यह तथ्य अब छिपा नहीं है की भारत सैन्य शक्ति में केवल अमेरिका , रूस और चीन से पीछे है । अब पाकिस्तान से तुलना करना भी अनावश्यक है ।
अंतराष्ट्रीय राजनैतिक स्तर भी न हर कोई सदैव शत्रु रह सकता है और न हर कोई सदैव मित्र रह सकता है ।
अमेरिका के लिए रूस से भी बड़ी चुनौती चीन की है । वह रूस के माध्यम से चीन को भी तोड़ना चाहता है अतः भारत को न चाहते हुए भी उसके पास कोई विकल्प नहीं है की वह भारत से नए सैन्य समझौते करे ।
भारत को चीन की विस्तारीकरण की नीति से प्रत्यक्ष समस्या झेलनी ही पड़ती है । कुछ वर्षों पूर्व ही डोकलाम हुआ था । अतः चीन भारत का व्यापार चाहे कितना भी बड़ा हो पर हम एक बड़े सीमा विवाद को भी अनदेखा नहीं कर सकते जो चीन समय समय पर देता रहता है ।
अतः अमेरिका और भारत ने संयुक्त सैन्य अभ्यास की घोषणा करी है जो हिमालय में होगा और भारत चीन सीमा रेखा पर होगा । यह युद्धाभ्यास नौ से दस हज़ार की फ़ीट की उचाई पर होगा पर निश्चित स्थान को अभी गुप्त रखा गया है ।
आपको पता ही होगा नयी सैन्य परिभाषा के अनुसार परमाणु ट्रायाड सम्पन्न अब केवल चार देश माने जा रहे हैं । रूस अमेरिका चीन और भारत ।
और यह मैं पूरे विश्वास से कह रहा हूँ की भारत की सैन्य क्षमता में 2014 से 2022 में धरती आकाश का अन्तर आ चुका है ।