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सिलेक्टिव बट इफेक्टिव: मल्टी टारगेटेड “ऑपरेशन सिंदूर”

सिलेक्टिव बट इफेक्टिव: मल्टी टारगेटेड “ऑपरेशन सिंदूर”

by अमोल पेडणेकर
in विशेष, विषय
4

कश्मीर के पहलगाम में निरपराध 29 हिंदुओं को धर्म पूछ कर अत्यंत निर्ममता से पाकिस्तान पुरस्कृत मुस्लिम आतंकवादियों ने गोलियों से मौत के घाट उतार दिया था। इस घिनौनी घटना के बाद संपूर्ण देश भर में पाकिस्तान और आतंकवादियों के खिलाफ अत्यंत गुस्से का माहौल था। भारत सहित संपूर्ण विश्व के हिंदू नरेंद्र मोदी सरकार की ओर अत्यंत अपेक्षा से देख रहे थे। गत 15 दिन से एक अंदाजा था की सुबह नींद से उठते ही पाकिस्तान पर हुए हमले की खुशखबर जरुर मिलेगी। और आज सुबह नींद खुलते ही जैसे टीवी सुरु किया और हम देख रहे थे कि भारत ने आतंकवाद विरोधी कार्रवाई शुरू करके पाकिस्तान में आतंकवादियों के 9 अड्डों को तबाह करने की खबर मिल गई।

भारत को चैलेंज देने वाले आतंकवादियों को करारा जवाब देकर नरेंद्र मोदी ने भारत के दुश्मनों तक एक संदेश पहुंचा है कि अगर भारतीय नागरिकों को आहत करने का तुम प्रयास करोगे तो, हम तुम्हें घर में घुसकर मारेंगे। इस कार्रवाई से विश्व और देश के दुश्मनों तक यह निश्चित संदेश पहुंचा है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। इस लोकतांत्रिक देश में अगर कोई पड़ोस का दुश्मन हमारे घर में घुसकर हमारे महिलाओं के सामने उनके सिंदूर को मिटा देता है, गोली से भून देता है और कहता है कि जाकर तुम्हारे नरेंद्र मोदी को बताओ। यह भारत के लोकतंत्र को आतंकियों ने दि हुई एक प्रकार की चुनौती थी। चुनौती को स्वीकार करते हुए नरेंद्र मोदी ने 15 दिनों के अंदर पाकिस्तान में घुसकर पुरस्कृत आतंकवादियों के गढ़ को तबाह किया है। एक लोकतांत्रिक राष्ट्र ने अपनी जनता का हौसला किस प्रकार बढ़ाना चाहिए, लोकतांत्रिक राष्ट्र की जिम्मेदारी क्या होती है, लोकतांत्रिक देश में जनता के हित किस प्रकार ध्यान में रखा जाता है। यहां सीख संपूर्ण विश्व को दी है।

 

कश्मीर में आतंकी हमला होने के बाद नरेंद्र मोदी ने कहा था यह देश की आत्मा पर किया हुआ हमला है। आतंकवादियों ने पूरे देश को चैलेंज किया है। उनको इस प्रकार का सबक सिखाया जाएगा कि उसकी कल्पना भी वह कर नहीं सकते। नरेंद्र मोदी ने जो कहा वह पूरा किया है। भारत ने दिए हुए जवाब के बाद कश्मीर में आतंकवादी हमले में मारे गए कौस्तुभ गुनबोटे की पत्नी संगीता गुनबोटे ने अपनी प्रतिक्रिया देते वक्त कहा है कि , आज मेरे पति और आतंकी हमले में मरने वाले सभी निरपराध नागरिकों को शांति मिल गई है। संपूर्ण विश्व भर के भारतीयों से आने वाली मन की आवाज को नरेंद्र मोदी ने समझी है। हमारे जैसे आतंकवाद पीड़ित लोगों का दर्द नरेंद्र मोदी ने समझा है।

नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक का लिया हुआ यह निर्णय और भारतीय सेना के तीनों दलों ने दिखाये शौर्य से प्राप्त हुई ऐसी कामयाबी है जिस पर सारे भारतीय अपने आप को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं । इस कार्रवाई में पाकिस्तान के सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को केंद्र में रखकर हमला किया गया।

