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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ग्यारह वर्ष

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ग्यारह वर्ष

by हिंदी विवेक
in ट्रेंडींग
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विकसित व समृद्धशाली बनने की ओर अग्रसर नया भारत

वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का नेतृत्व संभाला और सेवा, सुशासन तथा गरीब कल्याण के साथ राष्ट्रहित में आगे बढ़ते हुए दोबारा कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा, फिर चाहे कोविड जैसी महामारी आई हो या पड़ोसी देशों ने कुचक्र रचे हों। आज का भारत राष्ट्ररक्षा, राष्ट्रजीवन और राष्ट्रोत्थान के प्रत्येक पक्ष में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के मूलमंत्र के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले इस समय को विकास का अमृतकाल कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने साहसिक निर्णयों से देश की राजनीति को सामान्य दलगत सत्ता की राजनीति से बदल कर जनहित और राष्ट्रहित के लिए सतत प्रयासशील राजनीति बनाने का सार्थक प्रयास किया है।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का आम नागरिक अपने आपको सुरक्षित अनुभव करता है क्योंकि वो देख रहा है कि भारत पड़ोसी के अपराध करने पर उसको घर में घुसकर मारता है, भारत ने अपनी सुरक्षा नीति में बड़े बदलाव किए हैं। पूर्व में सर्जिकल स्ट्राइक जैसे अपने ही पराक्रम को चुनौती देते हुए भारतीय सेना द्वारा इस बार जम्मू –कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की धर्म पूछकर हत्या की धृष्टता को ऑपरेशन सिन्दूर से दिए गए उत्तर का परिणाम पूरा विश्व देख रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ही संभव था अन्यथा मुंबई जैसे वीभत्स आतंकी हमले के बाद भी तत्कालीन प्रधानमंत्री डोजियर–डोजियर ही खेलते रहे थे।

ऐसा पहली बार हुआ, जब भारत सरकार ने पाकिस्तान की परमाणु हथियारों की गीदड़ भभकी के आगे झुकने से पूर्णतया इंकार कर दिया। कूटनीतिक स्तर पर सिंधु जल समझौता निलंबित करने का निर्णय हुआ, जिसके बारे में पहले कभी सोचा भी नहीं गया था। पूरी स्पष्टता और सख्ती के साथ कह दिया गया कि अब पाकिस्तान से बात होगी तो केवल आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को वापस करने पर ही होगी। आजादी के बाद पहली बार भारत सरकार ने पाकिस्तान व उसको सहयोग देने वालों के प्रति इतना कड़ा रुख अपनाया है। मोदी सरकार की नीति से स्पष्ट हो गया है कि अब अगर पाकिस्तान या उसके पोषित आतंकवादियों ने कोई भी गलती करी तो पाकिस्तान का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।

मोदी सरकार के विगत ग्यारह वर्षों में चलाए गए आत्मनिर्भर भारत की धमक ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान पूरे विश्व ने अनुभव की जब भारत के स्वदेशी यंत्रों और आयुधों ने अमरीका, चीन और तुर्की जैसे देशों के हथियारों को धूल चटा दी। रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और आयुधों तथा रक्षा प्रणालियों के क्रेता से विक्रेता बनने की यह यात्रा नए नरेन्द्र मोदी के भारत की पहचान है। केवल सीमापार ही नहीं वरन सीमाओं के भीतर बैठे लाल आतंकी भी डर में हैं और अपनी अंतिम साँसे गिन रहे हैं। नक्सलवाद के सफाये का व्यापक संकल्पबद्ध अभियान चलाया जा रहा है और गृह मंत्रालय ने 2026 तक भारत को नक्सलवाद के आतंक से मुक्त कराने का बीड़ा उठाया है।

मोदी जी के दूसरे कार्यकाल के आरम्भ में ही 5 अगस्त 219 को जम्मू कश्मीर में अलगाववाद की पोषक धारा -370 इतिहास के पृष्ठों में चली गई और राज्य देश की मुख्य धारा से जोड़ा जा सका। जम्मू कश्मीर ने विकास की राह पकड़ी। प्रान्त में जी -20 (जो भारत की अध्यक्षता के बाद 21 हो चुका है) की बैठकें हुईं। पर्यटन बढ़ा, रोजगार आया , युवाओं के लिए नए अवसर खुले। शांतिपूर्ण चुनाव हुए। कुछ ही दिन पूर्व प्रांत में चंद्रभागा (चिनाब) नदी पर बना विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे ब्रिज प्रधानमंत्री ने देश को समर्पित किया। मोदी राज से पूर्व ये सब कुछ कल्पना मात्र था।

स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ, उज्जवला, मातृत्व वंदन, महिला सशक्तीकरण, ग्रामीण आवास, जन-धन, फ्री राशन जैसी योजनाओं से मोदी सरकार ने बड़ी जनसँख्या को गरीबी के चंगुल से बाहर निकालने में सफलता प्राप्त की है। विश्व बैक की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार के विभिन्न प्रयासों के चलते 27 करोड़ भारतीय घोर गरीबी रेखा से बाहर निकल चुके हैं। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न चुनौतियों व विपरीत परिस्थितियों के बाद भी भारत की अर्थव्यवस्था लंबी छलांग लगा रही है और भारत विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बन गया है। 2014 के पूर्व एक ऐसा समय भी था जब भारत को फ्रजाइल फाइव में से एक कहा गया। महिलाओं की चिंता करते हुए पहले मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति तथा फिर संसद व राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण का मार्ग प्रशस्त किया गया। ड्रोन दीदी और लखपति दीदी अपने आप में सफलता की कहानियां हैं।

