हिंदुस्थान प्रकाशन संस्था के अध्यक्ष पद्मश्री रमेश पतंगे को हिंदू रिसर्च फाउंडेशन नामक संस्था की ओर से ‘महर्षि वाल्मीकि पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया. बीते दिनों नागपुर स्थित कवी कुलगुरु कालिदास सभागृह में सप्तर्षि पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया था.
उक्त संस्था सप्तर्षि वाल्मीकि, नागार्जुन, कणाद, भारद्वाज, विश्वकर्मा, आर्यभट्ट, आचार्य सुश्रुत के नाम से पुरस्कार प्रति वर्ष विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करनेवाले मान्यवरों को प्रदान करती है.
इस समारोह के दौरान भारत की गौरवशाली ऋषि परम्परा, संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान के सम्बंध में सभी का ध्यान आकर्षित कराया गया. इस दौरान आयोजकों के साथ ही पुरस्कार से सम्मानित सभी मान्यवरों ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किए और भारतीय ऋषि-मुनियों की ज्ञान-विज्ञान परम्परा कितनी समृद्ध, प्रासंगिक व कालजयी है, इस पर बल दिया. विशेष तौर पर ऋषियों के वैज्ञानिक शोध-अनुसंधान और योगदान को रेखांकित किया.
इस कार्यक्रम की एक विशेषता यह भी रही कि एआई का प्रयोग कर स्क्रीन पर जिस ऋषि के नाम से पुरस्कार दिए जा रहे थे, वे ऋषि अवतरित होकर स्वयं के कार्य के सम्बंध में जानकारी दे रहे थे और उनके कार्य क्षेत्र के व्यक्ति को यह पुरस्कार दिया जा रहा है, इसकी खुशी जता रहे थे.
सप्तर्षि पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति –
पद्मविभूषण प्रो. एम.एम. शर्मा – नागार्जुन पुरस्कार
पद्मश्री डॉ. रवि ग्रेव्हर – आचार्य कणाद पुरस्कार
पद्मश्री प्रहलाद रामराव – आचार्य भारद्वाज पुरस्कार
पद्मश्री रमेश पतंगे – महर्षि वाल्मीकि पुरस्कार
प्रो. डॉ. जी. माधवी लता – विश्वकर्मा पुरस्कार
प्रो. इंद्रनील बिस्वास – आर्यभट्ट पुरस्कार
डॉ. अनिल गोल्हर – आचार्य सुश्रुत पुरस्कार