“दहिसर के ज्येष्ठ स्वयंसेवक, सहकार एवं शिक्षा क्षेत्र के अग्रणी और भाजपा के कार्यकर्ता राम ब्रिज यादव जी का कल दुःखद निधन हुआ है। अत्यंत प्रतिकूल वातावरण में दीर्घकाल तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सहकार, शिक्षा, सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में दीर्घकाल तक निरपेक्ष भावना से कार्य करके जिन्होंने समाज में अपना स्थान निर्माण किया था, ऐसे रामब्रिज यादव जी असामान्य व्यक्तित्व थे। दिसंबर,2013 में रामब्रिज यादव जी के अमृत महोत्सवी वर्ष निमित्त हिंदी विवेक मासिक पत्रिका ने उनके कार्य का लेखा जोखा प्रस्तुत करने वाला विशेषांक का प्रकाशित किया गया था। विशेषांक में रामब्रिज यादव जी के कर्तृत्व संपन्न एवं बहुआयामी व्यक्तित्व के संदर्भ में समाज के विशेष मान्यवारों ने अपने विचार आलेखों के माध्यम से प्रस्तुत किए थे। रामब्रिज यादव जी को हिंदी विवेक मासिक पत्रिका के माध्यम से विनम्र श्रद्धांजलि व्यक्त करते हैं। विभिन्न क्षेत्र के मान्यवारों ने उनके संदर्भ में अपने विचार आलेखों के माध्यम से प्रस्तुत किए हुए थे, मान्यवारों के वह विचार आने वाले सप्ताह में हिंदी विवेक मासिक पत्रिका के सोशल मीडिया एवं वेब साइट के माध्यम से वह आलेख आप सभी तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। हिंदी विवेक मासिक पत्रिका की ओर से हम बहुआयामी व्यक्तित्व स्वर्गीय राम ब्रिज यादव जी को विनम्र श्रद्धांजलि व्यक्त करते हैं।”-भवदीय,
अमोल पेडणेकर ( मुख्य कार्यकारी अधिकारी ), हिंदी विवेक मासिक पत्रिका.
रामब्रिज जी यादव के सम्पर्क में पिछले ३५ वर्षों से हूं। ३५ साल पूर्व मैं जिस इलाके में रहता था उस जय भीम नगर में तब भीषण आग लगी थी। इस आग की भीषणता इतनी थी कि करीब१५० लोग विस्थापित हुए थे। उनका पुनर्वसन करने के लिए तत्कालीन विधायक राम नाईक का योगदान प्राप्त हुआ। लेकिन इस ओर रामभाऊ का ध्यान आकर्षित करने के काम में अगुवा थे श्री रामब्रिज यादव व श्री हेमेंद्र महेता। आर्थिक सहायता इकट्ठा कर पीड़ित लोगों का पुनर्वसन करने में रामब्रिज यादव का मूल्यवान योगदान था। उस समय एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में मैं इस कार्य की ओर अपनेपन की भावना से देख रहा था। समाज के प्रति उनके मन की छटपटाहट जानने का प्रयास कर रहा था। संकट के समय की गई सहायता का बहुत मूल्य होता है। इसी कारण आज ३५ वर्षों के बाद भी उसकी यादें मेरे मन में ताजा ही है।
मैं जहां रहता था वह क्षेत्र पूरी तरह अविकसित क्षेत्र था। बिजली, पानी वहां की मुख्य समस्याएं थीं। हमारे पोयसर विभाग में बिजली लाने का महत्वपूर्ण कार्य रामब्रिज यादव की अगुवाई के कारण ही हुआ। यादव जी का मैं आरंभसे ही निरीक्षण कर रहा था। यादव जी समर्पित व्यक्तित्व है। हाथ में लिया गया कार्य अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी मानकर उसे पूरा करना उनका स्वभाव है। इसी कारण यादव जी हर काम में अगुवा रहे। उन्होंने पार्टी के पदाधिकारी के रूप में कभी काम नहीं किया, लेकिन मैं संघ परिवार और भाजपा का कार्यकर्ता हूं यह मानकर हमेशा कार्य किया है। हाथ में ली जिम्मेदारी अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है यह मानकर उन्होंने समाज कार्य किया।
