आज एक सुंदर समारोह में उपस्थित रहने का अवसर प्राप्त हुआ। सुबह के समय जोरदार बारिश होने के बावजूद भी रामचंद्र रामुका जी के विशेष आग्रहपूर्वक निमंत्रण के कारण इस समारोह में उपस्थित रहने का सौभाग्य मिला। एक सुंदर उपक्रम ने मन में परम आनंद का भाव निर्माण किया है। मैं सुंदर उपक्रम इसलिए कह रहा हूं क्योंकि समाज के निचले स्तर के व्यक्तियों को उनकी वर्तमान अवस्था से बाहर लाने का प्रयास इस उपक्रम में महसूस हो रहा है। ऐसे उपक्रम और उस उपक्रम से जुड़े हुए विचार सुंदर ही होते हैं।
आज गोरेगांव के आरे सिग्नल पर फ्लाईओवर ब्रिज के नीचे रहनेवाले समाज और आर्थिक दृष्टि से जरूरतमंद लोगों के लिए शिव कल्याण केंद्र के द्वारा ‘शिक्षालय’ उपक्रम प्रारंभ हुआ है। जरूरतमंद लोगों के जीवनस्तर को ऊपर उठाने के लिए आवश्यक हुनर निर्माण करनेवाली शिक्षा यहां दी जाने वाली हैं।
गोरेगांव के आरे सिग्नल के फ्लाईओवर ब्रिज के नीचे शिव कल्याण केंद्र के संचालन में यह उपक्रम प्रारंभ हुआ है। इस उपक्रम का उद्घाटन महाराष्ट्र राज्य के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर संघचालक सुरेश भगेरिया, सत्यनारायण चौधरी (आईपीएस अधिकारी), संजय यादव (कार्यकारी अभियंता, मुंबई महानगरपालिका), श्रीमती प्रीति साटम (पूर्व नगर सेविका), दिलीप पटेल (पूर्व उप महापौर), अजय पाटने (सहायक आयुक्त-साउथ वार्ड, मुंबई महानगरपालिका) उपस्थित थे।
इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुंबई महानगर संघचालक सुरेश भगेरिया ने अपने उद्बोधन में इस उपक्रम को शुभकामना देते हुए कहां कि एक अच्छा उपक्रम जो समाज के आत्यंतिक जरूरतमंदों के लिए प्रारंभ हो रहा है, यह अत्यंत आनंद की बात है। प्रारंभिक उत्साह सभी कार्यकर्ताओं में महसूस हो रहा है, वही उत्साह प्रशिक्षण के बाद यहां से बाहर निकलनेवाले युवाओं को रोजगार का माध्यम निर्माण करने के कार्य को यह संस्था अपने कार्य सूची में सुनिश्चित करें तो कार्य का मुख्य हेतु पूरा हो सकता है।
इसके अलावा समाज के अन्य गणमान्य मान्यवरों ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किये और अपनी ओर से शुभकामनाएं दी.
महाराष्ट्र राज्य के कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने अपने वक्तव्य में कहा कि महाराष्ट्र के कौशल विभाग मंत्रालय, मुंबई महानगरपालिका और शिव कल्याण केंद्र इन तीनों के विशेष प्रयास से यह उपक्रम प्रारंभ हो रहा है। इस उपक्रम को जिस उद्देश्य से प्रारंभ किया है उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए तीनों की सहभागिता कायम निश्चित रहेगी।
इस उपक्रम के कारण समाज में गुन्हेगारी का प्रमाण कम करने में योगदान मिल सकता है, इस कारण इस प्रकार के और 6 उपक्रम मुंबई में शुरू करने की घोषणा उन्होंने की। साथ में कौशल विकास मंत्रालय के माध्यम से शिक्षालय उपक्रम को विशेष सहयोग जल्द ही देने की घोषणा भी उन्होंने की है। सभागार में उपस्थित विभिन्न मान्यवरों को इस उपक्रम में अपना निश्चित सहभागिता देने हेतु आह्वान किया। रामचंद्र रामुका ने इस संपूर्ण कार्यक्रम का यशस्वी सूत्र संचालन किया। इस उपक्रम को शुरू से इस मकान तक लाने में रामचंद्र रामुका का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
