संगीत सम्राट उस्ताद रजब अली खां साहब
खां साहब पल भर के लिए भी स्वर संवेदन नहीं बिसरे थे जिसकी अनुभूति कई बार श्रोताओं ने अनुभव की है।... राग की विशालता परखना और उसे गहराई से गाना उनका स्वभाव था। संगीत जगत की अनंतता के प्रति उनकी अटूट आस्था थी। वे संगीत जगत की एक बहुमूल्य हस्ती थे, जिनकी चौंका देने वाली पेशकश अविस्मरणीय होती थी।