तबादला by सुशीलकुमार फुल्ल 0 मंत्री बांके बिहारी का दरबार सजा हुआ था। दरअसल जब भी मंत्री जी अपने घर आते, तो इलाके के सब...
उसकी आवाज by सुशीलकुमार फुल्ल 0 फिन्टू रिरिया रहा था। उसकी आवाज में दर्द था। उसे लगा उसका बापू भी उसकी फरियाद को अनसुना कर रहा...