दिनांक 12 सितम्बर 2025 को नई दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशनल क्लब में रक्षा व विदेश मामलों के विशेषज्ञ करुणाशंकर उपाध्याय की सद्य: प्रकाशित पुस्तक ‘ऑपरेशन सिंदूर अनजाने संदर्भ’ का लोकार्पण सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर अध्यक्ष के रूप में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से यह सिद्ध होता है कि ऑपरेशन सिंदूर भारत सरकार, सेना एवं समाज का ऐसा सम्मिलित कारनामा है जो इतिहास में अमर हो गई है। इस गाथा को लिखकर प्रोफेसर करुणाशंकर उपाध्याय ने सराहनीय कार्य किया है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए भारत सरकार के पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री व मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि हमें शक्तिमेव जयते पर विश्वास करना चाहिए। वर्तमान मोदी सरकार देश को महाशक्ति बनाने में लगी हुई है और ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। इस पुस्तक के लेखक ने इसके सभी पहलुओं पर बड़ी सूक्ष्मता से लिखा है। प्रमुख अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल वी.के. चतुर्वेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में तीनों सेनाओं और इसरो के समन्वय का एक अनूठा उदाहरण देखने को मिला। यह पहला युद्ध था जिसमें सेना को सीमा की ओर जाते हुए नहीं देखा गया, जिस कारण नागरिकों को कोई परेशानी नहीं हुई। प्रोफेसर उपाध्याय ने बड़े विस्तार से सारी घटनाओं की तह में जाकर लिखा है और दूसरे विषयों जैसे टू फ्रंट वार का भी विश्लेषण किया है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक और प्रधान मंत्री के पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. ओमप्रकाश पांडेय ने कहा कि यह पुस्तक प्रो. उपाध्याय को एक प्रामाणिक रक्षा व विदेश मामलों के विशेषज्ञ के रूप में स्थापित करती है। इसमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो कुछ घटित हुआ, केवल उसका ही चित्रण नहीं है बल्कि बड़ी बारीकी से पंडित दीनदयाल उपाध्याय का रणनीतिक चिंतन और भारत के भावी हथियार जैसे अध्याय भी हैं, जो एक हिंदी आलोचक की वैज्ञानिक समझ का प्रमाण है। अमेरिका क्यों पाकिस्तान की मदद करता है, आपने इस पर भी प्रकाश डाला। सीमा सुरक्षा बल के पूर्व महानिदेशक डॉ. कृष्ण कुमार शर्मा ने सीमा सुरक्षा बल को भारत की पहली सुरक्षा पंक्ति बताते हुए इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि पुस्तक में सीमा सुरक्षा बल की भूमिका पर भी एक अध्याय है।
इस मौके पर अन्य पिछड़ा आयोग के पूर्व अध्यक्ष जगदीश यादव ने कहा कि इस पुस्तक को पढ़ने से यह पता चलता है कि मोदी सरकार ने पिछले १० वर्षों में किस तरह भारतीय सेनाओं को अपराजेय बना दिया है। कार्यक्रम के आरंभ में पुस्तक के लेखक प्रोफेसर करुणाशंकर उपाध्याय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह पुस्तक कुल 38 अध्यायों और 240 पृष्ठों में लिखी गई है। इस युद्ध में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान द्वारा छोड़ी गई 840 मिसाइलों और 1675 ड्रोन से कैसे शत-प्रतिशत बचाव किया तथा अपने आक्रमण द्वारा एक मीटर की सटीकता के साथ शत्रु के एयर बेस, राडार सिस्टम, सैन्य ठिकानों और शस्त्रागारों का विध्वंस किया, इसकी ऐसी रोमांचक पटकथा लिखी गई है जो किसी रोमांचक फिल्म से भी अधिक उत्तेजक है। राजधानी कालेज, नई दिल्ली के प्राचार्य प्रोफेसर दर्शन पांडेय ने कार्यक्रम का संचालन और प्रकाशक महेश भारद्वाज ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर सांसद गांधी, दिल्ली की मुख्य मंत्री रेखा गुप्ता के अनुज सतीश जिंदल, अंग्रेजी प्राध्यापक डॉ. राजकुमार, डॉ. प्रेमलता, डॉ. अजीतकुमार पुरी, डॉ. आलोक रंजन पांडेय, डॉ. गीता पांडेय, डॉ. लालचंद राम, डॉ. अनिल बनकर, मंजू उपाध्याय, अभिनव उपाध्याय, आयोजक कृष्णपाल, डॉ. प्रियंका मिश्र, डॉ. अमलेश पांडेय, डॉ. अंबरीश शुक्ल, डॉ.अखिलेश पांडेय, जी मीडिया से अनुवेश समेत भारी संख्या में प्राध्यापक, शोधार्थी, मीडियाकर्मी और छात्र उपस्थित थे।