राधाकृष्ण भगिया जी संघ के निष्ठावान स्वयंसेवक होने के साथ- साथ समाज की विभिन्न गतिविधियों में प्रभावपूर्ण भागीदारी रखने वाले थे। उन्होंने संघ के मुलुंड भाग सह संघचालक का दायित्व निभाया तथा सिंधी समाज की संस्कृति का जतन और संवर्धन करने में वे निरंतर प्रयत्नशील रहे।
हिंदी विवेक की स्थापना से ही राधाकृष्ण भगिया जी हिंदी विवेक के साथ जुड़े रहे। हिंदी विवेक के पाठक वृद्धि अभियान तथा सिंधी समाज विशेषांक व अन्य विशेषांकों के लिए हमें उनका नियमित सहयोग मिलता रहा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। हिंदी विवेक मासिक पत्रिका की ओर से उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि.