भावी परिदृष्य

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एक ओर मैदानी क्षेत्रों के लोग कृषि को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं, जबकि पहाड़ों में इस व्यवसाय को उपेक्षित या हेय दृष्टि से देखा जाने लगा। इस कारण से भी उत्तराखंड के लोगों ने अपने प्राचीन व परंपरागत व्यवसाय को अपनाने की अपेक्षा शहरों में जाकर नौकरी करना उपयुक्त समझा। इसलिए हमें चाहिए कि हम लोगों के मन में अपनी खेती, पशुपालन व परंपरागत व्यवसाय को अपनाने के प्रति पुनः आकर्षण उत्पन्न करें।

दीपावली और कालनेमि ..

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बंधुओ, जैसे-जैसे हिंदुओं के त्यौहार समीप आते हैं, वैसे-वैसे ही कालनेमि नामक छद्म सेकुलर अपने बिलों से बाहर आकर हिंदू त्यौहारों के विरोध में अनाप-शनाप लिखना प्रारंभ कर देते हैं । होली में इनका पानी खत्म हो जाता है और दीपावली में पटाखों की आवाज से यह परेशान हो जाते…

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