Operation Sindoor in pics | Here's a look at sites targeted by Indian armed forces

कोई रिहायती इलाका इस ऑपरेशन में हाताहत नहीं हुआ है। इस युद्ध शैली को कलेक्टिव बट इफेक्टिव अटैक कह सकते हैं। इसके पहले पुलवामा में दिए हुए जवाब के बाद पाकिस्तान कहता था कि केवल कौवे मर गए हैं और कुछ पेड़ गिरे हुए हैं । गिरे तो भी टांग ऊपर यह पाकिस्तान की नीति है। वह नीति इस बार कामयाब नहीं रही। अब पाकिस्तान लाशें गिन रहा है। इस बार स्कैल्प मिसाइल्स जो राफेल का एक हिस्सा है। हैमर बम जैसे आयुधों से जेश ऐ मोहम्मद, लश्कर ऐ तौयबा और हिजबुल के आतंकवादी ठिकानों पर चुन चुन कर हमला किया गया। सुभान अल्लाह पाकिस्तान आतंकवाद निर्माण करने की फैक्ट्री हैं । जहां पर बच्चों को आतंकवादी ट्रेनिंग देकर तैयार किया जाता है। इस आतंकवाद के अड्डा कहे जाने वाले मस्जिद पर भारतीय वायुसेना के माध्यम से हमला किया गया । मुरीदके ,बहावलपुर, सियालकोट जैसे आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सेना ने हमला किया । पहली बार ऐसा हुआ है कि मल्टी टारगेट ऑपरेशन किया गया। सिलेक्टेड बट इफेक्टिव हमला पाकिस्तान पर किया गया। उसमें भारतीय सेना कामयाब रही है । अब भारत अपने शौर्य की नई कहानी लिख रहा है । यह बात दुनिया को महसूस हो रही है।

यह एक इस प्रकार का ऑपरेशन है जो अब तक के सभी आतंकवादी हमले और हिंदुओं पर किए हुए अत्याचार का जवाब है ।भारतीय सेना ने दिया हुआ यह जवाब सिर्फ कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का यह जवाब नहीं है। भारत के संसद पर हुए हमले का जह जवाब है। मुंबई शहर पर हुए आतंकी हमले का यह जवाब है। कश्मीर में गत 30 सालों में हिंदुओं का जो कत्लेआम हुआ है उसका यह जवाब है। पुलवामा में सैनिकों को बम से उड़ने की घटना का यह जवाब है।

संपूर्ण भारत भर में अब तक हुए बम धमाकों का यह जवाब है। कश्मीर में महिलाओं के सामने उनके पतियों की हत्या करते वक्त जाकर अपने मोदी को बता देना , इस बात का भी यह जवाब है। नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंकवादियों को संदेश दिया हुआ है हर बात का जवाब मिलेगा । गिन गिन के मिलेगा। पाकिस्तान ने कभी सपने में भी सोचा नहीं होगा लाहौर के पास मुरीदके तक पहुंच कर भारत हमला करेगा। यह हमला भारत के अब तक के संयम का करारा जवाब है। यह हमला भारतीयों के अब तक दिए हुए दर्द का जवाब है।यह जवाब पाकिस्तान की उस सेना प्रमुख आसिम मुनीर को भी है जिसने पहलगाम का हमला होने से कुछ दिन पहले कहा था कि भारत और पाकिस्तान दो नेशन थैरी है । हिंदू नेशन और मुस्लिम नेशन अलग है। हम मुस्लिम है, हमारी पद्धति अलग है। पाकिस्तान के उस सेना प्रमुख को भारत की हिंदू थ्योरी अब मोदी समझा रहे हैं।

The Cries of Pahalgam Terror Attack Survivors | The Geopolitical Economist

 

