गंगा का आर्थिक योगदान
मां गंगा का महात्म्य सिर्फ इस तथ्य से जाना जा सकता है कि ‘हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है’, वैश्विक स्तर पर यह बताने मात्र से लोगों को यह ज्ञात हो जाता है कि अमुक व्यक्ति भारतीय है। कवि पंडित हरेराम द्विवेदी जी ने अपनी काव्य पंक्तियों में व्यक्त किया है-मर्यादा है इस देश की पहचान हैं गंगा; पूजा, है धरम, दीन है, ईमान है गंगा।