2024 के आम चुनाव में भाजपा ने 282 सीटों पर जीत प्राप्त की। इसके नेतृत्व वाले राजग को लोकसभा की 543 सीटों में से 336 सीटों पर जीत प्राप्त हुई। 1984 के बाद पहली बार संसद में किसी एक दल को (भाजपा को) पूर्ण बहुमत मिला और देश के 15वें प्रधान मंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को शपथ दिलाई गई। 2019 के आम चुनाव में भाजपा को 303 सीटों पर प्रचंड जीत मिली और इसके नेतृत्व में राजग को लोकसभा की कुल 543 में से 352 सीटों पर जीत प्राप्त हुई।
हिंदू राष्ट्र, राष्ट्रवाद, आर्थिक उदारीकरण और अखंड मानवतावाद की विचारधारा पर भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में निर्मित भारतीय जन संघ है। 1977 में आपातकाल समाप्ति के बाद जनता पार्टी के निर्माण हेतु जनसंघ का अन्य दलों के साथ विलय हो गया। इससे 1977 के आम चुनाव में पदस्थ कांग्रेस पार्टी को हराना सम्भव हुआ। 3 वर्षों तक सरकार चलाने के बाद 1980 में जनता पार्टी विघटित हो गई और पूर्व जनसंघ के पदचिन्हों को पुर्नसंयोजित करते हुए भारतीय जनता पार्टी का निर्माण हुआ।
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के कारण उनके बेटे राजीव गांधी के प्रति सहानुभूति की लहर थी। अत: 1984 के आम चुनाव में भाजपा को लोकसभा में केवल 2 सीटें मिलीं। इसके बाद राम जन्मभूमि आंदोलन ने पार्टी को ताकत दी। कुछ राज्यों में चुनाव जीतते हुए और राष्ट्रीय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए 1996 में पार्टी भारतीय संसद में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। इसे सरकार बनाने का आमंत्रण मिला, परंतु सरकार केवल 13 दिन चली। 1998 में भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का निर्माण हुआ और अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में सरकार बनी, जो 1 वर्ष तक चली। इसके बाद आम चुनाव में राजग को पूर्ण बहुमत मिला और पुन: वाजपेई के नेतृत्व में 5 वर्ष तक सरकार चली। यह पूर्ण अवधि पूरा करनेवाली गैर कांग्रेसी सरकार थी। 2004 के आम चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और 10 वर्षों तक उसे विपक्ष में बैठना पड़ा।
2024 के आम चुनाव में भाजपा ने 282 सीटों पर जीत प्राप्त की। इसके नेतृत्व वाले राजग को लोकसभा की 543 सीटों में से 336 सीटों पर जीत प्राप्त हुई। 1984 के बाद पहली बार संसद में किसी एक दल को (भाजपा को) पूर्ण बहुमत मिला और देश के 15वें प्रधान मंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को शपथ दिलाई गई। 2019 के आम चुनाव में भाजपा को 303 सीटों पर प्रचंड जीत मिली और इसके नेतृत्व में राजग को लोकसभा की कुल 543 में से 352 सीटों पर जीत प्राप्त हुई। पुन: तीसरी बार 2024 के आम चुनाव में भाजपा को 240 सीट मिलीं और राजग को 293 सीटें मिलीं, जो बहुमत से अधिक है और ऐतिहासिक रूप से नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधान मंत्री बने हैं।
