सज-धज कर तैयार रामनगरी

फाइव स्टार होटल, रिसॉर्ट्स, एयरपोर्ट, शॉपिंग मॉल, फूड प्लाजा, दूधिया प्रकाश से जगमगाता यह किसी महानगर की नहीं बल्कि रामनगरी अयोध्या की बात हो रही है। चौकिएं मत! आप श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए यह नगरी सज रही है। आधुनिक सुविधाओं से लैस इस शहर में आपके ऊपर सीसीटीवी की पैनीं नजर रहेगी कि कहीं आपको कोई परेशानी तो नहीं हो रही है। सरकार की ओर से कई सुविधाएं और व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

पांच सौ सालों की लम्बी प्रतीक्षा के उपरांत अंततः 22 जनवरी 2024 को रामनगरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की शुभ घड़ी सुनिश्चित हो चुकी है और सभी राम भक्तों का उल्लास चरम पर हैं। देश दुनिया के सभी राम भक्त पौराणिक नगरी अयोध्या और अपने आराध्य की जन्मभूमि पर बनने वाले दिव्य भव्य मंदिर के दर्शन करने को लेकर बेहद उत्सुक हैं। गौरतलब हो कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत अयोध्या आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी। इस कारण अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरी कमर कस रखी है। ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने रामजन्मभूमि तक पर्यटन सुविधाएं व कनेक्टिविटी बढ़ाने तथा पौराणिक तीर्थों के सुंदरीकरण के लिए अपनी दूसरी पारी के पहले बजट में अयोध्या को 750 करोड़ की सौगात दी है। उनके इस बजट में रामनगरी की पौराणिकता को सहेजने के साथ-साथ उसे आधुनिक सुविधाओं से भी लैस करने की प्रतिबद्धता साफ दिखाई देती है। इन जन सुविधाओं के तहत नगर में हवाई अड्डे, रेलवे सुविधाओं, नई सड़कों और अस्पताल सुविधाओं का निर्माण तेज गति से चल रहा है। नगर के 37 पर्यटन स्थलों में स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं तथा अयोध्या को जोड़ने वाले विभिन्न सम्पर्क मार्गों का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण किया जा रहा हैं। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार ताज, रेडिसन, इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल), मैरियट इंटरनेशनल, सरोवर होटल्स एंड रिसॉर्ट्स और विंडहैम होटल्स एंड रिसॉर्ट्स जैसी नामचीन होटल श्रृंखलाएं अयोध्या में होटलों के लिए सौदे कर चुकी हैं। इन होटलों के निर्माण से वैश्विक पर्यटन को तो बढ़ावा मिलेगा ही, इस पुरातन नगरी की आर्थिक समृद्धि भी बढ़ेगी। इसी के साथ मध्यम व निम्न आयवर्ग के श्रद्धालुओं के आवास के लिए धर्मशालाओं जैसे किफायती विकल्पों सहित विभिन्न प्रकार के होटलों की योजना बनाई जा रही हैं।

