतिहास में अतुलनीय है।  पूर्वी उत्तर प्रदेश का गोरखपुर नगर महायोगी गुरु गोरखनाथ, गौतम बुद्ध और महात्मा कबीर की तपस्थली व कर्मस्थली रहा है।…

अद्भुत चित्रकार राजा रवि वर्मा

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आज तो चित्रकला की तकनीक बहुत विकसित हो गयी है। अब पेन्सिल, रबड़, रंग या कूची की आवश्यकता ही समाप्त हो गयी लगती है। संगणक (कम्प्यूटर) द्वारा यह सब काम आज आसानी से हो जाते हैं। एक साथ छह रंगों की छपाई भी अब सम्भव है। पर कुछ समय पूर्व तक…

क्रान्ति पुरोधा जोधासिंह अटैया

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भारत की स्वतन्त्रता का पावन उद्देश्य और अदम्य उत्साह 1857 की महान क्रान्ति का प्रमुख कारण ही नहीं, आत्माहुति का प्रथम आह्नान भी था। देश के हर क्षेत्र से हर वर्ग और आयु के वीरों और वीरांगनाओं ने इस आह्वान को स्वीकार किया और अपने रक्त से भारत माँ का…

नक्सली हिंसा के शिकार वीर माणिक्यम

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आंध्र प्रदेश और उसमें भी तेलंगाना का क्षेत्र लम्बे समय से नक्सली गतिविधियों का केन्द्र रहा है। रूस और चीन के वामपंथी नेताओं का हाथ उनकी पीठ पर रहता था। वहां से उन्हें हथियार और पैसा भी आता था। अतः गांव और कस्बों में वही होता था, जो नक्सली चाहते…

विजयनगर साम्राज्य के प्रेरक देवलरानी और खुशरो खान

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मध्यकालीन इतिहास में हिन्दू गौरव के अनेक पृष्ठों को वामपंथी इतिहासकारों ने छिपाने का राष्ट्रीय अपराध किया है। ऐसा ही एक प्रसंग गुजरात की राजनकुमारी देवलरानी और खुशरो खान का है। अलाउद्दीन खिलजी ने दक्षिण भारत में नरसंहार कर अपार धनराशि लूटी  तथा वहां हिन्दू कला व संस्कृति को भी…

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