भाजपा की अधिकारिक विचारधारा एकात्म मानववाद है। प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत कोरोना काल से लेकर आज तक 80 करोड़ से अधिक भारतीयों को प्रतिमाह मुफ्त राशन वितरण किया, जो आज भी जारी है। 4 करोड़ से अधिक आश्रयहीन गरीबों को पक्का मकान दिया। 14 करोड़ से अधिक घरों में नल से जल और 100 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंचाई। 53 लाख से अधिक रेहड़ी पटरी वालों को लोन वितरित किया। 51 करोड़ से अधिक जनधन खाता खोलकर बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा। 11.8 करोड़ से अधिक किसानों को प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 3 लाख करोड़ से अधिक आर्थिक सहायता दी। 10 करोड़ से अधिक मुफ्त एलपीजी कनेक्शन और 12 करोड़ से अधिक इज्जत घर (शौचालय) बनवाए। आयुष्यमान कार्ड के अंतर्गत 55 करोड़ लाभार्थियों को 5 लाख रुपए की स्वास्थ्य सुरक्षा दी, जो शीघ्र ही 70 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक भारतीयों को भी यह सुविधा मिलने जा रही है तथा 5 लाख के स्थान पर प्रत्येक लाभार्थी को 10 लाख रुपए तक की सीमा बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है।
आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और डिजिटल लेनदेन में नंबर एक पर है। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद आतंकी हमले में कमी और पर्यटन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। इस राज्य में सकुशल लोकसभा चुनाव हुए और पूर्ण राज्य का दर्जा देकर शीघ्र विधानसभा चुनाव की तैयारी है। चंद्रयान 3 के साथ दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश भारत बना। लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई। अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कर प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न हो चुका है और वहां करोड़ों की संख्या में दर्शनार्थी रामलला के दर्शन हेतु पहुंच रहे हैं। कोरोना काल में 2.97 करोड़ लोगों को सूडान, यूक्रेन, लीबिया, यमन और अन्य देशों से सुरक्षित वापसी करते हुए भारतीयों को बचाया गया।
भाजपा के विगत 10 वर्षों के शासनकाल में इंफ्रास्ट्रक्चर का अभूतपूर्व विकास करते हुए हवाई अड्डों की संख्या दुगनी होकर 74 से 150 हो गई। मेट्रो की संख्या 5 शहरों से बढ़कर 20 शहरों तक फैल गया। मेडिकल कॉलेज की संख्या 384 से बढ़कर 700 से भी अधिक हो गई। एम्स की संख्या 9 से बढ़कर 22 हो गई। 1914 के सापेक्ष देश में विश्वविद्यालय की संख्या 450 से बढ़कर 1100 तक पहुंच गई। राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या 96 कि.मी. के सापेक्ष 1.5 लाख कि.मी. हो गई है। पुरानी ग्रामीण सड़कें 320 लाख कि.मी. में वर्तमान सरकार ने 3.80 लाख और जुड़ गए हैं। 60 हजार नए गांव, सड़कों से जोड़ी गई हैं। वंदे भारत ट्रेनों की संख्या शून्य से बढ़कर 41 हो गई हैं। 2014 के सापेक्ष भारतीय रेलवे विद्युतीकरण 20000 कि.मी. से बढ़कर सम्पूर्ण रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन हो गया। अकेले उत्तर प्रदेश में 3 हवाई अड्डों से 21 हवाई अड्डों पर संचालन प्रारम्भ हो गया है। 2 लाख पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़कर सुदूरगामी क्षेत्रों को इंटरनेट सेवा दी जा रही है। देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया। देश में पुराने आईपीसी, सीआरपीसी और इंडिया एविडेंस एक्ट 1936 को बदल कर नए कानून लागू हो गए। सेना को आत्मनिर्भर बनाकर नए जहाजों, हथियारों और नौसैनिक पोतों से सुसज्जित किया गया। सांस्कृतिक पुर्नरुत्थान करते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर, केदारनाथ मंदिर व उज्जैन महाकाल मंदिर कॉरिडोर का निर्माण हुआ। अहमदाबाद मुंबई बुलेट ट्रेन तैयार हो गया है। नई शिक्षा नीति लागू किया गया। अग्निवीर योजना से सेना को सशक्त बनाया गया है। आदिवासियों को सम्मान देकर