महापुरुष जातियों तक सीमित नहीं होते

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लोग महामानव डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन को समग्रता से नहीं पढ़ते। किसी एक कोण से उन्हें देखकर अपने स्वार्थ से प्रेरित होकर उसकी व्याख्या करने लगते हैं। अपने-अपने स्वार्थ के लिए जब हम उनका उपयोग करने लगते हैं तो समाज में विभाजन उत्पन्न होता है। प्रस्तुत है ‘हिंदी विवेक’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रा.स्व.संघ के सह सरकार्यवाह श्री कृष्ण गोपाल जी के भाषण के कुछ महत्वपूर्ण सम्पादित अंशः-

महापुरुष जातियों तक सीमित नहीं होते

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प्रस्तुत लेख रा. स्व. संघ के सहसरकार्यवाह मा. कृष्णगोपालजी द्वारा हिंदी विवेक के ‘राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषांक’ तथा‘सामाजिक न्याय एवं डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर’ पुस्तक के लोकार्पण के अवसर पर दिए गए भाषण का शब्दांकन है।

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