सज-धज कर तैयार रामनगरी

Continue Readingसज-धज कर तैयार रामनगरी

फाइव स्टार होटल, रिसॉर्ट्स, एयरपोर्ट, शॉपिंग मॉल, फूड प्लाजा, दूधिया प्रकाश से जगमगाता यह किसी महानगर की नहीं बल्कि रामनगरी अयोध्या की बात हो रही है। चौकिएं मत! आप श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए यह नगरी सज रही है। आधुनिक सुविधाओं से लैस इस शहर में आपके ऊपर सीसीटीवी की पैनीं नजर रहेगी कि कहीं आपको कोई परेशानी तो नहीं हो रही है। सरकार की ओर से कई सुविधाएं और व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

बदल गई ‘बचपन’ की दुनिया

Continue Readingबदल गई ‘बचपन’ की दुनिया

वक्त के साथ दुनिया बदलती ही है क्योंकि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। इसीलिए विकास के साथ जीवन के प्रति हमारी प्राथमिकताएं, सोच, रहन-सहन और आदतें भी बदल जाती हैं। लेकिन; इन बदली हुई प्राथमिकताओं में कई बार हम उन आदतों व चीजों से अनजाने ही दूर होते जाते हैं जो कभी हमारी ज़िंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा हुआ करती थीं। मसलन वे खेल जिनके साथ हम बड़े हुए हैं। पुराने समय के खेल-खिलौनों की जगह अब मोबाइल, वीडियो गेम, कम्प्यूटर ने ले ली है। कहना गलत न होगा कि आज के बच्चों का बचपन और उनके खेल-खिलौने वक्त के साथ पूरी तरह बदल चुके हैं।

मोदीराज में आधी आबादी की ऊंची उड़ान

Continue Readingमोदीराज में आधी आबादी की ऊंची उड़ान

मोदी सरकार ने शुरुआत से ही महिलाओं की प्रगति पर विशेष ध्यान देना आरम्भ कर दिया था। आज उसके सुपरिणाम समाज में परिलक्षित होने लगे हैं। देश की महिलाएं उन्मुक्त भाव से राष्ट्र के विकास में अपने योगदान को प्रबल बना रही हैं। प्रधान मंत्री कई बार अपने भाषणों में…

सड़क दुर्घटनाओं में भविष्य खोता भारत

Read more about the article सड़क दुर्घटनाओं में भविष्य खोता भारत
A close up of a red emergency triangle on the road in front of a damaged car and unrecognizable people. A car accident concept. Copy space.
Continue Readingसड़क दुर्घटनाओं में भविष्य खोता भारत

भारत में हर वर्ष बड़ी संख्या में लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। कुछ संस्थागत कमियां हो सकती हैं लेकिन अधिकतर मामलों में लोगों की स्वयं की गलतियां भी इस तरह की घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक बनती हैं। जब कोई बहुत बड़ी दुर्घटना होती है तो…

सेवा परमो धर्मः

Continue Readingसेवा परमो धर्मः

कोरोना काल के दौरान देश भर के धार्मिक संस्थानों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं ने तन-मन-धन से राष्ट्रवासियों की सेवा की। शायद यही कारण था कि भारत में कोरोना का प्रभाव पश्चिमी राष्ट्रों की अपेक्षा कम पड़ा। इस आपदा काल में भारतीय संस्कृति में निहित मानवीय संवेदना का भाव सरकार से लेकर आम आदमी तक प्रवाहित हुआ।

सोशल मीडिया का स्याह पक्ष

Continue Readingसोशल मीडिया का स्याह पक्ष

यह सच है कि सोशल मीडिया ने दुनिया छोटी कर दी है और मित्रता तथा जान पहचान को एक अलग मुकाम दे दिया है लेकिन यह भी सच है कि इसकी वजह से लोग अपने आप से और अपनों से दूर होते जा रहे हैं। यह एकाकी जीवन उन्हें अवसाद की ओर ले जा रहा है तथा उनकी निजता बड़ी-बड़ी कम्पनियों के लिए बिजनेस बनती जा रही है।

तुम बिन जिया जाए ना!

Continue Readingतुम बिन जिया जाए ना!

मोबाइल ने हमारे जीवन में उपयोगिता से लेकर लत तक की यात्रा तय कर ली है। मोबाइल से आधे घंटे दूर रहना अब किसी सजा से कम नहीं लगता। मोबाइल सूचनाओं के संवाहक की जगह अब विभिन्न शारीरिक और मानसिक बीमारियों का जनक भी बनता जा रहा है। समय रहते अगर हम सचेत नहीं हुए तो हम मोबाइल के नहीं, बल्कि मोबाइल हमारा मालिक बन जाएगा।

कोरोना के दंश व सबक

Continue Readingकोरोना के दंश व सबक

इस आपदा ने कि हमें परिवार के प्यार व साथ का महत्व बताया है और सिखाया है कि कम सुविधा साधनों में भी हम सुख व शांति से जीवन व्यतीत कर सकते हैं। रिश्तों को प्यार व अपनेपन से कैसे सहेजा जाता है, यह सबक भी इस संकट से हम काफी हद तक सीख चुके हैं।

वीरांगणाओं की भूमि भारत

Continue Readingवीरांगणाओं की भूमि भारत

भारतीय नारी के इस शक्ति स्वरूप की विषद् व्याख्या भारतीय वाङ्मय में मिलती है। ... पुराण काल से वर्तमान समय तक हमारी भारतभूमि तमाम ऐसी पुरुषार्थ साधिकाओं के शौर्य से गौरवान्वित होती आ रही है।

End of content

No more pages to load