यूक्रेन और रूस की जंग में एक बहुत महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ है । पुतिन के गुरु एलेक्जेंडर दुगिन की बेटी दारिया दुगिन की मास्को के बाहरी इलाके में एक कार बम हमले में मौत हो गई है । पुतिन के समर्थकों का दावा है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने आतंकियों से ये हमला करवाया है और पुतिन को गहरी मानसिक पीड़ा दी है
इस घटना के बाद पूरी दुनिया में ये सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर पुतिन के गुरु एलेक्जेंडर दुगिन कौन हैं और पुतिन उनकी हर बात क्यों मानते हैं ? *असल में पिछले 20 सालों से दुनिया में रूस जो भी कर रहा है उसमें दुगिन की थ्योरी का रोल बहुत बड़ा है ।
एलेक्जेंडर दुगिन ने 1997 में एक किताब लिखी जिसका नाम था फ़ाउंडेशन ऑफ जियो पॉलिटिक्स । इस किताब में यूरेशियावाद की विचारधारा को आगे बढ़ाया गया ।
यूरेशियावाद का मतलब है कि पुतिन के दुरु दुगिन दुनिया के वर्तमान नक्शे को स्वीकार नहीं करते है वो ये मानते हैं कि एशिया और यूरोप कोई महाद्वीप है ही नहीं…. रूस यूरोप और एशिया में नहीं बंटा है बल्कि ये एक पूरा महाद्वीप है जिसे यूरेशिया कहा जाता है । और इस यूरेशिया महाद्वीप का शासक कोई रूसी ही होना चाहिए । पुतिन के गुरु की किताब में रूस की सरकार से 1997 में ये अपील की गई थी कि यूक्रेन, जॉर्जिया, फ़िनलैंड, लातविया, लिथुआनिया, बेलारूस का रूस में विलय कर लिया जाये । अगर बल पूर्वक भी ये करना पड़े तो भी ठीक है । इसी किताब में पुतिन के गुरु ने लिखा कि ब्रिटेन को यूरोप से अलग कर देना चाहिये । ईरान, सीरिया और तुर्की से मित्रता करनी चाहिये और अमेरिका के साम्राज्य को पूरी तरह से नष्ट कर देना चाहिये।
जो बात पुतिन के गुरु ने 1997 में एक किताब में लिखी थी उसी को अक्षरश: पालन करते हुए पुतिन साल 2008 में पुतिन ने जॉर्जिया पर हमला कर दिया । साल 2014 में पुतिन ने यूक्रेन के हिस्से क्रायमिया पर हमला करके उस पर कब्जा कर लिया और अब पुतिन ने यूक्रेन के बाकी हिस्सों पर क़ब्ज़े का अभियान शुरू कर दिया है
असल में यूक्रेन की बर्बादी के पीछे असली दिमाग अलेक्जेंडर दुगिन का है यही वजह है कि दुगिन पर यूक्रेन ने हमला करवाया था लेकिन गलती से उनकी बेटी हमले का शिकार हो गई और दुगिन बच गए ।
इस हमले के फ़ौरन बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक बयान जारी कर कहा कि रूस अब यूक्रेन पर बहुत तेज हमले कर सकता है इसलिये सबको सावधान रहना होगा । इसका मतलब साफ है कि जेलेंस्की को भी पता है कि अब पुतिन गुस्से में हैं और बहुत घातक हमले कर सकते हैं ।
अगर पुतिन अपने गुरु की किताब में लिखी बातों पर चलते रहे तो ये मान कर चलिए कि पुतिन अभी और कई देशों पर हमला करके उनको कब्जा करेंगे और अपने गुरु के अखंड रूस के सपने को साकार करेंगे
पूरा वेस्टर्न मीडिया एलेक्जेंडर दुगिन को पुतिन की आँख, कान और दिमाग़ कहता है । एलेक्जेंडर दुगिन को जर्मन, फ्रेंड, रूसी और अंग्रेज़ी समेत कुल 6 भाषाओं का ज्ञान है । जब ये कॉलेज ब्वॉय थे तो इनको किसी वजह से निष्काषित कर दिया था तब मास्को की लेनिन लाइब्रेरी तक पहुंच बनाने के लिए इन्होंने लाइब्रेरी के पास की सड़क पर सफ़ाईकर्मी का काम किया था । ज्ञान की ललक के चलते ही दुगिन एक सफ़ाईकर्मी से रूस के राष्ट्रपति के सलाहकार तक पहुंच गए ।
हमने हिंदुत्व के विषय से हटकर आपको दुगिन के बारे में इसलिए बताया क्योंकि आपको हिंदुत्व के अलावा भी अंतंर्राष्ट्रीय राजनीति की गहरी जानकारियाँ होनी चाहिए और ये भी पता चलना चाहिये कि पुतिन तो चंद्रगुप्त हैं उनके पीछे असली दिमाग़ तो चाणक्य यानी दुगिन का लग रहा है । दुगिन की उम्र अभी 60 साल है और वो अगर 10 साल तक पुतिन आगे भी रूस की सत्ता पर क़ाबिज़ रहते हैं तो ये मान कर चलते कि रूस कम से कम 5 युद्ध जरूर करेगा ।
– दिलीप पाण्डेय