जिहादी दोस्त और पडोसी से रहे सावधान

अमरावती के केमिस्ट उमेश जी के हत्या में जब डॉ यूसुफ एमबीबीएस एमडी का नाम आया तब पूरा परिवार चौंक उठा क्योंकि डॉ यूसुफ और उमेश जी अच्छे दोस्त थे और डॉ यूसुफ के दवाखाने में उमेश जी ही दवा सप्लाई करते थे.

अमरावती में उमेश की हत्या में डॉक्टर “यूसुफ़” शामिल था.

डॉक्टर यूसुफ़.. कई वर्षों (लगभग 16 साल) से उमेश के मित्र थे..
घर भी आना जाना था पर एक दिन उमेश को उसी यूसुफ़ ने मरवा दिया.

और तो और… यह डॉ यूसुफ उमेश जी के अंतिम संस्कार में भी गया था..

पता चला कि… इस पूरी घटना में उसी ने पूरी प्लानिंग की और उनका पूरा रूटीन हत्यारों को बताया और रिपोर्टिंग भी लिया…

इसीलिए, मैं फिर से बता रहा हूं उनके यहां दलित, ओबीसी, पटेल, ब्राह्मण, क्षत्रिय, बनिया शूद्र आदि की कोई परिभाषा नहीं है.

न ही.. उनके यहां मित्र, शुभचिंतक या दोस्त की कोई परिभाषा है.

उनके यहां सिर्फ एक परिभाषा है..

मोमिन या काफिर..

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