महागठबंधन का सपना कांग्रेस मुक्त भारत
एनसीपी जैसी एकाध क्षेत्रीय पार्टी के अलावा कांग्रेस को कोई साथ नहीं रखना चाहता। विपक्ष के महागठबंधन से यह बात साफ हो गई है कि क्षेत्रीय दल खुद ही कांग्रेस मुक्त भारत चाहते हैं।
एनसीपी जैसी एकाध क्षेत्रीय पार्टी के अलावा कांग्रेस को कोई साथ नहीं रखना चाहता। विपक्ष के महागठबंधन से यह बात साफ हो गई है कि क्षेत्रीय दल खुद ही कांग्रेस मुक्त भारत चाहते हैं।
स्लोगन उन शब्द समूहों या वाक्यांशों को कहा जाता है जो राजनैतिक, व्यावसायिक, धार्मिक और अन्य संदर्भों में प्रयोग किए जाते हैं। ये मुख्यत: उत्पाद की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए बनाए जाते हैं। विज्ञापनों में स्लोगन का मुख्य लक्ष्य ग्राहक के दिमाग पर उस उत्पाद की छवि को अंकित करना होता है।
सुफरएज एडवर्टाइजिंग एजेन्सी की स्थार्फेाा वर्ष 1971 में हुई थी और आज इस कम्र्फेाी के दो कार्यालय मुंबई तथा बडोदरा में कार्यरत हैं। सुफरएज एडवर्टाइजिंग प्रा. लि. के संस्थाफक महेन्द्र शाह को अर्फेाी युवावस्था में ही यह फता चल गया था
साई एडवरटाइजर शायद भारत की पहली विज्ञापन एजेंसी है जो एक महिला श्रीमती गुलेशन पटेल द्वारा स्थापित की गई और चालीस वर्षों के बाद भी सफलतापूर्वक चल रही है।
1985 की बात है। दक्षिण मुंबई में किराये का एक छोटा सा कमरा दो मेजें, दो कुर्सियां, एक टाइपराइटर, एक ड्राइंग बोर्ड, कुछ ब्रश, पेन और रंग। तीन लोग और शुरू हो गयी विज्ञापन की दुनिया में वेंचर्स की एक साहस भरी यात्रा, इस उद्देश्य के साथ कि बहुत बडा तो नहीं बनना है, लेकिन काफी छोटा भी नहीं रहना है।
किसी भी उत्पाद को लोगों तक पहुनचांने में विज्ञापनों का बहुत बड़ा योगदान होता है। प्रतियोगिता के इस दौर में तो इस बात की होड लगी है कि किस उत्पाद का विज्ञापन कितना प्रभावशाली है।
कांग्रेस इसे जाने इसलिए सोशल मीडिया के उपयोग करने वाले 10 जनपथ के समक्ष फलैशमॉब कर सकते हैं और सोनिया गांधी की अंतरात्मा को पुकार सकते हैं, ‘क्यों यह कोलावेरी.... क्यों यह कोलावेरी...?’