सशक्ति करण के चार दशक
साई एडवरटाइजर शायद भारत की पहली विज्ञापन एजेंसी है जो एक महिला श्रीमती गुलेशन पटेल द्वारा स्थापित की गई और चालीस वर्षों के बाद भी सफलतापूर्वक चल रही है।
साई एडवरटाइजर शायद भारत की पहली विज्ञापन एजेंसी है जो एक महिला श्रीमती गुलेशन पटेल द्वारा स्थापित की गई और चालीस वर्षों के बाद भी सफलतापूर्वक चल रही है।
1985 की बात है। दक्षिण मुंबई में किराये का एक छोटा सा कमरा दो मेजें, दो कुर्सियां, एक टाइपराइटर, एक ड्राइंग बोर्ड, कुछ ब्रश, पेन और रंग। तीन लोग और शुरू हो गयी विज्ञापन की दुनिया में वेंचर्स की एक साहस भरी यात्रा, इस उद्देश्य के साथ कि बहुत बडा तो नहीं बनना है, लेकिन काफी छोटा भी नहीं रहना है।
किसी भी उत्पाद को लोगों तक पहुनचांने में विज्ञापनों का बहुत बड़ा योगदान होता है। प्रतियोगिता के इस दौर में तो इस बात की होड लगी है कि किस उत्पाद का विज्ञापन कितना प्रभावशाली है।
कांग्रेस इसे जाने इसलिए सोशल मीडिया के उपयोग करने वाले 10 जनपथ के समक्ष फलैशमॉब कर सकते हैं और सोनिया गांधी की अंतरात्मा को पुकार सकते हैं, ‘क्यों यह कोलावेरी.... क्यों यह कोलावेरी...?’