राष्ट्रपति पद पर सुशोभित कराया गया। गोवंश रक्षा हेतु उपाय किए गए। जी-20 देशों का सम्मेलन भारत में कराया गया। सैनिकों हेतु वन रैंक वन पैंशन योजना लागू की गई। नई संसद भवन का निर्माण सोलर एनर्जी और इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन व निर्माण सम्भव हुआ। वॉर मेमोरियल का नया निर्माण कर सैनिकों को सम्मान दिया गया। प्राकृतिक खेती व नैनोयूरिया को बढ़ावा दिया गया। अवैध एनजीओ पर नियंत्रण कर विदेशों से हवाला लेनदेन रोका गया। अबूधाबी में मंदिर निर्माण हुआ। 154 करोड़ लीटर एथेनॉल का पेट्रोल में मिश्रण सुनिश्चित कराया गया। मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में विश्व में भारत को दूसरे स्थान पर लाया गया। जीएसटी लागू किया गया। योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला। नक्सलियों पर शिंकजा कसा गया। 5जी संचालन कराकर 6जी पर शोध प्रारम्भ किया गया। कई देशों से रूपयों में लेनदेन। नालंदा विश्वविद्यालय का निर्माण। ट्रांसजेंडरों को सम्मान। भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई, गुड गवर्नेंस, डिजिटल गवर्नेंस और डाटा गवर्नेंस के लिए देश में आवश्यक इकोसिस्टम तैयार करना। क्रायोजेनिक इंजन सर्जिकल स्ट्राइक नमामि गंगे योजना करतारपुर कॉरिडोर। स्वतंत्रता के 75 वर्ष कार्यक्रम स्टेचू ऑफ यूनिटी चीन की घेरेबंदी और पाकिस्तान को भीख मांगने के कगार पर खड़ा करने का कार्य किया है।
विगत वर्षों में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और अब इंडी गठबंधन की प्रगति का भी अवलोकन कर ले। कांग्रेस के डीएनए में प्रारम्भ से ही परिवारवाद, तानाशाही, हिंदू, हिंदी और संस्कृति विरोध रहा है। भारत विभाजन, आपातकाल, गोरक्षक साधुओं पर गोलीबारी, 1984 के सिख दंगे और देश में भयंकर भ्रष्टाचार, आकाश समुद्र और धरती पर घोटाला तथा मुस्लिम तुष्टिकरण का सर्वमान्य आरोप कांग्रेस पर है।
भाजपा जहां 2 सीटों से 303 सीटों तक पहुंची, वही कांग्रेस 1996 के बाद चार बार 200 और उसके अंदर ही लोकसभा सीट प्राप्त कर सकी। चार बार 100 के अंदर सीटें लाई और इस बार 2024 में 99 सीट लाकर प्रफुल्लित है। इनके सम्पूर्ण इंडी गठबंधन ने भी मिलकर बीजेपी के 240 के बराबर सीट अर्जित नहीं कर सकी। इंडी गठबंधन जातिगत गोलबंदी, चुनाव में जनता को झूठे वादे करके तथा तुष्टीकरण व असत्य को आधार बनाकर भी सफल नहीं हो सकी। कांग्रेस ने भारतीय लोकतंत्र को सदैव राजतंत्र की तरह चलाया। भगवा आतंकवाद, हिंदू आतंकवाद का मुद्दा कांग्रेस ने खड़ा किया। 26/11 को आरएसएस की साजिश कहा। गोधरा कांड पर गलत रिपोर्ट कांग्रेस ने बनाया। इनहेरिटेंस टेम्स की बात सैम पित्रोदा से कहलवाकर समर्थन में खड़ी हो गई। 1990 में कश्मीर से हिंदू पलायन पर चुप्पी साध ली।
कांग्रेस सहित सम्पूर्ण इंडी गठबंधन ने भारत के हिंदू जनमानस को सदैव आहत किया। राहुल गांधी का यह कहना कि लाल कृष्ण आडवाणी ने जिस आंदोलन को चलाया था, जिसका केंद्र अयोध्या था, उसी अयोध्या में इंडी गठबंधन ने उसे परास्त कर दिया। इसमें यह दर्शाता है कि राहुल केवल राम मंदिर के नहीं वरन राम जन्मभूमि आंदोलन से उपजी हिंदू चेतना को समाप्त करना चाहते हैं। इंडी गठबंधन ने चुनाव में भाजपा पर आरोप लगाया कि वह 400 के पार का नारा इसलिए दे रही है क्योंकि वह संविधान में विश्वास नहीं करती। वह संविधान में परिवर्तन कर एसटी, एससी तथा पिछड़ों के लिए आरक्षण समाप्त करना चाहती है, जबकि वास्तविकता यह है कि कांग्रेस ने ही संविधान की इज्जत ताक पर रख दी थी। 