यह पिन पॉइंट किया गया भारतीय सेना का हमला देश के दुश्मनों के आतंकवाद की जड़ पर किया गया एक जबर्दस्त प्रहार है। इस प्रकार का प्रहार पाकिस्तान पर होना बहुत अनिवार्य था । युद्ध नीति की महत्वपूर्ण बात यह है कि हमले की जानकारी शत्रु को कभी नहीं मिलनी चाहिए। भारत ने ठीक ऐसा ही किया। भारत ने हमला करने के बाद हमले की प्रखरता कितनी भयानक है ,इसका अनुभव पाकिस्तान को कर दिया हुआ है । यहां युद्ध नीति की एक कला है आप जो भी कुछ करने वाले हैं उसकी भनक दुश्मन को लगनी नहीं चाहिए । राहुल गांधी ने पाकिस्तान के आतंकवादी क्षेत्र में कार्रवाई करने वाले भारतीय सैनिकों को पर गर्व व्यक्त किया है। अखिलेश यादव ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कही है । साथ में ओवैसी ने पाकिस्तान को पूरा खत्म कर दो, इस प्रकार का संदेश भेजा हुआ है । भारत को अब सतर्क रहने और संगठित होने की आवश्यकता है।

यह युद्ध जैसे माहौल का समय है। इस हमले के बाद बौखलाये पाकिस्तान ने सीमा पर हमला करके सीज फायर का उल्लंघन किया है । बौखलाया पाकिस्तान इससे ज्यादा कुछ करने की इस समय आशंका है । लेकिन अब पाकिस्तान जो भी करेगा उस पर और कड़ा जवाब भारत से उसको मिलेगा। पहलगाम के हमले के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आतंकवादियों को ऐसा जवाब मिलेगा कि जिस पर उसने कभी विचार ही नहीं किया होगा। नरेंद्र मोदी जी ने जो बोला वह कर दिया। भारत के महिलाओं का सिंदूर उनकी आंखों के सामने गोलियों से आतंकवादी ने छीना था। इस सिंदूर का बदला लेने के लिए इस ऑपरेशन को सिंदूर ऑपरेशन नाम दिया गया। और आतंकवादियों को बताया कि हमारे बहनों का सिंदूर छीनोगे तो करारा जवाब मिलेगा। संपूर्ण विश्व याद रखेगी कि भारत को छेड़ोगे तो भारत छोड़ेगा नहीं।आतंकवादियों के खिलाफ उठाए हुआ यह आखिरी कदम नहीं होना चाहिए। यह पहला कदम है। आतंकवाद की जड़े मिटाए बिना और उन आतंकवादियों को पनाह देने वाले आकाओं को समाप्त किए बिना यह संग्राम समाप्त नहीं होना चाहिए । हमें इस बार उन जड़ों को निरस्त करने में कामयाब होना है।

अब बौखलाया पाकिस्तान कुछ ना कुछ हरकत जरूर करेगा। कारण हरकतें उनके नस-नस में भरी हुई है। भारत के सीमा क्षेत्र इलाकों को सील किया गया है। कुछ सीमाओं पर हमले भी हुए हैं। शीश फायर को पाकिस्तान ने तोड़ा हुआ है । ऐसे समय में आगे युद्ध छेड़ सकता है । अब अगर युद्ध होता है तो वह युद्ध कब खत्म होगा इसका कोई निश्चित परिमाण नहीं है । क्योंकि इसराइल- हमास का युद्ध ,रूस -यूक्रेन का युद्ध हमें बता रहा है कि आने वाले काल का युद्ध जल्द समाप्त होने वाला नहीं होता है। ऐसे समय में हमें अत्यंत सतर्क रहना आवश्यक है।
भारत ने पाकिस्तान को अब तक दिए हुए शांति अवसरों को और बातचीत पर पाकिस्तान और उनके पुरस्कृत आतंकवादियों ने पानी फेर दिया है। भारत के साथ बार-बार धोखा होता रहता है। फिर भी भारत ने कभी अपना धैर्य नहीं खोया है। भारत सदा इस आशा से जीता रहा है कि पाकिस्तान बदल जाएगा और संबंध में सुधार आएगा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2014 में अपने शपथ विधि में पाक के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को विशेष निमंत्रण पर बुलाया था । एक आशा बनी थी अब दोनों देशों के बीच चली आ रही समस्या का राजनीतिक बात से समाधान हो जाएगा। लेकिन जल्द ही यह आशा निराशा में बदल गई। ऐसा बार-बार हुआ है। भारत को युद्ध में खींचा जाता रहा है। भारत अनचाहे भी भारत को यह सब करने के लिए मजबूर किया जाता रहा है । ऐसे ही जैसे अर्जुन को युद्ध में उतरना पड़ा और महाभारत हुआ। युद्ध से कोई फायदा नहीं यह बात सही है लेकिन भविष्य की शांति के लिए युद्ध करना पड़ता है ।