जिन्हें अक्षर का ज्ञान नहीं है, उन्हें अक्षर, अंक पढ़ना-लिखना एवं कहानी-गीतों और गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को ईमानदारी, अनुशासन और सम्मान से जीने का संस्कार इस शिक्षा वर्ग में होने वाला है। साथ में उत्तम स्वास्थ्य के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता और अपने आसपास के परिसर की स्वच्छता के विषय भी उन्हें यहां पर सिखाए जाने वाले हैं। शिक्षालय की शिक्षा केवल किताबों तक सीमित न होकर युवाओं को कौशल आधारित प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी इस शिक्षालय में की गई है, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर उनमें उज्जवल भविष्य की आशा निर्माण करेगा।
शिक्षालय के उपक्रम में रचनात्मक कौशल, तकनीकी कौशल और व्यावसायिक कौशल के प्रशिक्षण की व्यवस्था है। रचनात्मक कौशल में व्यक्तियों में जो कला है, जो शौक है उसे व्यवसायिक अवसरों में परावर्तित करने का जरिया उन्हें सिखाया जाएगा। महिलाओं को मेहंदी डिजाइन, शिल्प कला आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। तकनीकी कौशल में मोबाइल रिपेयर, सीसीटीवी रिपेयर, बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य उपकरणों के रिपेयर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। व्यावसायिक प्रशिक्षण में छोटे कोर्स जो बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर निर्माण करेंगे, ऐसे छोटे कोर्स भी वहां सिखाए जाएंगे।
इन सारे प्रशिक्षण के पीछे शिक्षालय के संचालकों का कहना है कि जब बच्चे कमाना सीखते हैं तब वह सम्मान से जीना भी सिखते हैं। समाज के झुग्गी-झोपड़ियां में रहनेवाले ऐसे बच्चे हैं जिनके पास घर पर पढ़ने के लिए एक छोटा कोना भी उपलब्ध नहीं होता है। मदद करने वाला कोई हाथ भी आगे नहीं आता है। ऐसे बच्चों के लिए शिक्षालय में अध्ययन केंद्र के रूप में एक सुरक्षित और सहायक स्थान निर्माण किया गया है।
गोरेगांव के ब्रिज के नीचे प्रारंभ हुए इस उपक्रम में विद्यार्थियों को अतिरिक्त मार्गदर्शन, अध्ययन से उनके आदतों में सुधार लाने के लिए विशेष प्रयास करने की योजना शिक्षालय ने तैयार की है। इसके पीछे शिक्षालय की धारणा इस प्रकार से है कि बच्चे निरंतर सीखते रहे, शिक्षा से जुड़े रहे और उनका आत्मविश्वास उन्हें आनेवाले समय में उज्जवल भविष्य की ओर ले जाए।
कल्पना कीजिए कि जो मुंबई के हायवे ब्रिज के नीचे या झुग्गी-झोपड़ियों में रहकर अपना अंधकारमय जीवन बिता रहे हैं। जहां केवल भविष्य के संदर्भ में सन्नाटा ही है, ऐसे बच्चों और युवाओं के सामने उनके जीवन के संदर्भ में सकारात्मक रोशनी देना शिक्षालय का मुख्य उद्देश्य है। शिक्षालय का यह उपक्रम समाज के अत्यंत गरीब अवस्था में जीवन जी रहे बच्चों को अपने वर्तमान से भविष्य की रोशनी तक पहुंचाने का एक उत्तम प्रयास है। फ्लाईओवर ब्रिज के नीचे और झुग्गी-झोपड़ियों में रहनेवालों के जीवन को प्रकाशमान करने का यह प्रयास आनेवाले उज्ज्वल भारत का सपना साकार करने की दिशा में एक सकारात्मक मार्गक्रमण है।
पंडित दीनदयाल जी के अंत्योदय की विचारधारा से प्रेरणा लेकर समाज के जरूरतमंदों में उज्जवल भविष्य की आशा निर्माण करनेवाले शिव कल्याण केंद्र के इस शिक्षालय उपक्रम के भविष्य में यशस्वी होने के लिए हिंदी विवेक मासिक पत्रिका शुभकामना व्यक्त करती है।
संचालकः शिव कल्याण केंद्र
सहयोगः शिशु वेलफेअर ट्रस्ट ऑफ इंडिया आरे सिग्नल फ्लाईओवर ब्रिज के नीचे, दूधसागर सोसाइटी के सामने, वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे, गोरेगांव पूर्व, मुंबई 400063
www.shikshalay.org. [email protected] .+91-8692902523
बहुत ही सराहनीय कदम है इससे समाज में अपराध नशे की लत और धर्मान्तरण पर भी बहुत बड़े पैमाने पर अंकुश लगेगा धन्यवाद सभी को
बहुत ही सुंदर उपक्रम,
नई सोच,
जहां चाह वहां राह