इतना बदलाव देखने वाले हम वो आखिरी पीढ़ी हैं

मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमारी पीढ़ी ने देखा है वह ना तो हमसे पहले किसी पीढ़ी ने देखा है और ना ही हमारे बाद किसी पीढ़ी के देखने की संभावना लगती है

हम वह आखिरी पीढ़ी हैं जिसने बैलगाड़ी से लेकर सुपरसोनिक जेट देखें हैं.बैरंग ख़त से लेकर लाइव चैटिंग तक देखा है और असंभव लगने वाली बहुत सी बातों को संभव होता देखा है.

  • हम वो आखिरी पीढ़ी हैं

जिन्होंने कई-कई बार मिट्टी के घरों में बैठ कर परियों और राजाओं की कहानियां सुनीं, जमीन पर बैठ कर खाना खाया है, प्लेट में चाय पी है।

  • हम वो आखिरी लोग हैं…

जिन्होंने बचपन में मोहल्ले के मैदानों में अपने दोस्तों के साथ पम्परागत खेल, गिल्ली-डंडा, लँगड़ी टांग, आइस पाइस, छुपा-छिपी, खो-खो, कबड्डी, कंचे, सितोलिया जैसे खेल खेले हैं।

  • हम वो आखिरी पीढ़ी के लोग हैं

जिन्होंने चिमनी , लालटेन, कम या बल्ब की पीली रोशनी में होम वर्क किया है और चादर के अंदर छिपा कर नावेल पढ़े हैं।

  • हम उसी पीढ़ी के लोग हैं…

जिन्होंने अपनों के लिए अपने जज़्बात, खतों में आदान प्रदान किये हैं और उन ख़तो के पहुंचने और जवाब के वापस आने में महीनों तक इंतजार किया है।

  • हम उस आखिरी पीढ़ी के लोग हैं

जिन्होंने कूलर, एसी या हीटर के बिना ही बचपन गुज़ारा है। और बिजली के बिना भी गुज़ारा किया है।

जो अक्सर अपने छोटे बालों में, सरसों का ज्यादा तेल लगा कर, स्कूल और शादियों में जाया करते थे।

जिन्होंने स्याही वाली दावात या पेन से कॉपी, किताबें, कपडे और हाथ काले, नीले किये है। तख़्ती पर सेठे की कलम से लिखा है और तख्ती घोटी है।

जिन्होंने टीचर से मार खाई है. और घर में शिकायत करने पर फिर मार खाई है

जो मोहल्ले के बुज़ुर्गों को दूर से देख कर, नुक्कड़ से भाग कर, घर आ जाया करते थे. और समाज के बड़े बूढ़ों की इज़्ज़त डरने की हद तक करते थे।

जिन्होंने अपने स्कूल के सफ़ेद केनवास शूज़ पर, खड़िया का पेस्ट लगा कर चमकाया हैं

जिन्होंने गोदरेज सोप की गोल डिबिया से साबुन लगाकर शेव बनाई है जिन्होंने गुड़ की चाय पी है। काफी समय तक सुबह काला या लाल दंत मंजन या सफेद टूथ पाउडर इस्तेमाल किया है और कभी कभी तो नमक से या लकड़ी के कोयले से दांत साफ किए हैं।

जिन्होंने चांदनी रातों में, रेडियो पर BBC की ख़बरें, विविध भारती, आल इंडिया रेडियो, बिनाका गीत माला और हवा महल जैसे

 

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