समाज के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों को प्रतिवर्ष वैदिक काल के सप्तऋषियों के नाम पर पुरस्कार प्रदान किया जाता है। ज्ञातव्य हो कि हिंदू रिसर्च फाउंडेशन, नागपुर जो एक स्वयंसेवी संस्था है वह वर्ष 2022 से सप्तऋषियों के नाम पर पुरस्कार देती है। उक्त पुरस्कार विश्वकर्मा, महर्षि वाल्मीकि, आचार्य भारद्वाज, आचार्य कणाद, आचार्य सुश्रुत, नागार्जुन और आर्यभट्ट इन सात ऋषियों के नाम पर हैं। ऋषि वाल्मीकि के नाम पर दिए जाने वाला वर्ष 2025 का पुरस्कार हिंदुस्थान प्रकाशन संस्था के अध्यक्ष, साप्ताहिक ‘विवेक’ के पूर्व सम्पादक और वरिष्ठ विचारक पद्मश्री रमेश पतंगे को देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार आगामी 5 अक्टूबर को नागपुर में एक समारोह के दौरान प्रदान किया जाएगा। लेखन के माध्यम से पिछले कई दशकों से किए गए उनके वैचारिक प्रबोधन के कार्य को यह एक और पहचान मिली है। इससे पहले यह वाल्मीकि पुरस्कार पद्मविभूषण डॉ. एस. एल. भैरप्पा और महाकवि सुधाकर गायधनी को प्रदान किया जा चुका है।
बताया जाता है कि कई उद्देश्यों को लेकर यह हिंदू रिसर्च फाउंडेशन कार्यरत है। जिनमें दुनिया भर के सभी मनुष्यों और विशेष रूप से हिंदू धर्म के अनुयायियों के धार्मिक, शैक्षणिक, नैतिक, सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने , सार्वजनिक व्याख्यान, चर्चा सत्र, संगोष्ठिययां, शोध परियोजनाएं, शास्त्रार्थ आदि का आयोजन करके हिंदू धर्म का प्रचार करना, हिंदू दर्शन का अधिक वैज्ञानिक, संगठित और प्रामाणिक तरीके से गहन अध्ययन सुगम बनाने के लिए हिंदू अध्ययन के लिए चेयर स्थापित करना; विज्ञान, साहित्य और अध्यात्म के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले प्राचीन संतों और ऋषियों के नाम पर नोबेल पुरस्कारों के समतुल्य पुरस्कार प्रदान करना आदि। डॉ. टी. एस. भाल फाउंडेशन के संस्थापक और प्रबंध न्यासी हैं। हिंदी विवेक परिवार की ओर से पद्मश्री रमेश पतंगे को अग्रिम बधाई और अभिनंदन।