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हीरोइनों का प्रेग्नेंट होना सुर्खी क्यों बनने लगा!

हीरोइनों का प्रेग्नेंट होना सुर्खी क्यों बनने लगा!

by हिंदी विवेक
in अवांतर, ट्रेंडींग
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आजकल फिल्मीं ख़बरों में रूचि रखने वाले पाठकों को फिल्मों की नई जानकारियों के अलावा ये सुर्खियां भी पढ़ने को मिलने लगी कि कौनसी हीरोइन कब, किससे शादी कर रही है और वो कब प्रेग्नेंट हुई! किसी हीरोइन का प्रेग्नेंट होना वास्तव में पाठकों की रूचि में शामिल नहीं होता, पर उनके सामने ये सब परोसा जाने लगा है! हीरोइनें फोटो शूट करवाकर उसे इस तरह ग्लैमराइज़ करने लगी, जैसे ये उनकी किसी काबलियत का हिस्सा हो! इसके पीछे वजह चाहे जो बताई जाए, पर ये एक पूरे प्रचार तंत्र का मसालेदार फार्मूला है, जिसे सुर्ख़ियों की तरह मीडिया में परोसा जाने लगा! क्या ये प्रतिद्वंदिता है या कुछ और!

आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की शादी को अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब बॉलीवुड में उनकी शादी की धूम मची थी! दोनों बॉलीवुड के प्रतिष्ठित परिवार से हैं, इसलिए शादी भी उसी शालीनता से हुई! ज्यादा शोर-शराबा नहीं हुआ, जैसा अमूमन ऐसी शादियों के समय होता है या किया जाता है। लेकिन, अभी इस शादी का शोर थमा भी नहीं था कि आलिया के प्रेग्नेंट होने की ख़बर सामने आई! देखा जाए तो ये जीवन की सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। शादी हुई तो परिवार भी बढ़ेगा! लेकिन, बॉलीवुड में इसे प्रचारित करने की नई परंपरा शुरू हो गई! आलिया भट्ट ही नहीं पिछले कुछ सालों में हर हीरोइन प्रेग्नेंसी को ग्लैमराइज़ करने लगी है। लगता है प्रेग्नेंसी के जरिए खुद को ख़बरों में बनाए रखने का हीरोइनों को एक नया बहाना मिल गया।

फ़िल्मी दुनिया का ट्रेंड है कि जैसे भी हो, अपने आपको मीडिया में बनाए रखा जाए! क्योंकि, ये दुनिया पूरी तरह चर्चाओं के नींव पर टिकी है। जो हीरो या हीरोइन खुद को जितना चर्चा में बनाए रखेगा, उसकी दुकान उतनी अच्छी चलेगी! फिर वो चर्चा सकारात्मक हो या नकारात्मक उससे फर्क नहीं पड़ता! कभी अफेयर के मनगढ़ंत किस्सों से ख़बरों में बने रहा जाता है, फिर शादियों के बहाने और अब हीरोइन की प्रेग्नेंसी को ग्लैमराइज़ करना नया शिगूफा बन गया। जबकि, वास्तव में दर्शकों को इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता! अब वो दौर भी नहीं रहा कि किसी हीरोइन के प्रति दर्शकों को इस हद तक लगाव हो! फिर क्या कारण है कि बड़ी से लगाकर छोटी-छोटी हीरोइन भी अपनी प्रेग्नेंसी को किसी उपलब्धि की तरह प्रचारित करने की कोशिश में रहती हैं।

बात सिर्फ आलिया भट्ट तक ही सीमित नहीं है! इससे पहले अनुष्का शर्मा, करीना कपूर, सोनम कपूर, दीया मिर्ज़ा, प्रियंका चोपड़ा, मीरा राजपूत और नेहा धूपिया समेत कई हीरोइनें ऐसे मामलों में अपने आपको प्रचारित कर चुकी हैं! जबकि, नेहा धूपिया इतनी चर्चित एक्ट्रेस नहीं हैं कि उनके प्रेग्नेंट होने की खबर सुर्खियां बनेगी, पर ये सब हो रहा है। मीरा राजपूत कोई हीरोइन नहीं हैं। उनकी पहचान शाहिद कपूर की पत्नी तक सीमित है, पर उन्होंने भी अपनी दूसरी प्रेग्नेंसी को सुर्खी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी! जबकि, हिंदुस्तानी परंपरा में ऐसी बातों को कई तक दिनों तक छुपाया जाता है। घरों की बड़ी-बूढी महिलाओं का कहना था कि ये औरत का दूसरा जन्म होने जैसी घटना है, इस तरह की बातें सबके सामने नहीं की जाती! क्योंकि, ज़माने की नजर लग जाती है! ये बात कितनी सच है, ये तो नहीं कहा जा सकता, पर सामान्य तौर पर इसे बताने से बचा जाता है।

पर, फ़िल्मी दुनिया में ऐसी ख़बरों के लिए अस्पताल से घर आने का भी इंतजार नहीं किया जाता। आलिया भट्ट के बारे में जब ये चर्चा सामने आई तो साथ में अस्पताल का सोनोग्राफी कराते हुए ही फोटो चस्पा था। लेकिन, इससे उन्हें क्या हासिल हुआ, शायद वे खुद भी नहीं जानती! अपनी प्रेग्नेंसी की बात मीडिया में लाने तक ही यह मसला सीमित नहीं है! हीरोइनें इस अवस्था के फोटो शूट करवाकर उसे फिल्मी पत्रिकाओं में फिल्मों के पोस्टर की तरह भी छपवाने लगी। फोटो में उनके पति और परिवार भी शामिल होते हैं, जैसे कोई अजूबा काम हुआ हो!

