वार्षिकोत्सव में पधारे वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सत्येंद्र सिंह
कन्या शिक्षा परिसर सीहोर, विद्यालय में दिनांक 1 दिसम्बर 2024 को हर्षोल्लास के साथ द्वितीय वार्षिकोत्सव आयोजित किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सत्येंद्र सिंह एवं विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर जयदीप मंडल, प्राचार्य-क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, छउएठढ भोपाल उपस्थित रहे। अतिथियों में जनजातीय कार्य विभाग, सीहोर के जिला संयोजक श्री हीरेन्द्र कुशवाहा , सीहोर के नगर संघचालक श्री भारत सोनी, छउउ भोपाल से सूबेदार मेजर एम. के. शर्मा, सिविल अस्पताल, सीहोर से डॉ. गौरव ताम्रकर एवं डॉ. आर. के. सिंघल आदि उपस्थित थे। 1 हजार से अधिक की संख्या में अभिभावकगण भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती प्रमिला राही पांडेय ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इन्होंने बताया कि विगत वर्ष विद्यालय की बोर्ड कक्षाओं का परिणाम लगभग शत प्रतिशत रहा तथा विद्यालय की चार छात्राओं ने राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता में रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त कर विद्यालय का नाम रोशन किया है। प्रतिवर्ष सभी कक्षा के विद्यार्थियों को अलग-अलग भारत यात्राओं पर ले जाया जाता है। विद्यालय में घोष तथा पाइप बैंड का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। छउउ की जूनियर विंग की भी शुरुआत हुई है। विद्यालय कौशल विकास प्रशिक्षण पर जोर देते हुए हॉबी क्लब के माध्यम से सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, हस्तशिल्प, ब्यूटीशियन, पाककला, ग्राफिक डिजाइनिंग, कोडिंग, नृत्य और संगीत का स्व-रोजगार का प्रशिक्षण दे रहा है। सूर्या फाउंडेशन द्वारा विद्यालय में एक गौशाला का निर्माण भी किया गया है, जिससे गौ-माता का पौष्टिक और ताजा दूध बालिकाओं को दिया जाएगा।
तत्पश्चात बालिकाओं द्वारा शारीरिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन हुआ जिसमें समूहगान, कराटे, लोक नृत्य, घोष, योग गोपुरम प्रदर्शन, तीरंदाजी तथा व्यायाम व योग ने दर्शकों का मन मोह लिया। छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बालिकाओं तथा अभिभावक द्वारा अपने अनुभव कथनों में व्यक्त भावों ने सभी को भाव-विभोर कर दिया । इस अवसर पर पुरस्कार वितरण किया गया जिसमें वर्षभर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्राओं, शिक्षकों और प्रबंधकों को सम्मानित किया गया। विद्यालय में सतत सहयोग तथा सक्रिय भागीदारी को देखते हुए अभिभावक श्री रामदीन बारेला, ग्राम- बावड़ीखेडा को भी विद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया।
वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष श्री सत्येंद्र सिंह जी ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए छात्राओं एवं विद्यालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि जैसे ही परिसर में प्रवेश किया तो उन्हें गुरुकुल परम्परा की याद आ गई। इस देश की संस्कृति अरण्य संस्कृति है और अरण्य संस्कृति के देवता भगवान शिव हैं। भगवान शिव की संस्कृति जनजाति की संस्कृति है और जनजाति संस्कृति ही सनातन हिंदू संस्कृति है और इसी संस्कृति से विश्व में अन्यान्य संस्कृतियां विकसित हुई हैं। जनजातीय समाज इस सनातन परम्परा की मुख्यधारा का जनक है, संवाहक है, संरक्षक है। जनजातीय समाज इस देश का प्राण है। इसलिए सूर्या फाउंडेशन यह श्रेष्ठ कार्य निरंतर करता रहे।
अपने वक्तत्व में उन्होंने भारत माता के लिए समर्पित महापुरुषों के प्रेरक चरित्रों का स्मरण कराते हुए पांच बातों का विशेष रूप से आवाहन किया। पहला, समाज में समरसता। हम सब का खून एक ही है हमारे पूर्वज एक ही हैं। किसी कारण से कोई नगर में है कोई वन में है कोई ग्राम में है लेकिन हम सब एक हैं, इस नाते हम सब में समरसता रहनी चाहिए छुआछूत, ऊंच-नीच व भेदभाव समाप्त होने चाहिए। दूसरा, पर्यावरण। हमें पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को अपनाना है। वृक्षारोपण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वृक्ष सिर्फ एक वृक्ष नहीं है एक जीवन है और वृक्ष बचेंगे तो ही हमारा जीवन बचेगा। तीसरा, पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने हेतु कुटुंब प्रबोधन। समाज में बढ़ते एकल परिवार के चलन को रोक कर भारत की प्राचीन संयुक्त व संस्कारयुक्त परिवार परम्परा को बढ़ावा देने की आज बहुत आवश्यकता है। चौथा, नागरिक कर्तव्य। सभी जगह नियम बने हुए हैं। परिवार, क्लब, देश का नियम होता है, इस कन्या शिक्षा परिसर का भी नियम है उस नियम का पालन करना ही नागरिक कर्तव्य है। नागरिक कर्तव्य बोध अर्थात कानून की पालना से राष्ट्र समृद्ध व उन्नत होगा। पांचवा, स्व का बोध अर्थात स्वदेशी । जनजातीय भाषाओं को याद रखना है, भाषा हमारी धरोहर है । हमारी संस्कृति में लोक नृत्य है, गीत है, संगीत है उसको भी नहीं भूलना है क्योंकि जनजातीय समाज में नृत्य भगवान की पूजा है और विभिन्न प्रकार की कलाएं भगवान की आराधना है । अपने सम्बोधन में उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन की प्रेरणादाई घटनाओं को बताते हुए सभी को प्रेरित किया तथा विद्यार्थियों को नए सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रबंधक श्री सत्येन्द्र शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ इस भव्य आयोजन का समापन हुआ।