हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
पाकिस्तान का अस्तित्व संकट में

पाकिस्तान का अस्तित्व संकट में

by अवधेश कुमार
in देश-विदेश, फरवरी २०२३, विशेष
0

लम्बे समय से सरकार की  संरक्षण में चल रही आतंकवादी गतिविधियों और विकास के अभाव के कारण आज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। दैनिक उपयोग की चीजें भी आम लोगों के लिए दूभर हो गई हैं। यदि कोई बड़ा चमत्कार न हो जाए तो वर्तमान स्थितियां पाकिस्तान के दिवालियापन की ओर जाने का पूरा संकेत दे रही हैं।

स्वयं को विफल राष्ट्र कहे जाने पर पाकिस्तानी नेता पहले बिफरते थे लेकिन आज उनके अंदर से ही यह शब्द प्रयोग हो रहा है। सच है कि इस समय पाकिस्तान के एक राष्ट्र के रूप में पूरी तरह फेल हो जाने की सारी सम्भावनाएं घनीभूत हो रही हैं। एक ओर आर्थिक खस्ताहाल, दूसरी ओर राजनीतिक दलों के बीच एक दूसरे को नष्ट करने वाला संघर्ष, तीसरी ओर अभी तक महिमामंडित सेना की प्रतिष्ठा और छवि पर लगते कलंक, चौथी ओर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे आतंकवादी संगठनों का सत्ता पर कब्जा करने का मंडराता खतरा और अपने द्वारा पाले पोसे गए अफगानिस्तानी तालिबान के साथ कभी भी संघर्ष फूटने की स्थिति …। इन सारी स्थितियों के कारण समूचे रूप में पाकिस्तान के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो चुका है।

प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ का यह बयान पूरी दुनिया में वायरल है कि, हम चारों तरफ से कर्ज में डूबे हैं। जिधर देखो उधर ही कर्ज। शाहबाज शरीफ कह रहे हैं कि वैश्विक मुद्रा संस्थानों में हमारे डिफॉल्टर हो जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है। यही सच है। इस समय पाकिस्तान के पास आयात के लिए केवल तीन सप्ताह की विदेशी मुद्रा बची है, खाद्यान्न महंगाई की दर 35% से ऊपर जा चुकी है, आटे की बोरी के लिए भी लोगों के बीच झगड़ा हो रहा है, 1 डॉलर की कीमत 225 पाकिस्तानी रुपया हो चुका है। पाकिस्तान सभी जरूरी सामानों के लिए आयात पर निर्भर है। उसका विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने वाला है। पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास करीब पांच अरब डॉलर ही बचा है। इतने पैसे में पाकिस्तान बस तीन हफ्ते ही आयात कर पाएगा। अन्य बातों को छोड़ दीजिए तो केवल इस स्थिति से ही अनुमान लगाइए कि पाकिस्तान पर क्या बीत रहा होगा।

पाकिस्तान के लोगों के सामने 2 जून की रोटी के भी लाले पड़ने वाले हैं। गेहूं की उपजाऊ जमीन के रहते हुए भी वहां इसका पैदावार घट गया। पैदावार घटने का कारण बाढ़ को बताया जा रहा है। किंतु कठिन परिस्थिति के लिए बफर स्टॉक हरदेश रखता है। पाकिस्तान के सत्ता तंत्र का कारनामा देखिए, गेहूं के लिए आज वह पूरी तरह आयात पर निर्भर है। एक किलो चक्की आटे के लिए लोगों को 160 रुपये देना पड़ रहा है। सरकार सब्सिडी पर गरीब लोगों को 10 किलो गेहूं का पैकेट दे रही है, जिसकी कीमत 650 रुपये रखी गई है। बाजार से सब्सिडी वाला ये आटा भी गायब है। पाकिस्तान में 100 किलो गेहूं की बोरी की कीमत 12,500 रुपये हो गई है। पाकिस्तान सरकार गेहूं की किल्लत को पूरा करने के लिए कुल 75 लाख टन गेहूं का आयात कर रही है। वह रूस से सबसे अधिक गेहूं खरीद रहा है। पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 में पाकिस्तान ने 31 लाख टन से अधिक गेहूं का आयात किया था जिसके लिए उसने 98.3 करोड़ डॉलर का भुगतान किया। वित्त वर्ष 2022 में 22 लाख टन से ज्यादा का गेहूं आयात किया गया था, जिसके लिए पाकिस्तान को 79.5 करोड़ रुपये देना पड़ा था। वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में पाकिस्तान 856,813 टन अनाज आयात कर रहा है जिसके लिए उसने 40.8 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। अभी आने वाले समय में खाने के दूसरे सामानों के लिए भी उसे ऐसे ही भुगतान करना होगा।

पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान अपने भाषणों में कह रहे हैं कि, शहबाज शरीफ सरकार ने देश की इज्जत को नीलाम कर दिया। वे कटोरा लेकर भीख मांगने जा रहे हैं और वह भी नहीं मिल रहा है। न आईएमएफ इनको सुनने को तैयार है और न ही विश्व बैंक। इमरान खान की पार्टी- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली का विवरण देश के सामने रखा है। पीटीआई ने लाहौर में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के बारे में एक श्वेतपत्र जारी किया है। इसमें आधिकारिक आंकड़ों के जरिए देश में बढ़ती जा रही मुसीबत का ब्यौरा पेश किया गया है।

श्वेतपत्र में दावा किया गया है कि पीडीएम सरकार के कार्यकाल के बीते आठ महीनों में देश में महंगाई की दर 45 प्रतिशत रही है। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (पीबीएस) ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के दिसम्बर के जो आंकड़े जारी किए उसके मुताबिक बीते महीने 2021 के दिसम्बर की तुलना में महंगाई 24.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी। श्वेतपत्र से सामने आया है कि निर्यात, बाहर से आने वाली कमाई की रकम (रेमिटैंसेस), प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सहित सभी पैमानों पर पाकिस्तान की हालत बिगड़ती जा रही है। विदेशी मुद्रा की कमी के कराण पाकिस्तानी मुद्रा (रुपये) के भाव में अभूतपूर्व गिरावट आई है। श्वेतपत्र के अनुसार इस संकट के कारण हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां बंद हो चुकी हैं। सरकार के गलत कदमों के कारण कृषि क्षेत्र को भी नुकसान हुआ है। पाकिस्तान पर कुल 127 बिलियन डॉलर का कर्ज है। उसमें सबसे बड़ा कर्ज आईएमएफ का है। श्वेतपत्र के मुताबिक अब देश को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 37 प्रतिशत हिस्सा कर्ज चुकाने पर खर्च करना होगा।

पाकिस्तान पर चीन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक आदि का भारी कर्ज है। आने वाले समय में विदेशी कर्ज न चुका पाने के कारण पाकिस्तान पर डिफॉल्टर साबित होने का खतरा मंडरा रहा है। पाकिस्तान का निर्माण जिस मजहबी घृणा और इस्लामिक राज्य की उन्माद से हुआ उसमें यही होना था। पाकिस्तान बनाने वालों का परिवार भी ज्यादातर इंग्लैंड में निवास करने लगा। आज भी आप देखेंगे तो पाकिस्तान के प्रमुख परिवारों के लोग इंग्लैंड से लेकर दूसरे देशों में रहते हैं। जब आप विदेशों में रहेंगे तो पाकिस्तान के प्रति आपकी कितनी निष्ठा होगी? भारत को नष्ट करने, गजवा ए हिंद की कल्पना करने वाले सत्ता प्रतिष्ठान के लोगों का मस्तिष्क पाकिस्तान को मजबूत बनाने के बजाय भारत को कमजोर करने पर लगा रहा है। जियाउल हक ने जिहाद यानी मजहबी आतंकवाद को राज्य की नीति के तौर पर अपनाया।

पाकिस्तान स्वयं धीरे-धीरे हिंसक जेहादी मानसिकता वालों के प्रभुत्व का देश बन गया। आज अगर अफगानिस्तान का तालिबान शासन किसी देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बना है तो वह पाकिस्तान है। उसने अपनी समानांतर सरकारें गठित कर ली हैं। स्वात घाटी और फाटा में उसका प्रभुत्व स्थापित हो गया है। बलूचिस्तान और वजीरिस्तान दोनों पर कब्जे की वह लड़ाई लड़ रहा है। अफगानिस्तान का तालिबान उसे पूरी मदद दे रहा है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को इसे रोकने की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह सीधे आतंकवादियों के विरुद्ध कार्रवाई करेगा। अफगानिस्तान के उप प्रधान मंत्री तालिबानी अहमद यासिर ने इसके जवाब में ट्विटर पर 1971 में भारतीय सेना के सामने पाकिस्तान के आत्मसमर्पण की ऐतिहासिक तस्वीर साझा करते हुए लिखा है कि पाकिस्तान ने उन पर हमला किया तो उसे ऐसी ही शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ेगा।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: declining economydire inflationpakistan

अवधेश कुमार

Next Post
53 देशों में चीन के अवैध थाने

53 देशों में चीन के अवैध थाने

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0