नए भारत की नई पहचान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना का नया भारत वास्तविकता में जरूर आना चाहिए। रामराज्य भारत में पुन: आए और अखण्ड भारत फिर से बने।

योग – एक जीवन ज्ञान

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योग का संबंध अपने मन से है। पंच महाभूतों से बना शरीर यही ज्ञान देता है कि पंचतत्वों का सात्विक या तामसी स्वरूप मनुष्य की मानसिक अवस्था का दार्शनिक रूप है। सामान्य मानव को शरीर और मन की सुप्त शक्ति का अंदाजा नहीं होता। योग साधक अपनी अखंड योग साधना से इन सुप्त शक्तियों को जागृत करता है।

अध्यात्म से जुड़े युवा शक्ति

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स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय युवक दिवस पर आवाहन करते हैं, ए मेरे युवा बंधुओ और बहनो, अध्यात्म के मार्ग पर आइये और अपनी साधना से- शक्ति से पूरे विश्व में सकारात्मक क्रांति का उद्घोष करें। चलो अपने अंदर के विवेकानंद को जगाते हैं और एक सम्पूर्ण,…

संस्कार और उनका महत्व

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गर्भसंस्कार से अंत्येष्टि तक किए जाने वाले संस्कार हजारों सालों से हमारे नित्य कर्म का एक महत्वपूर्ण अंग बन चुके हैं। संस्कारों की रीति, तरीके और मुख्यत: उनका शास्त्रीय तथा वैज्ञानिक उद्देश्य आनेवाली पीढ़ी जानें इसके लिए संस्कारों का मुख्य स्वरूप और उद्देश्य अबाधित रखकर अलग अंदाज में ‘संस्कार शिविर’ आयोजित किए जाने चाहिए।

नेत्रदान, महाअभियान

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अपने शरीर का हर अंग अगर हमारी मृत्य् के उपरांत दूसरे को नया जीवनदान दे सके तो यह पुण्य का कार्य प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए। ‘आई प्लेज, वी प्लेज’ के महाअभियान में अब तक 50 लाख से अधिक लोग शामिल हो चुके हैं। आइए, आप भी उसका हिस्सा बनिए। यह ईश्वरीय कार्य है।

योग- सहयोग से स्वस्थ राष्ट्र

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आज के भागदौड़ वाले जेट-युग में स्वयं को समय देना बड़ा कठिन होता जा रहा है, और स्वास्थ्य बिगाड़ने के लिए फास्ट फूड का सेवन, तनाव के दौरान वैज्ञानिक चेतावनी के बावजूद भी धूम्रपान और मद्यपान तो है ही। समय-समय पर शरीर के द्वारा की जाने वाली शिकायतों को सुनने के लिए फुरसत किसके पास है?

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