1.इसमें सम्मिलित न हों। अपने खर्चे पर 10वीं और 12वीं करने में समय बिताएं, फिर तीसरे दर्जे का कॉलेज ढूंढें और वहां से बेकार सा स्नातक करें और बाकी जीवन नौकरी खोजने में बिताएं।
2.अग्निपथ में सम्मिलित हों, 23.5 लाख हाथ में लेकर, 4 वर्ष बाद छुट्टी।अपना व्यापार आरंभ करें, स्वरोजगारी बनें,स्वावलंबी बनें।
3.अग्निपथ में सम्मिलित हों, सशस्त्र बलों की कीमत पर स्नातक की पढ़ाई करें। 23.5 लाख हाथ में लेकर 4 वर्ष बाद छोड़ दें।
4.अग्निपथ में सम्मिलित हों,स्नातक करें, 4 साल बाद छोड़कर अन्य वर्दीधारी बलों में जीवन भर के लिए सम्मिलित हो जाएं।
5.अग्निपथ से जुड़ें, नौकरी में रहते हुए ग्रेजुएशन करें, चौथे वर्ष में सीडीएस के लिए आवेदन करें और शेष जीवन के लिए सशस्त्र बलों में एक कमीशन अधिकारी बनें।
6.अग्निपथ में सम्मिलित हों, 4 वर्ष पूरे करें, कड़ी मेहनत करें और 25% क्रीम में शामिल हों और अगले 17 वर्षों तक देश की सेवा करें।
7.अग्निपथ में सम्मिलित न हों और जेएनयू वालों की तरह सड़क पर अपना जीवन विरोध प्रदर्शन में बिताएं,गांजा फूंके और आज़ादी आज़ादी के नारे लगाएं।
8.कोचिंग संस्थान और पार्टियों के भड़काने पर अग्निपथ का हिंसक विरोध करें,अपने नाम एफआईआर दर्ज करवाएं,परिवार की इज्जत तार तार करें, यूपी में हों तो घर गिरवाएं,या नुकसान का पूरा भुगतान करवाएं।
9.एक यूट्यूब चैनल खोलें, लोगों को भड़काएं और सरकार के ऑनलाइन सलाहकार बनें, जैसे कई खलिहर लोग कर रहे हैं।
रवीश कुमार और मोहम्मद जुबैर की तरह दंगाइयों के सेलेब्रिटी बनें बहुत से “अक्लमंद” हैं, जो आपको सब्सक्राइब करेंगे।
यह सब पसंद के बारे में है,सरकार आपको घर से चुनने और आपको मजबूर नहीं करने जा रही है,यह आपकी इच्छा है कि आप एक सम्मानजनक करियर बनाना चाहते हैं या कोचिंग संस्थान और पार्टियों का मोहरा बनकर जीना चाहते हैं।
यह आपका जीवन है,
ये आपका भविष्य है
ये आपका राष्ट्र है
आपकी इच्छा
आप इसे जो रूप देना चाहते हैं,वो दें।
और हां ये ध्यान रखें,जेहादियों को उनकी मस्जिद और वक्फ बोर्ड से फरमान जारी हो चुका है,वो इसमें बिना कोई विरोध किए,चुपचाप सम्मिलित होंगे और इसका पूरा लाभ उठाएंगे,आप मूंह बांध कर ट्रेनों की बोगियों में आग लगाते रहना,वो ट्रेंड होकर आपके घरों को आग लगाने के लिए स्वयं को तैयार करेंगे।
तब बस सरकारों और न्यायालयों के समक्ष रोते रहना और घर छोड़कर भागते रहना।
आप अपने भाग्य के स्वयं निर्माता हैं और आप ही अपने सर्वनाश के स्वयं जन्मदाता हैं.!