एक प्रशासकीय अधिकारी के रूप में उनके कार्य की प्रणाली अप्रतिम थी। यादव जी मैं लोगों से काम करवा लेने की क्षमता है और कोई काम में, जिम्मेदारी निभाने में, कर्तव्य में चूक करता है तो उसे रोकने की क्षमता भी यादव जी में है। इस तरह की स्पष्टवादिता का यह गुण आजकल के राजनीतिक व्यक्तियों में कम देखने को मिलता है। उन्होंने अत्यंत गरीबी के दिनों में समर्पित भाव से, किसी तरह का राजनीतिक स्वार्थ न रखते हुए पार्टी का काम किया है। समाज को उन्होंने पार्टी से परिचित कराया है। इसी कारण आज उत्तर मुंबई में पार्टी का कार्य विस्तार हुआ है। मेरे विधायक बनने पर वीर सावरकर उद्यान में वीर सावरकर की प्रतिमा व दहिसर के क्रीडा संकुल में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की गई। इसमें यादवजी का सहयोग उल्लेखनीय था।
उनके पूरे जीवन की ओर देखें तो सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, बैंकिंग, उद्योग, आध्यात्मिक, पारिवारिक व व्यक्तिगत जीवन पूर्णता सफल रहा है। इसलिए एक हरफनमौला व्यक्तित्व के रूप में मैं उनके जीवन की ओर देखता हूं। एक अत्यंत सामान्य जीवन को वे असामान्यता की ओर ले गए। शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु है, लेकिन किन्हीं कारणों से व्यक्ति के जीवन में शिक्षा पूरी नहीं हो पाई तब भी जीवन को प्रकाश की ओर ले जाने के अनेक मार्ग हैं। यादव जी ने अपनी जीवन यात्रा में इस बात को साबित कर दिया है। राम नाईक व संघ परिवार ने जनसेवा बैंक में यादव जी को लेने का निर्णय कितना सही था, इसे रामब्रिज यादव ने अपनी कार्यशैली से सिद्ध कर दिया है। आज बैंक तेजी से अपना विस्तार कर रहा है। इसमें रामब्रिज यादव व उनके सहयोगियों के उस काल में लिए गए अचूक निर्णय, परिश्रम का इसमें बड़ा योगदान है।
यादव जी कठोर हैं ऐसा कुछ लोगों को लगता है। लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि मौका पड़ने पर वज्र से कठोर होने पर ही यादव जी सफल हुए हैं। उनके जीवन मार्ग में कुछ कठोरता मैंने भी कुछ मात्रा में अनुभव की है। मुझे भी प्रत्यक्ष कार्य में इस स्वभाव का उपयोग हो रहा है। एक कार्यकर्ता के रूप में जब मैं यादव जी की ओर देखता हूं तो उनके व्यवहार में संघ परिवार के विचारों का अंगीकार बड़ी मात्रा में महसूस होता है।
समर्पित कार्य प्रणाली, निस्वार्थ वृत्ति, हाथ लिया गया कार्य पूरा करने का स्वभाव उनके जीवन की सफलता के प्रमुख कारण हैं। मेरे सामान्य कार्यकर्ता से अब तक के प्रवास में मुझे रामब्रिज जी के प्रति बहुत बड़ा आकर्षण रहा है।
समाज की उन्नति के लिए भविष्य के इस तरह के कार्यकर्ता निर्माण हो, यादव जी का आदर्श अंगीकार करें इसलिए यादव जी का अमृत महोत्सव समाज के हम कुछ लोग मिलकर मना रहे हैं। इसका उद्देश्य समाजहित और समाज में अच्छे गुण पहुंचाना है। यादव जी ने सम्पूर्ण जीवन में आदरणीय कार्य किया है इसलिए वे हमें अनुकरणीय लगते हैं। उन्हें दीर्घायुष्य व स्वस्थ जीवन मिले यही मनोकामना है।
-गोपाल शेट्टी, पूर्व सांसद