बिंब-प्रतिबिंब 

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‘बिंब-प्रतिबिंब’ स्वामी विवेकानंद जी के जीवन पर आधारित आत्मकथात्मक शैली में लिखा गया एक उपन्यास है, जो मराठी के वरिष्ठ और चिर-परिचित लेखक चंद्रकांत खोत की समृद्ध लेखनी से साकार हुआ है। नब्बे के दशक में धूम मचानेवाले इस उपन्यास की उस दौर में खूब बिक्री हुई और मराठी के साहित्यकारों ने इसकी जमकर तारीफ की।

होली और बदलते संदर्भ

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परिवर्तन संसार का शास्वत नियम है। परिवर्तन के साथ संदर्भ भी बदल जाते हैं। होली के भी संदर्भ बदलते हैं। मगर ‘बुराई पर अच्छाई की जीत’ होली की ये जो मूल भावना है इसे हमें बचाना है, इसे जन-जन तक, मन-मन तक पहुंचाना है।

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