1975 का आपातकाल लोकतंत्र का सबसे बड़ा कलंक माना जाता है। स्वयं राहुल ने कैबिनेट के निर्णय की प्रति मनमोहन सिंह की सरकार में एक सार्वजनिक सभा में मंच पर ही फाड़ दिया था। कांग्रेस को कमिटेड ब्यूरोक्रेसी और कमिटेड ज्यूडिशरी बहुत पसंद था। न्यायपालिका को धमकाना, जगमोहन लाल सिंह न्यायमूर्ति इलाहाबाद न्यायालय को रायबरेली में इंदिरा गांधी के विरुद्ध निर्णय देने के पूर्व अन्य साधनों से धमकी दी गई थी कि यदि उन्होंने निर्णय विरुद्ध में दिया तो उनकी पत्नी अगली करवा चौथ नहीं मना पाएगी। असम में राज्यसभा सदस्य बहरुल इस्लाम को सीधे गोहाटी न्यायालय का जज बना दिया था और उनके रिटायर होने पर पुन: राज्यसभा की सदस्यता दिला दी थी। शाहबानो केस में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को ही राजीव गांधी ने बदल दिया था।
जहां तक बीजेपी पर आरक्षण खत्म करने का आरोप है उसके सापेक्ष 1961 में नेहरू ने पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें आरक्षण पसंद नहीं है। 1916 में काशी विश्वविद्यालय की स्थापना हुई, वहां आरक्षण है, परंतु अलीगढ़ और जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में आरक्षण नहीं है, क्योंकि इन्हें अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया था। 1991 में विश्वविद्यालय एक्ट में परिवर्तन करा दिया था, यद्यपि इलाहाबाद न्यायालय ने इससे मना कर दिया, अभी भी सर्वोच्च न्यायालय में निर्णय रिजर्व है।
मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन बिल पास किया, जिसमें सर्वाधिक लाभ दलित और पिछड़े को मिलना है, परंतु कांग्रेस ने इस बिल का विरोध किया। यदि भाजपा को आरक्षण खत्म करना होता तो वाजपेई सरकार के कार्यकाल में सन 2000 में आरक्षण की समय सीमा 10 वर्ष बढ़ाने हेतु संविधान संशोधन क्यों करती? वाजपेई सरकार में ही जून 2000 में संविधान में 81 वें संशोधन के माध्यम से अनुच्छेद 16 में संशोधन कर लम्बित पड़ी बैकलाग रिक्तियों में एससी-एसटी भर्तियों को संरक्षण प्रदान की, प्रोन्नति में आरक्षण दिलाया। 2002 में 85वें संशोधन से एससी-एसटी प्रोन्नति में वरिष्ठता क्रम को संशोधित कराया, भाजपा ने ही संविधान में दलित व पिछड़ों के लाभ हेतु 89वां, 105वां संशोधन किया।
सही अर्थों में देश में एकमात्र भाजपा ही लोकहित के साथ राष्ट्रहित की राजनीति कर रही है। वह जहां युवा शक्ति, नारी शक्ति, गरीब किसान, एक भारत श्रेष्ठ भारत, सशक्त विकसित भारत, युवा भारत, डिग्निटी ऑफ लाइफ, क्वालिटी ऑफ लाइफ, निवेश से नौकरी, 70 वर्ष के हर वृद्धि को आयुष्मान कार्ड और गारंटी का वादा कर देश सेवा करना चाहती है। गरीब की थाली पोषण युक्त मन को संतोष देने वाली और सस्ती हो इस पर काम करना चाहती है। वही इंडी गठबंधन परिवारवाद, भ्रष्टाचार, जातिवाद, झूठ तथा भ्रष्टाचारियों को बचाओ की रणनीति पर चुनाव जीतना चाहती है। कांग्रेस ने संविधान को कभी सर्वोच्च नहीं माना, सदैव पार्टी और गांधी परिवार का ही हित देखा। वर्तमान चुनाव में जहां केंद्र में भाजपा का लगातार तीसरी बार प्रधान मंत्री बना है वहीं कांग्रेस की यह तीसरी खराब उपलब्धि रही है। अगले चुनाव में भाजपा को अपनी कमियों को सुधार कर जनता से जुड़ने का अवसर आ रहा है। भगवान श्रीराम से लड़ने की हिम्मत अगर राहुल और अखिलेश यादव में आ रही है तो भाजपा को अगले चुनाव में लड़ने का हुनर सीखना होगा।