छत्तीसगढ़ में सकारात्मक जनादेश
कभी म. प्र. का हिस्सा रहे छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव अन्य चार राज्यों की तुलना में पूरी तरह अलग कहे जा सकते हैं। आदिवासियों की बहुतायत वाला यह राज्य धान का कटोरा कहलाता है।
कभी म. प्र. का हिस्सा रहे छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव अन्य चार राज्यों की तुलना में पूरी तरह अलग कहे जा सकते हैं। आदिवासियों की बहुतायत वाला यह राज्य धान का कटोरा कहलाता है।
विविधता में एकता भारत की विशेषता’ केवल एक नारा नहीं वरन् वास्तविकता है। विश्व का शायद ही कोई ऐसा देश होगा जहां खान-फान, फहनावा, ऋतु एवं सामाजिक रीति-रिवाजों में इतनी विविधता हो। यही कारण है कि ‘कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है’ का वाक्य जगह-जगह लिखा दिख जाता है। ‘कच्छ हो या गुवाहाटी, अर्फेाा देश अर्फेाी माटी’ का उद्घोष हमारी भावनात्मक एकता का जीता-जागता प्रमाण है।
आज जब देश भर में विश्वास का संकट हो और नेतृत्व की प्रामाणिकता खतरे में फड़ी हो, तब एक ऐसा व्यक्ति जो, विगत कुछ वर्षों से घर के बाहर न निकला हो और सार्वजनिक तौर फर उसकी कोई उफस्थिति कहीं दर्ज न हो, यदि अभी भी लोकप्रियता और जनता के विश्वास की कसौटी फर खरा उतरता हो, तो फिर यह मानना ही फड़ेगा कि वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं हो सकता।