प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी दिव्यांग कल्याणकारी संस्था की ओर से दिव्यांग बच्चों को शैक्षणिक यात्रा कराई गई। इस यात्रा में कुल 25 विद्यार्थी व 19 सेवक कुल 44 लोग राजस्थान के माउंट आबू, कुंभलगढ़, उदयपुर व चितौड़ की यात्रा पर गए।
सभी यात्री 13 तारीख की शाम को पुणे से यशवंतपुर-जोधपुर एक्सप्रेस ट्रेन से माउंट आबू के लिए रवाना हुए। दूसरे दिन माउंट आबू पहुंचे। माउंट आबू में ब्रह्मकुमारी प्रजापति के यूनिर्वसल पीस सेंटर को देखा जहां साधकों द्वारा सभी बच्चों को सेंटर के बारे में जानकारी दी गई। अपनी प्राकृतिक सौंदर्य बिखरती ‘नखी झील’ को बच्चों ने देखा और बोटिंग का आनंद भी उठाया। माउंट आबू परिसर में गुरुशिखर आचलेश्वर शंकर मंदिर देलवाड़ा स्थित श्वेतांबर जैन मंदिर, अरबुदादेवी आदि धार्मिक स्थानों को भी देखने का मौका बच्चों को मिला।
कुंभलगढ़ की यात्रा के दौरान बच्चों ने रणकपूर स्थित अत्यंत प्राचीन पार्श्वनाथ जैन मंदिर का दर्शन किया। कुंभलगढ़ स्थित जंगल सफारी का बच्चों ने खूब आनंद उठाया। 22 किलोमीटर इस जंगल यात्रा के दौरान बच्चा को कई अनोखे जंगली जानवरों को देखने का अवसर मिला अगले दिन बच्चों ने हल्दीघाटी परिसर का भ्रमण किया जहां महाराणा प्रताप व अकबर की सेना के बीच लड़ाई हुई थी। हल्दी घाटी से सम्बंधित अनेक संग्रहालयों व महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक के समाधी का दर्शन करने का सौभाग्य इन बच्चों को मिला।
बच्चों ने फिर उदयपुर शहर की यात्रा की। यहां सिटी पैलेस बहुत भव्य महल है।
सभी बच्चों ने तीन-चार घंटे में इसके इतिहास के बारे में जाना। इसके बाद भव्य ‘पिचोला झील’ का आनंद लिया। अंतिम दिन तीन घंटों तक चितौड़गढ़ के भव्य किले का भ्रमण किया और इसके इतिहास के बारे में जाना। उन्होंने कुंभ पैलेस, मीराबाई और पद्मिनी पैलेस जैन र्कीति स्तंभ आदि स्थानों का दौरा किया। स्थानीय कार्यकर्ता श्री श्रीभाग चंद्रजी ने बच्चों के लिए नाश्ते व भोजन की व्यवस्था की।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा स्थापित एक भव्य प्रकल्प है। जिसे उदयपुर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को जरुर देखना चाहिए। यहां बच्चों के लिए राजस्थानी भोजन परोसा गया। संस्था के कुशल अधिवक्ता मुरलीधर कचरे, सचिव श्री शंकर जाधव, सहसचिव श्री राहुल बनकर व विश्वस्त श्री राजाभाऊ कदम व सभी सेवकों ने इस यात्रा को सफल बनाने हेतु अपना विशेष योगदान दिया।