मजदूर आंदोलन के क्रांति पुरुष – दत्तोपंत ठेंगडी

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भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगडी की अगले वर्ष जन्म शताब्दी है। उनके अथक परिश्रमों और एकात्म समाज चिंतन से ऐसा मजदूर संगठन खड़ा हो गया है, जो इस समय देश का प्रथम क्रमांक का श्रम संगठन है। उनका व्यक्तित्व एक ‘महान श्रम पुरुष’ है, जिनके पदचिह्नों का सदा आभास होता रहेगा।

गुलामी की आहट सुनो

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भारत में 1993 को नयी औद्योगिक नीति की घोषणा हुई। विदेशी ऋण चुकाने के लिए भारत का जून 1991 में 43 टन सोना गिरवी रखना पड़ा। बाद में अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) ने भारत को 6.25 बिलियन डॉलर का ऋण दिया, किन्तु साथ-साथ अपनी शर्तें रखीं।

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