जब अपने दुश्मनों की राक्षसी वृत्ती सहन करने की सीमा के बाहर तक बढ़ जाए , तब पलायन नहीं करते। हमारी सारी भागवत गीता इसी बात पर केंद्रित है। भागने से पलायन से कोई समस्या का समाधान नहीं होता। करना पड़े तो युद्ध करो लेकिन साक्षी भाव से करो। देश और देश की जनता का संरक्षण- संवर्धन करने के लिए करो, यह साक्षी भाव है। अपने नागरिकों की रक्षा करनी है यह भारत का दायित्व है। भारत शांति चाहता है उसके प्राणों में निरंतर एक ही प्रार्थना चलते आई है, कि यह पूरा विश्व एक परिवार के रूप में जिए । लेकिन पड़ोसी अगर ऐसा नहीं चाहते हैं तो एक जिम्मेदार देश की भांति उनको सही जवाब देने की भरपूर तैयारी भारत रखता है। सिर्फ शांति एवं अहिंसा के ख्वाबों और ख्यालों में जीने का कोई अर्थ नहीं है। ठोस धरा पर जिन आवश्यक है। आज भारत ने जो करारा जवाब दिया है इसी आधार पर किया हुआ है। भारत माता की जय का प्रतीकात्मक अर्थ, जिसमें में सृजन है, प्रेम है, रक्षा का अभीवचन भी है। आज भारत के दुश्मनों को करारा जवाब देकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सृजन शक्ति के साथ देश की रक्षा के लिए उनकी कटिबद्धता को भी स्पष्ट किया हुआ है। साथ में देश के सभी नागरिकों का कर स्वाभिमान से ऊंचा किया है।

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अमोल पेडणेकर

Comments 4

  1. sachin Karnik says:
    2 days ago

    बहुत बढ़िया और सही विचार को प्रस्तावित किया है ! मोदीजी और पुरे साशन को धनयवाद और शुभकामनाऐ ! भगवत गीता भी हमें ये ही प्रेणा देती है !! जय भारत भूमि !! जय भारत की सेना !

    Reply
  2. Gyanindra Mishra says:
    2 days ago

    बहुत ही सुंदर लिखा इतने कम समय में पूरी समीक्षा करके परोस दिया है आपने।
    साधुबाद।

    घर यह ऑपरेशन सिंदूर के तहत जो आतंकियों के ठिकानों पर आक्रमण हुआ है यह अत्यंत सुखद अनुभूति वाला समाचार है परंतु एक बात ध्यान रखना होगा कि आतंकवादियों को मारने से हम उनकी इच्छा पूर्ति कर रहे हैं उनको पुरस्कृत कर रहे हैं क्योंकि उनकी जो आप ब्रिंगिंग है उनकी जो सच है वह यह है कि जिहाद की राह में यदि वह कुर्बान होते हैं तो उन्हें एक तो जन्नत नसीब होती है और वहां पर 72 कुंवारी लड़कियां उनका इंतजार करती हैं हो रहे हैं तो वह तो प्रसन्नता से जाते हैं और जो उनके नियंत्रण करता है पाकिस्तान सेना के लोग आई‌एस आई के लोग वह सब लोग तो निश्चिंत रहते हैं कि मारो जितना मारना है आतंकवादी दूसरे तो सैकड़ो की संख्या में तैयार हो ही रहे हैं मदरसों की फैक्ट्री में।।

    अतः निर्धनता आवश्यक है कि उनके नियंत्रण कर्ताओं को सेनन के लोगों को मारा जाए–एक भारतीय मारे तो 10 पाकिस्तान सेना के लोग मारे जाने चाहिए और उनको धीरे-धीरे इस बात का एहसास हो की भारतीयों के मारे जाने पर सेना के लोग मारे जा रहे हैं और ऐसे ही 8-10 घटनाएं हो जाएगी तो अपने आप ही आतंक की घटनाएं समाप्त हो जाएगी।।

    Reply
  3. Kirit Manohar Gore says:
    2 days ago

    सही बात लिखी है आपने…

    Reply
    • Anonymous says:
      2 days ago

      धन्यवाद

      Reply

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