यहां आने वाले श्रद्धालुओं/पर्यटकों को भोजन व आवास की विश्वस्तरीय जनसुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा सरयू नदी के निकट 75 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में गुजरात की जानी-मानी निर्माण कंपनी ‘प्रवेज’ की ओर से छह टेंट नगरियों का निर्माण कराया जा रहा हैं। गुप्तारघाट, ब्रह्मकुंड गुरुद्वारा, रामकथा संग्रहालय के पीछे, बाग बिजेसी, कारसेवकपुरम और मणिरामदास छावनी के परिसर में इन टेंट नगरियों का निर्माण प्रस्तावित है जिनमें करीब 88,000 श्रद्धालुओं को रहने की सुविधा उपलब्ध होगी। इनमें ब्रह्मकुंड गुरुद्वारा के पास कुम्भ की तर्ज पर एक भव्य टेंट सिटी लगभग बनकर तैयार है। 8500 वर्ग मीटर में निर्मित यह टेंट सिटी किसी पांच सितारा होटल से कम नहीं है। खास बात यह है कि इसके निर्माण में अयोध्या की पुरातन संस्कृति की झलक भी दिखतीं है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए भव्य प्रवेश द्वार के साथ सिटी के अंदर कदम रखते ही आकर्षक फव्वारे और भव्य लाईटिंग की व्यवस्था की गई है। इस टेंट सिटी में समस्त आधुनिक सुविधाओं से युक्त 30 कमरे बनाए गए हैं। इस परिसर में सांस्कृतिक मंच भी बनाया जा रहा है जहां रामलीला की भी प्रस्तुति की जाएगी। यहां केवल शाकाहारी भोजन की ही व्यवस्था होगी। शासन प्रशासन ने इन टेंट नगरियों में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने वाले अतिथियों व साधु-संतों को ठहराने की व्यवस्था भी की हैं। चूंकि यहां साधु-संतों के निवास की व्यवस्था है, इसलिए हवन कुंड भी बनाए जा रहे है। हर टेंट सिटी में एक भोजनालय की भी व्यवस्था की गई है जहां एक हजार लोग एक साथ भोजन कर पाएंगे। अयोध्या आने वाले कम आय वर्ग के श्रद्धालुओं के भोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने रुकने की व्यवस्था सहित 350 रुपए में दो समय भोजन देने की भी योजना बनाई है। इसके लिए पूरे नगर निगम क्षेत्र में 40 से अधिक स्थान चयनित किए जा चुके हैं।

मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा का कहना है कि जिस प्रकार अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण युद्धस्तर पर हो रहा है, ठीक उसी तरह राम जन्मभूमि परिसर में यात्री सुविधा केंद्र, बिजली के लिए उपकेंद्र, जल आपूर्ति के लिए केंद्र बनाए जाने के साथ जन्मभूमि पथ सहित परिसर में श्रद्धालुओं के भोजन व प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्थाओं को विकसित किया जा रहा है। सुरक्षा के तहत पुलिस व्यवस्था भी सुदृढ़ की जा रही है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र के अनुसार तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए नगर में 25,000 दर्शनार्थियों की क्षमता के एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र का निर्माण कराया गया है। इस सुविधाकेंद्र में नि:शुल्क लॉकर, उठने-बैठने की व्यवस्था, शौचालय की सुविधा के साथ व्हीलचेयर की व्यवस्था की गयी है।

यही नहीं, अयोध्या आने वाले पर्यटकों के लिए नगर में तीन प्रमुख पथों (रामपथ, भक्तिपथ और जन्मभूमि पथ) का निर्माण किया जा रहा हैं। इन सड़कों के चौड़ीकरण के साथ इन पथों के दोनों किनारों पर धार्मिक महत्व के त्रेता युगीन पेड़ पौधों का रोपण किया जा रहा हैं। वहीं शाम ढलते ही अयोध्या खूबसूरत दिखाई दे इसके लिए इन पथों को आधुनिक लाइटों से सजाया जा रहा है। अयोध्या आने वाले पर्यटकों के मनोरंजन के लिए सरयू नदी में सोलर व वातानुकूलित क्रूज और मोटर बोट चलाए जाने की भी तैयारी की जा रही है। इसके साथ रामायण कालीन वन व उद्यान विकसित किए जा रहे हैं। सूर्यकुंड, समदा झील, मणि पर्वत व और भी कई कुंडों को भी पर्यटकों के लिए विकसित किया जा रहा है।