डिजिटल क्रांति को अपनाते हुए भ्रष्टाचारमुक्त और पारदर्शी शासन प्रणाली की स्थापना के प्रयास से आज एक तरफ राज्य की कल्याणकारी नीतियों का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुँच रहा है वहीं दूसरी और विश्व भर के निवेशक भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं। डिजिटल इंडिया के कारण जनता का जीवन और व्यापार दोनों आसान हुए हैं। बैकिंग आसान हुई है तथा सरकार की जन-धन योजना ने बड़ी आबादी को देश की बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा है जिससे सरकारी योजनाओं का वित्तीय लाभ सीधे जनता के बैंक एकाउंट में पहुंच रहा है। आधार आधारित प्रणाली योजनाओं के क्रियान्वयन में पूर्व में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने वाली है। प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए नोटबंदी का कड़ा निर्णय लिया, उस समय सभी समस्याएं उठाते हुए देश की जनता मोदी जी के साथ खड़ी रही, यह उसके अपने प्रधानमंत्री पर अटल विश्वास का परिचायक था। 2017 में आया नया जीएसटी कानून भी कर व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव लेकर आया।

नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ऐसे सभी कार्य संपन्न हो रहे है जिनका पहले लोग केवल सपना देखते थे। अयोध्या में 500 वर्षों के अथक संघर्षो के बाद दिव्य, भव्य व नव्य राम मंदिर का निर्माण का संकल्प अब पूर्णता की ओर है। 2014 के चुनाव प्रचार तक विपक्षी “रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे, किंतु तारीख नहीं बताएंगे’ कहकर भाजपा का मखौल उड़ाते थे किंतु प्रभु बालक राम की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही विपक्ष स्वयं मखौल बनकर रह गया है। आज करोड़ों रामभक्त रामलला के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति का पुनर्जागरण काल चल रहा है। भारत भर के हिंदू सनातन संस्कृति के सभी प्रमुख केंद्रो का विकास हो रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ-2025 का सफल व अभूतपूर्व आयोजन किया गया, जिससे संपूर्ण विश्व में हिंदू एकजुटता का पवित्र संदेश गया। प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर हजारों साल पुरानी चोरी हुई कलाकृतियां व मूर्तियां भारत को वापस मिल रही है। जिसमें वाराणसी में अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति अत्यंत महत्व की है। देश के सभी तीर्थस्थलों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएँ देने के साथ-साथ उन्हें रेल, सड़क व वायु पविहन के माध्यम से जोड़ा जा रहा है।

मोदी जी के द्वितीय कार्यकाल में कोविड जैसी महामारी का प्रकोप हुआ जिससे विश्व के बड़े-बड़े देशों की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गयीं। कई देशों में हड़तालें हुईं, दंगे हुए यहां तक कि सत्ता परिवर्तन तक हो गये किंतु भारत की प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आम जनमानस के सहयोग से समस्या से निपटी और सफल हुई। भारत सरकार विदेशी वैक्सीन बेचने वाली शक्तियों के विरुद्ध भी डटकर खड़ी रही। भारत ने न केवल अपनी वैक्सीन बनायी वरन वसुधैव कुटुम्बकम के मंत्र को धारण करते हुए विश्व के कई देशों को भी इसे उपलब्ध कराया।
आमजन के स्वास्थ्य को लेकर भी प्रधानमंत्री सदा चिंतित रहते हैं इसके लिए एक तरफ आयुष्मान भारत योजना लागू की गई और सस्ती दवाओं की उपलब्धता के लिए जनऔषधि केंद्र खोले गए, वहीं स्वास्थ्य सेवाओं की अवस्थापना, चिकित्सा तथा उपचिकित्सा सेवा प्रदाताओं की संख्या बढ़ाने तथा टेली मेडिसिन पर तेजी से काम किया गया। योग के माध्यम से आरोग्य सुनिश्चित करने के लिए योग को बढ़ावा दिया जा रहा है, फिट इंडिया जैसे कार्यक्रम चल रहे हैं, भोजन में श्री अन्न को स्थान दिलाने के प्रयत्न हो रहे हैं और अब प्रधानमंत्री जी ने नागरिकों से भोजन में वसा युक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा कम करने का आह्वान किया है।

मोदी जी के नेतृत्व में अंतरिक्ष, विज्ञान में भारत ने नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। चाहे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर तिरंगा फहराना हो या सूर्ययान आदित्य एल-01 की सफलता की कहानी हो इसरो का 100 अंतरिक्ष यान भेजने का कीर्तिमान, अब तो भारत गगनयान का भी प्रक्षेपण करने जा रहा है।
सर्व समावेशी, सर्व दिशीय विकास की भारत की यह गौरव यात्रा भारत को निश्चित ही विकसित भारत की ओर ले जाएगी, ऐसा प्रत्येक भारतीय का विश्वास है।

 

  • मृत्युंजय दीक्षित

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