दरअसल, ये सब सहज और स्वाभाविक बात नहीं है कि अपनी खुशियों में सबको हिस्सेदार बनाया जाए! वास्तव में ये पब्लिसिटी की अंधी दौड़ का एक ऐसा हिस्सा है, जिसके पीछे एक पूरा तंत्र काम कर रहा है। फ़िल्मी हस्तियों के साथ एक पब्लिसिटी सिस्टम काम करता है, जो उनकी हर गतिविधि में खबर ढूंढता है और उसे दुनिया के सामने लाता है ताकि उनका क्लाइंट चर्चा में बना रहे! ये सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। पीआर एजेंसियां, फिल्म पत्रकार, फ़िल्मी पत्रिकाएं, पेशेवर फोटोग्राफर और इस तरह के कई लोग इसमें लगे होते हैं और सबकुछ प्रोफेशनली मैनेज किया जाता है।

पेरेंट्स बनना जीवन का  एक बहुत अनोखा और अच्छा अनुभव होता है। परदे पर पेरेंट्स का किरदार निभाने और असल जिंदगी में पेरेंट्स बनने में बहुत फर्क है। लेकिन, क्या जरूरी है कि जीवन के इस बदलाव को सबके साथ शेयर किया जाए। सोनम कपूर की गिनती भी बड़ी एक्ट्रेस में नहीं होती। उन्हें आज भी अनिल कपूर की बेटी की तरह याद किया जाता है। लेकिन, जब वे प्रेग्नेंट हुई, तो अख़बारों और फ़िल्मी पत्रिकाओं के पन्नों का हिस्सा बन गई! बेबी बंप पर हाथ रखे फोटो दिखाई दिए! यही स्थिति नेहा धूपिया, कोंकणा सेन शर्मा और दीया मिर्जा की भी है। इन्हें इनके फिल्म करियर के लिए तो कम ही पहचाना जाता है, पर ऐसी गैर-फिल्मीं ख़बरों से वे अपने आपको चर्चा में बनाए रखने की कोशिश जरूर करती रहती हैं।

याद किया जाए तो 80-90 के दशक से पहले की किसी भी हीरोइन के बारे में कभी ऐसी कोई बात सामने नहीं आई! वैजयंती माला, आशा पारेख, वहीदा रहमान के कितने बच्चे हैं, क्या ये बात किसी को आज भी पता है! माधुरी दीक्षित के दो बेटे हैं, ये बात उनके अमेरिका से इंडिया आने से पहले किसको पता था! जूही चावला, रवीना टंडन और श्रीदेवी ने कब किसी को अपने प्रेग्नेंट होने की सूचना दी और प्रेग्नेंसी के फोटो छपवाए! इसलिए कि तब किसी हीरोइन को अपनी फिल्मों के अलावा निजी जिंदगी को प्रचारित करने की जरूरत नहीं थी! जबकि, आज प्रतिद्वंदिता के साथ असुरक्षा की भावना भी हीरोइनों को परेशान करने लगी है। उन्हें लगता है कि यदि साल-डेढ़ साल वे सुर्ख़ियों में नहीं रहीं तो अभिनय की दौड़ से उन्हें बाहर कर दिया जाएगा! लेकिन, इसके साथ प्रचार तंत्र का एक पूरा बाजार खड़ा हो गया! देखना है कि ये बाजार कब तक जिंदा रहता है! वैसे जब पहली बार साल 1991 में हॉलीवुड अभिनेत्री डेमी मुर ने  मशहूर मैगज़ीन वैनिटी फेयर के कवर पेज के लिए अपने बेबी बम्प के साथ निर्वरस्त्र फ़ोटोशूट करवाया तो दुनिया मे यह चर्चा का विषय बन गया था। बेशक यह किसी अभिनेत्री का बेबी बंप के साथ निर्वरस्त्र पहला फोटोशूट था। लेकिन वर्तमान दौर पर हम नजर डाले तो आज यह फैशन बन गया है और यह हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक की हीरोइनों के लिए फोटोशूट कमाई का जरिया भी बन गया है, लेकिन यह सामाजिक रूप से शुभ संकेत नहीं। आख़िर छिपाने की चीज भी दिखाई जाने लगी। फिर यह समाज किस ओर जाएगा। आप सहज समझ सकते।

*- सोनम लववंशी* 

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