गौरतलब हो कि देश दुनिया से रामनगरी आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर नगर में रेलवे, बस और हवाईयात्रा की सुविधाओं को भी हाईटेक किया जा रहा है। करीब 241 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे अयोध्या जंक्शन में वह सारी खूबियां होंगी जो एक विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन पर होती है। सरकार की कोशिश है कि धर्मनगरी में श्रद्धालुओं के रेलवे स्टेशन से बाहर आते ही उन्हें राम मंदिर की छवि देखने को मिले। अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन में रेलवे स्टेशन के शिखर पर चार गुंबद एक शिखर और एक मुकुट का निर्माण किया गया है। इसके अलावा राम मंदिर में प्रयोग होने वाले राजस्थान बंसी पहाड़पुर के पिंक सैंड स्टोन पत्थरों का प्रयोग रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग को बनाने में किया गया है। पूरा रेलवे स्टेशन परिसर एक मंदिर जैसा एहसास दिलाता है। अयोध्या रेलवे स्टेशन में एक मॉडल भी रखा गया है। विदित हो कि अयोध्या स्टेशन का पुनर्विकसित भवन 10,000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। इसके पुनर्निर्माण का काम 2018 में शुरू हो गया था। रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनामिक सर्विस इस काम को पूरा करने में जुटा हुआ है। अयोध्या रेलवे स्टेशन के पहले फेस का काम लगभग पूरा हो चुका है। 5000 के करीब यात्रियों की सुविधाओं के लिए इस रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया है। जिसमें एयरपोर्ट की तर्ज पर पूरे सेंट्रलाइज्ड एसी युक्त रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि जनवरी 2024 से यह जनता के लिए पूरे तरीके से खुल जाएगा। इस अत्याधुनिक और विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन में बुजुर्गों और महिलाओं की सुविधा के लिए लिफ्ट, स्वचालित सीढ़ी, वातानुकूलित वेटिंग रूम, पेयजल बूथ, समेत पुरुष महिला और दिव्यांगों के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था की गई है। साथ ही 44 बेड की पुरुष और 32 बेड की महिला डॉरमेट्री का निर्माण किया गया है। यात्रियों के रुकने के लिए 17 रिटायरिंग रूम की भी व्यवस्था की गयी है। एयरपोर्ट की तर्ज पर रेलवे स्टेशन के अंदर आठ अलग-अलग तरीके के फूड प्लाजा से लेकर शॉपिंग तक के लिए दुकानों का निर्माण कराया गया है। अयोध्या में बन रहे रेलवे स्टेशन के लिए तीन अलग-अलग गेट का निर्माण भी हो रहा है।

इसी तरह लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित अयोध्या बाईपास पर निर्मित अयोध्या धाम बस स्टेशन के पीछे 219 करोड़ की लागत से लगभग नौ एकड़ भूमि पर अंतरराज्यीय बस अड्डा बनाया जाएगा। निजी व सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी मॉडल) से निर्मित होने वाले इस बस स्टेशन पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, होटल, बैंक, एटीएम, बिजनेस सेंटर, आधुनिक टॉयलेट, मेडिकल स्टोर, पोस्ट ऑफिस, पुलिस व पर्यटक बूथ जैसी सुविधाएं होंगी। इसके अलावा यहां पर इलेक्ट्रिक बसों के भी खड़े होने की सुविधा होगी। इसके लिए चार्जिंग प्वॉइंट भी बनाया जाएगा।

अयोध्या का मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी लगभग बनकर तैयार है। 22 जनवरी यानी प्राण-प्रतिष्ठा से पहले इसे शुरू कर दिया जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार, एयरपोर्ट की बिल्डिंग राम मंदिर की तर्ज पर राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के पत्थरों से बनाई जा रही है। एयरपोर्ट का निर्माण तीन फेस में किया जा रहा है। पहले फेस में घरेलू उड़ान की सुविधा होगी। यहां पर 500 यात्रियों के एक बार में आने और जाने की सुविधा होगी। रनवे सेफ्टी एरिया (रेसा) के मानक के तहत रनवे और कैंट वन लाइटिंग का काम किया गया है। इससे रात में और धुंध (फॉग) में भी विमानों की लैंडिंग आसानी से कराई जा सकेगी। इसके अलावा यहां पर डे और नाइट दोनों लैंडिंग की सुविधा रहेगी।

 

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